Women’s day : पति ने बेचा फिर भी नहीं हारी हिम्मत और बनी एंबुलेंस ड्राइवर, पढ़िए संघर्ष की कहानी

punjabkesari.in Monday, Mar 08, 2021 - 03:49 PM (IST)

जालंधर (खुशबू): दुनिया में अक्सर ही कहा जाता हैं कि महिलाएं अच्छी ड्राइवर नहीं होती हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताएगें जो न केवल एक अच्छी ड्राइवर है बल्कि एंबुलेंस चला कर अब तक कई लोगों की जान भी बचा चुकी हैं जालंधर की एंबुलेंस ड्राइवर मनजीत कौर जो कि पिछले काफी समय से एंबुलेंस चला रही है लेकिन मनजीत के लिए अपने पैरों पर खड़े होना आसान बता नहीं था, इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्हें कई तरह के संघर्षों का सामना करना पड़ा।

200 रूपए के लिए पति ने दिया था बेच
मनजीत कौर ने बताया कि 15 साल की उम्र में उनकी शादी एक शराबी पति से हो गई थी। उनके शराबी पति ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए घर का सारा समान बेचने के बाद उन्हें भी 200 रूपए में बेच दिया था।

बेटियों की भी की थी हत्या
इतना ही नहीं मनजीत के पति ने उन्हें बेचने के साथ उनकी दो बेटियों की भी हत्या की थी। उनकी एक बेटी डेढ़ महीने और दूसरी बेटी गर्भ में ही थी जब उसकी हत्या कर दी। इसके बाद 1996 में मनजीत के बेटा हुआ था।  

खुद के लिए शुरू की एंबुलेंस चलानी
ससुराल और मायके द्वारा साथ न देने पर मनजीत कौर ने एंबुलेस चलानी सीखी। तब उनके मुंह बोले भाई ने उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। तब मनजीत ने कूड़े में पड़ी वैन लेकर एंबुलेंस चलानी शुरू की।  

काम के लिए लोगों ने भी किया सम्मानित
मनजीत कौर ने जब एंबुलेंस चलानी शुरू की तो पहले लोगों ने उनका साथ नहीं दिया लेकिन धीरे-धीरे उनका साथ देना शुरू कर दिया। मनजीत कौर का कहना है कि लोगों को मरे हुए लोगों से डर लगता है लेकिन उन्हें अब जिंदा लोगों से डर लगता हैं । अब तक एंबुलेंस चलाते हुए वह कई राज्यों में जा चुकी हैं। 


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Content Writer

Tania pathak

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