शहर में पुलिस की छापेमारी, ट्रैवल एजेंटों व फाइनेंसरों में मचा हड़कंप

punjabkesari.in Monday, May 13, 2024 - 11:34 AM (IST)

जालंधर (सुधीर): पढ़ाई के तौर पर छात्रों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी के कई मामले तो सामने आते ही रहते हैं पर अब कई कथित ट्रैवल एजेंटों ने अपनी जेबें गर्म करने व छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ करके बैंकों में जमा फंडों में फर्जीवाड़ा व फर्जी लोन लैटरें लगाकर छात्रों को विदेश भेजने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए ऐंठने का गोरखधंधा चला रखा है। गत दिनों कमिश्नरेट पुलिस ने भी शहर में फंड शो करने के नाम पर एक दफ्तर में छापेमारी करके 2 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था जबकि पुलिस की छापेमारी दौरान दोनों आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं आए। 

वहीं शहर में फंड शो करने के नाम पर पुलिस की छापेमारी की सूचना मिलते ही शहर में कई फर्जी एैंजटों व कई फाईनैंसरों में हडकंप मच गया। बताया जा रहा कि पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग शहर में विदेश भेजने के नाम पर लोगों से फर्जीवाड़ा कर लोगों से लाखों की ठगी कर रहे है व भोले भाले लोगों को विदेश भेजने के संबध में उनके जाली दस्तावेज तैयार करके व उनके बैंक खाते खोल कर व उनके नाम के खातों में पैसे जमा करवा कर उनसे मोटी रकम वसूल करते है जिसके बाद पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा के आदेशों पर पुलिस टीम ने स्थानीय अर्बन एस्टेट क्षेत्र में एक दफ्तर में छापेमारी कर वहां से कई दस्तावेज बरामद कर 2 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है लेकिन मामला दर्ज होने के बाद कोई भी आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढा। पुलिस ने धोखाधड़ी के साथ ही मामले में 120 -बी की धारा भी जोड़ी जिससे साफ होता है कि इस गौरखधंधे को चलाने में 2 नहीं बल्कि उनके कुछ और साथी भी शामिल है। जिसकी पुलिस जांच कर रही है। 

पुलिस दूारा दर्ज किए मामले में साफ लिखा है कि फर्जीवाड़ा करने वाले कथित ट्रैवल ऐंजटों के पास कोई मान्यता प्राप्त लाईसैंस भी नहीं है। दूसरी तरफ पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने बताया कि कमिश्नरेट पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। उन्होने बताया कि अगर जांच में कोई और आरोपी पाया गया तो उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि आम तौर पर विदेश में पढ़ाई करने जाने के चाहवान छात्रों को अपने बैंक खातों में लाखों रुपए वीजा आवेदन पत्र के साथ दिखाने पढ़ते है पर कई छात्र व उनके परिजन तो फंड शो कर देते है पर कई फंड शो न करने में असमर्थ होते है जिसे लेकर कई ट्रैवल कारोबारी छात्रों को फंड शो करवाने के नाम पर अपना शिकार बनाते है। 

अगर उक्त छात्र का आवेदन पत्र रिफ्यूज भी हो जाता है तब भी उक्त एजेंट छात्र से लाखों रुपए वसूल कर लेते है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस की कारवाई के बचने के लिए कई शातिर ट्रैवल कारोबारीयों ने कई कथित फाईनैंसरों के साथ मिलीभुगत करके फंड लेने वाले आवेदक से पहले ही एफेडैविट पर उसके हस्ताक्षर करवा लिए होते है ताकि अगर आवेदक का वीजा रिफ्यूज होने पर अगर किसी फाईनैंसर यां ट्रैवल कारोबारी की कोई आवेदक शिकायत करता है तो वह पुलिस की कारवाई से बचने के लिए पुलिस को पहले ही आवेदक दूारा साईन किया हुआ एफिडैविट दिखा सके। 

उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले यू.के. एबेंसी ने भी फर्जी फंड शो करने के नाम पर शहर के एक बैंक का फर्जीवाड़ा पकड़ा था जिसके बाद यू.के. एबैंसी द्वारा फंड शो करने के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आने पर बैंक के हैड आफिस में इसकी सूचना दी। हैड आफिस से फर्जीवाड़े की सूचना आने पर कई बैंक अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। वहीं बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद यह बात पूरे राज्य में जंगल में आग की तरह फैल गई। 

बताया जा रहा है कि उक्त फर्जीवाड़े में बैंक के अधिकारी व बैंक मैनेजर की ऑडियों भी वायरल हुई थी जिसको लेकर राज्य भर में हडकंप मच गया था। दूसरी तरफ कुछ माह पहले भी कनाडा में पढाई के तौर पर फर्जी दस्तावेजों पर गए 700 छात्रों का फर्जीवाड़ा कनाडा सरकार ने पकड़ा था जिसमें जालंधर के 1 ट्रैवल कारोबारी का नाम सामने आया था। जिसके बाद 700 छात्रों पर डिर्पोट होने तक खतरा भी मंडराने लगा पड़ा था । ट्रैवल एैंजट द्वारा किए गए फर्जीवाड़े को लेकर छात्रों व उनके परिजनों को भी भारी परेशानीयों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद कमिश्नरेट पुलिस ने जालंधर के ट्रैवल कारोबारी के खिलाफ भी कई मामले दर्ज किए। मामला दर्ज होने के बाद भी उक्त ट्रैवल कारोबारी पुलिस की गिरफत में नहीं आ सका।

इसके साथ ही बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दौरान फर्जी दस्तावेजों पर गए कई छात्रों को यू.के. सरकार ने भी डिर्पोट किया है। अभी अगर कुछ माह पहले की बात की जाए तो ट्रैवल एैंजटों द्वारा अपनी जेबें गर्म करने के लिए कई गुजरातियों के साथ मिल कर फर्जी दस्तावेजों पर वर्क परमिट पर यू.के. गए लोगों का भी यू.के. सरकार ने फर्जीवाड़ा पकड़ कर करीब 1 हजार कंपनीयों के लाईसैंस तक सस्पैंड कर दिए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि यू.के. सरकार ने कुछ समय पहले हैल्थकेयर सैक्टर व कई अन्य सैक्टरों में वकैंसियां निकाली थी जिस बात को लेकर राज्य भर के कई ट्रैवल कारोबारियों ने खूब फायदा उठाया जिसके चलते उन्होने लोगों को यू.के. में काम दिलवाने के नाम पर व 1 माह में यू.के. में 2 से 3 लाख रुपए की सैलरी देने की बात कह कर फर्जी दस्तावेजों पर उनसे 30-30 लाख लेकर यू.के. भेज डाला। यू.के. सरकार को जब इस बात का पता चला तो उन्होने करीब 1 हजार कंपनीयों के लाईसैंस तक सस्पैंड कर दिए जिसको लेकर वहां 30-30 लाख देकर पहुंचे लोगों को काम मिलना तो दूर की बात उन्हें रोटी खानी तक मुश्कि हो गई। वहीं अब कई लोग वहां इनलीगल हो गए। पैसे न मिलते व अपने साथ धोखाधड़ी होते देख राज्य भर के कई शहरों में लोगों ने कथित एैंजटों के खिलाफ पुलिस विभाग को शिकायतें की। अगर प्रशासन फर्जी ट्रैवल कारोबारीयों पर शिकंजा कसे तो कई लोग ठगी का शिकार होने से बच सकते है।

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News Editor

Urmila

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