Exclusive: कमिश्नरेट पुलिस व प्रशासन की लापरवाही के चलते ट्रैवल कारोबारी को नहीं मिला लाइसैंस

punjabkesari.in Saturday, Jun 16, 2018 - 10:19 AM (IST)

जालंधर(सुधीर): कमिश्नरेट पुलिस व प्रशासन की लापरवाही के चलते ट्रैवल कारोबारी को लाइसैंस नहीं मिला, बल्कि 1 साल पहले लाइसैंस अप्लाई करने के बावजूद उसे एम.ए. ब्रांच में धक्के खाने पड़े व उसके बावजूद उसे फाइल का कोई रिजल्ट नहीं मिला, पर अब एम.ए. ब्रांच से ट्रैवल लाइसैंस का काम खत्म होने के बाद जिलाधीश ने सारा काम अपनी निगरानी में लिया तो ट्रैवल कारोबार का नया काम शुरू करने वाले गुरदर्शन लाल को 1 साल बाद जवाब मिला, ‘सर तुहाडी पुलिस इंक्वायरी  ही गलत होई आ, तुसीं दोबारा पुलिस इंक्वायरी करवाओ।’ जवाब सुनकर गुरदर्शन लाल भी हैरान हो गया। उसने बताया कि जी.टी. रोड पर उनका अपना रैडीमेड गारमैंट्स का कारोबार है। उन्होंने करीब 1 साल पहले अपनी बिल्डिंग में ट्रैवल कारोबार व टूर पैकेज का काम खोलने का मन बनाया, जिसके चलते 1 जून 2017 को लाइसैंस लेने की प्रक्रिया पूरी कर सभी दस्तावेज सुविधा सैंटर में जमा करवा दिए पर उसके बावजूद उन्हें लाइसैंस नहीं मिला। 

एक ही जवाब मिलता-तुहानू चिट्ठी आऊगी...
गुरदर्शन लाल ने आरोप लगाया कि लाइसैंस अप्लाई करने के बाद वह करीब 1 साल तक एम.ए. ब्रांच के चक्कर काटते रहे। हर बार एक ही जवाब मिलता - ‘तुहानू चिट्ठी आऊगी तुसीं फेर आणा।’ 1 साल बीतने के बावजूद न तो चिट्ठी आई और न ही लाइसैंस मिला। लाइसैंस प्रक्रिया एम.ए. ब्रांच से डिप्टी कमिश्नर के पास आने पर उन्हें असलियत पता चला।  सभी दस्तावेज जमा करवाने के बाद पुलिस मुलाजिम उनकी बिल्डिंग में न तो इंक्वायरी करने आए  और न ही आसपास किसी से कोई पूछने के लिए आया। उनके घर आए पुलिस मुलाजिम ने पूछा कि आप कितनी देर से काम कर रहे हो। हमने जवाब दिया कि अभी नया काम शुरू करना है, इसलिए लाइसैंस अप्लाई किया है। पुलिस मुलाजिम ने पूछा आपकी बिल्डिंग कितनी पुरानी है जिसके बाद उन्होंने कहा कि बिल्डिंग 17 साल पुरानी है। 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News