रसोई गैस का संकट, उपभोक्ता परेशान

punjabkesari.in Thursday, Sep 21, 2017 - 11:24 AM (IST)

जालंधर (सुनील): जहां एक ओर मोदी सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी तथा जी.एस.टी. के कारण लोग परेशान हैं। वहीं पैट्रोल व डीजल तथा एल.पी.जी. सिलैंडरों में आए दिनों हो रही मूल्य वृद्धि लोगों का सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ा रही है। हालात ये हैं कि पैसे देने पर भी कोई चीज सही ढंग से मिल नहीं रही। इसका उदाहरण इंडियन ऑयल कम्पनी से हो रही गैस सिलैंडरों की आपूर्ति है ।

सूत्रों की मानें तो आजकल इस कम्पनी के उपभोक्ता एल.पी.जी. गैस की सप्लाई से परेशान हैं। 15-20 दिन की वेटिंग निरन्तर चल रही है और ऊपर से त्यौहारों के सीजन के कारण गैस सिलैंडर मिलना मुश्किल हो गया है। इस बारे में जब जांच की गई तो पता चला है कि 15-20 दिनों तक लोगों को गैस न मिलने के कारण लोग इसके लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। हाल ये है कि कई घरों में तो फिर से स्टोव जलाया जा रहा है। यह भी पता चला है कि कुरुक्षेत्र में इंडियन ऑयल कंपनी की पाइप लाइनों की मुरम्मत चलने के कारण लोगों को यह असुविधा हो रही है।

परेशानी केवल घरेलू उपभोक्ताओं को
गैस आपूर्ति की कमी केवल घरेलू उपभोक्ताओं को हो रही है। जबकि ढाबों और रेहड़ी वाले घरेलू सिलैंडरों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। आखिर तंगी के इन दिनों में गैस सिलैंडरों की सप्लाई कौन मुहैया करवा रहा है, यह समझ से परे है।


एजैंसी नियमों को ताक पर रख कर सप्लाई कर रहे डिलीवरी ब्वॉय
गैस एजैंसी के सिलैंडरों को रेहड़ी पर लाद कर डिलीवरी करने वाले डिलीवरी ब्वॉय को नियमों को ध्यान में रख कर ही डिलीवरी करनी होती है मगर न तो कोई वर्दी पहने दिखता है, न ही रेहड़ी पर एजैंसी का नाम, फोन नं. तथा भार तोलने वाली मशीन होती है। लोगों को यह भी नहीं पता होता है कि यह रेहड़ी पर सप्लाई करने वाला डिलीवरी ब्वॉय कौन सी एजैंसी का है। 

क्या कहना है सेल अधिकारी का
जब इस बारे इंडियन ऑयल की सेल अधिकारी नेहा थापा से सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने यह तर्क दिया कि इस समस्या का समाधान शीघ्र से शीघ्र हो जाएगा तथा गैस आपूर्ति नियमित तौर पर मिलने लगेगी।


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