गांव जोधपुर के डेरे में स्थिति बनी तनावपूर्ण

punjabkesari.in Thursday, Apr 27, 2017 - 03:55 PM (IST)

मौड़ मंडी (प्रवीन/वनीत): उदासीन आश्रम डेरा बाबा सरूप दास जी श्री श्री 1008 महंत गोबिंदा नंद गऊशाला गांव जोधपुर पाखर में उस वक्त माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब पहले वाले गद्दीनशीन संत स्वर्ण दास भोला अपने साथियों सहित डेरे पर कब्जा करने के इरादे से डेरे में घुस गए परन्तु थाना मौड़ पुलिस की सूझबूझ से मामला शांत हो गया। 

जानकारी के अनुसार डेरे के संत बचन दास की 1999 में मौत हो जाने के बाद संतों के चेले संत स्वर्ण सिंह भोला को गद्दीनशीन बना दिया गया, परन्तु 2002 में संत स्वर्ण सिंह भोला को थाना मौड़ में 375 का मामला दर्ज हो जाने के कारण जेल जाना पड़ा। इसके बाद डेरे का प्रबंध 2003 में संत गोबिंदा नंद उदासीन डेरा हीरे वाला ने संभाल लिया और डेरे के विकास के लिए अनेक अच्छे कार्य किए परन्तु मानयोग अदालत ने 2004 में संत स्वर्ण सिंह भोला को 376 के केस में बरी कर दिया और जेल से रिहा होकर उन्होंने आज फिर डेरे का प्रबंध अपने हाथों में लेने की कोशिश की। 

जब संत स्वर्ण सिंह भोला को यह पता चला कि संत गोबिंदा नंद जी डेरे में मौजूद नहीं हैं तो अपने साथियों सहित डेरे में दाखिल होकर एक कमरे में अपने आप को बंद कर लिया। जब इसका पता संत गोबिंदा नंद को चला तो वह भी भारी गिनती में गांव वासियों को साथ लेकर डेरे में पहुंचे जिस कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया परन्तु पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत करवा दिया। इस संबंधी एस.एच.ओ. रछपाल सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों को थाने में बुलाकर कह दिया है कि संत स्वर्ण दास भोला और संत केशो राम डेरे में न जाएं, जबकि संत गोबिंदा नंद जी डेरे में रहेंगे। 


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