कैप्टन सरकार के 1 वर्ष में पंजाब को मिला दूसरा शिक्षा मंत्री

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 08:34 AM (IST)

लुधियाना(विक्की): कैप्टन सरकार के 1 वर्ष के शासनकाल में दूसरे शिक्षा मंत्री बनाए गए ओम प्रकाश सोनी बेशक सीनियर कांग्रेस विधायक होने के कारण तजुर्बेकार कहे जाते हैं लेकिन शिक्षा विभाग का संचालन करना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।अरुणा चौधरी ने अपने 1 वर्ष के कार्यकाल के दौरान कई योजनाएं लाकर सरकारी अध्यापकों को विभागीय कार्यों में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के प्रयास किए हैं। अब अरुणा चौधरी ने पिछले कुछ समय में कई योजनाएं शुरू की हैं लेकिन जब उन्हें पूर्णरूप से लागू करने का समय आया तो कैप्टन ने उनका विभाग बदलकर नए कैबिनेट मंत्री ओ.पी. सोनी को सौंप दिया।

इन विषयों पर देना होगा खास ध्यान
-निजी स्कूल ओर सरकारी स्कूल के शिक्षा स्तर के अंतर को पूरा करना।
-कॉन्ट्रैक्टर अध्यापकों को रैगुलर करना।
-प्राइमरी और मिडल स्कूल में मूल भूत सुविधाओं को यकीनी बनाना।
-अध्यापकों के वेतन को रैगुलर करना।
-वर्दी, किताबें, मिड-डे मील के लिए समय पर फंड उपलब्ध करवाना।
-परख समय पूरा कर चुके अध्यापकों को पूरा वेतन देना।
-प्राइमरी और मिडल स्कूल के लिए खेल नीति को अमली जामा पहनाना।
-मिडल स्कूल मे अध्यापकों की गिनती कम करने का मुद्दा।
-पारदर्शी तबादला नीति
-तबादला नीति पर 7 साल की शर्त खत्म करना।
-स्कूल मर्ज करने के हो रहे विरोध का हल।
-अध्यापकों के वित्तीय मुद्दों का समाधान।

फंड के अभाव में रुक जाती हैंं स्कीमें 
यहीं बस नहीं शिक्षा से संबंधित कई केंद्रीय स्कीमों में केंद्र सरकार के फंड देरी से आने के चलते पंजाब सरकार भी अपना फंड नहीं दे पाती, ऐसे में स्कूलों में उक्त स्कीमें रुक जाती हैं। उदाहरण के तौर पर मिड-डे मील के फंड कई बार देरी से आने के कारण स्कूलों पर उधारी चढऩे से अध्यापकों को मिड-डे मील रोकनी पड़ती है। ऐसे में सोनी को सरकारी स्कूलों में इस स्कीम को बिना रुकावट चलाने के लिए कोई खास उपाय ढूंढने होंगे। 

5 माह से अध्यापकों को नहीं मिली सैलरी
सरकारी स्कूलों में कार्यरत एस.एस.ए. रमसा अध्यापकों की सैलरी पैंङ्क्षडग होने का मामला बेहद गंभीर है। एस.एस.ए. रसमा अध्यापक यूनियन पंजाब के प्रधान दीदार सिंह मुदकी ने इस बाबत बताया कि स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 10,000 एस.एस.ए. अध्यापक पिछले 5 और रमसा अध्यापक पिछले & माह से सैलरी आने के इंतजार में हैं। इस मामले को लेकर यूनियन के अध्यापक अब 25 अप्रैल को डी.जी.एस.ई. के पास जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने सैलरी इतनी देरी से देनी है तो अध्यापकों के घरों में राशन का प्रबंध कैसे होगा? अब इस मामले को कैसे दुरुस्त किया जाए, इसके लिए भी नए शिक्षा मंत्री को नया फार्मूला ढूंढना होगा।

अध्यापकों की कई मांगें अभी भी अधर में 
पहले लुधियाना और फिर पटियाला में अपनी मांगों के लिए एकत्रित होने वाले सांझा अध्यापक मोर्चा के हजारों अध्यापकों की मांगें भी सरकार तक पहुंचाकर उनका समाधान करवाना ओ.पी. सोनी के लिए कोई आसान नहीं है। अध्यापक नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई 7 वर्ष की स्टे वाले अध्यापकों की बदली, ठेके पर कार्यरत अध्यापकों को रैगलुर करना, 9 से 8 पीरियड करके सरकारी स्कूलों में पोस्टों को खाली करना, 800 स्कूलों को बंद करना, रैशनेलाइजेशन संबंधी आदि मांगें हैं, जो मोर्चा के अध्यापक पिछले काफी समय से उठा रहे हैं लेकिन उन्हें लॉलीपॉप की बजाय अभी तक कुछ नहीं मिला।

इन पर भी देना होगा ध्यान
सरकारी स्कूलों में इंगलिश मीडियम कक्षाएं शुरू करने वाली कैप्टन सरकार के शासनकाल के पहले चरण में कई स्कूल ऐसे हैं जहां पर अभी तक उक्त मीडियम की किताबें पूरी नहीं पहुंचने की चर्चा है। इसके अलावा अध्यापकों की नई तबादला नीति को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू करना नए शिक्षा मंत्री के लिए मुश्किल कदम होगा। वहीं सरकारी सी.सै. स्कूलों में ऑनलाइन अटैंडैंस सिस्टम शुरू करने के बाद मशीनों में तकनीकी अड़चनों के चलते यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुचारू नहीं हो पाई है। एक पूर्व पिं्र. अनूप पासी की मानें तो नए शिक्षा मंत्री को पहले कुछ समय के लिए स्वयं ही विभाग, अध्यापक, विद्यार्थी व स्कूलों से जुड़े प्रत्येेक कार्य की गहनता से जानकारी लेनी चाहिए ताकि वे विभाग के कार्य को सुचारू ढंग से चला सकें। 

नए शिक्षा मंत्री से कई उम्मीदें : रुद्रा
वहीं निजी स्कूलों को भी नए शिक्षा मंत्री से कई उम्मीदें हैं। एसो. ऑफ प्राइवेट अनएडिड स्कूल्ज ऑफ पंजाब सी.बी.एस.ई. के प्रधान राजेश रुद्रा ने कहा कि उन्होंने निजी स्कूलों से जुड़ी कई मांगें अलग-अलग शिक्षा मंत्रियों के जरिए सरकार तक पहुंचाने का प्रयास तो किया लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। रुद्रा ने कहा कि अब नए शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी से मिलकर एसोसिएशन निजी स्कूलों को सरकार द्वारा आने वाली परेशानियों का समाधान करवाने के लिए कोई स्थायी फार्मूले लागू करवाएगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News