ट्रीटमैंट प्लांट चालू है तो कैसे आ रही है ट्रीटेड वाटर में स्लज!

punjabkesari.in Tuesday, Feb 26, 2019 - 09:48 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): बस्ती पीरदाद में चल रहे 50 एम.एल.डी. के ट्रीटमैंट प्लांट पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे और सरकारी फाइलों में यह ट्रीटमैंट प्लांट रैगुलर 24 घंटे काम कर रहा है पर इसके बावजूद ट्रीट हुए पानी में इतनी स्लज कहां से आ रही है, इन सवालों के साथ आज ट्रीटमैंट प्लांट के साथ लगते गांवों नाहलां, चमियारा और गिल के सरपंचों, पंचों और इलाका वासियों ने मिल कर ट्रीटमैंट प्लांट के आगे रोष प्रदर्शन किया। बाबा बलदेव सिंह, मोहन सिंह, अजैब सिंह, गुरमीत सिंह उप्पल सरपंच आदि ने बताया कि ट्रीटमैंट प्लांट के नाम पर सरकार लोगों को मूर्ख बना रही है और रोजाना हजारों लीटर बिना ट्रीट किया पानी काला संघिया ड्रेन में डाला जा रहा है। 


संत सीचेवाल खुद पकड़ चुके हैं भूमिगत पाइपें
लोगों ने बताया कि ट्रीटमैंट प्लांट का काम है कि लैदर काम्पलैक्स के गंदे पानी को ट्रीट करके साफ करने के बाद ही ड्रेन में डाला जाए पर अगर ड्रेन के पानी की चैकिंग की जाए तो सारा पानी गंदगी से भरा मिलेगा। कई बार खुद संत सीचेवाल ने मौके पर चैकिंग करके जमीन के नीचे पाइपों को पकड़ा जिससे अनट्रीटेड पानी ड्रेन में पड़ रहा था। इलाका वासियों प्यारा सिंह, राजबीर सिंह, कर्मजीत कौर और सर्बजीत कौर ने बताया कि इस ट्रीटमैंट प्लांट के सही तरीके से काम न करने के कारण आस-पास के इलाकों में बीमारियों की भरमार हो चुकी है। जो ट्रीटमैंट प्लांट गंदे पानी की सफाई के लिए 24 घंटे चलना चाहिए वह दिन में 3-4 घंटे मुश्किल से चलाया जाता है। बिजली जाने के बाद कभी जैनरेटर नहीं चलाए जाते। कई बार तो कई-कई दिन ट्रीटमैंट प्लांट बंद रहता है।

रिकार्ड के लिए रखा जा रहा है साफ पानी  
इस मौके लोगों ने ट्रीटमैंट प्लांट के अंदर जाकर मीडिया कर्मियों को दिखाया कि कैसे ट्रीट किए पानी में भारी मात्रा में स्लज और पॉलीथीन बह रहा है। सरकारी रिकार्ड को सही दिखाने के लिए मौके पर देखा गया कि ट्रीट पानी के आंकड़े लेने के लिए मशीन एक बाल्टी में डाली गई थी जिसमें साफ पानी रखा गया था। गांववासियों ने बताया कि इस प्रकार साफ पानी के आंकड़े लेकर सरकार को बताया जाता है कि ड्रेन में साफ पानी जा रहा है जबकि मशीन तो ट्रीट पानी के पौंड में डाली जानी चाहिए ताकि असल आंकड़े सामने आ सकें। 


दुधारू पशुओं से इंसानों में आ रहा कैंसर और काला पीलिया
 बाबा बलदेव सिंह और सरपंच गुरमीत सिंह उप्पल ने बताया कि इलाके में कई गुज्जरों के डेरे हैं जहां सैंकड़ों की तादाद में दुधारू पशु हैं। ये गुज्जर अपने पशुओं को काला संघिया ड्रेन में नहाने और आसपास की जमीन पर चरने को छोड़ देते हैं। ये दुधारू पशु जब ड्रेन के गंदे पानी में नहाते हैं और उसे पीते हैं तो उनके दूध में जहरीले तत्व चले जाते हैं। इनका दूध पीने से लोगों में कैंसर और काला पीलिया जैसे गंभीर रोग पैदा हो रहे हैं। इस बारे कई बार एन.जी.टी. को लिखा गया है, जिसने पंजाब सरकार को जुर्माना भी लगाया है पर इसके बावजूद ड्रेन की सफाई और ट्रीटमैंट प्लांट के  सही तरीके से संचालन की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।


लैदर फैक्टरियों के कारण गांव बनता जा रहा है हड्डारोड़ी
लोगों ने बताया कि गांव में ट्रीटमैंट प्लांट के साथ लगती 2 एकड़ जमीन पर और ड्रेन के साथ लगती जमीनों पर कई जगह लैदर की फैक्टरियों के  मालिकों द्वारा कच्चा चमड़ा और मांस की वेस्टेज फैंकी जा रही है जिसे खाने के लिए यहां आवारा कुत्ते इकट्ठे हो जाते हैं। इस कारण नाहलां से चमियारा रोड पर से गुजरना दुश्वार हो गया है। लोगों ने मौका दिखाते हुए बताया कि इस गंदगी के कारण न सिर्फ इलाके में बदबू फैली रहती है। उन्होंने नगर निगम और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस मौके जगीर सिंह, गुरमेल सिंह, अमरजीत सिंह, राजकुमार राजा, भजन सिंह व जीता भी मौजूद थे।

मेयर बोले- मौके पर जाऊंगा, पर्यावरण अधिकारी ने कहा-नहीं मिली शिकायत
इस मामले बारे जब जालंधर नगर निगम के मेयर जगदीश राज राजा से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें ट्रीटमैंट प्लांट के कारण लोगों को पेश आ रही परेशानियों का पता नहीं था,अब बात ध्यान में आई है तो वह खुद ट्रीटमैंट प्लांट का दौरा करेंगे और उसे सही तरीके से चालू करवाएंगे। वहीं जिला पर्यावरण अधिकारी अरुण कक्कड़ ने कहा कि नाहलां से चमियारा रोड पर जो चमड़ा फैक्टरी वालों की ओर से कच्चा चमड़ा या मांस फैंका गया है उसकी उन्हें शिकायत नहीं मिली थी पर जल्द ही वह मौके पर दौरा करके सारी गंदगी वहां से हटवाएंगे।


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