बुरे कर्मों के चलते परिजनों ने शव लेने से किया इंकार, उलझी दो क्षेत्रों की पुलिस

punjabkesari.in Wednesday, Dec 19, 2018 - 02:36 PM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): मरने के उपरांत 2 सप्ताह से संस्कार की प्रतिक्षा में व्यक्ति का शव अस्पताल की मोस्चरी में पड़ा है। व्यक्ति के बुरे कर्मों के चलते परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया, जबकि 2 क्षेत्रों की पुलिस हदबंदी का हवाला देकर पीछा छुड़वाने में लगी हुई है। वहीं संस्कार को लेकर मामला डी.एस.पी. के पास पहुंच गया है। इंसान को अपने अच्छे और बुरे कर्मों की सजा मिलती है, यह उदाहरण प्रत्यक्ष रूप से पुलिस थाना गोराया में पड़ते गांव के रहने वाले मृतक जसविंद्र सिंह (35) के साथ देखने को मिली।
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सूत्रों के अनुसार जसविंद्र सिंह गत 2 दिसम्बर को स्थानीय सिविल अस्पताल में अपना इलाज करवाने के लिए दाखिल हुआ। डाक्टरों के मुताबिक उसे टी.वी. की बिमारी लग चुकी थी, 4 दिन बाद 5 दिसम्बर को ईलाज करने वाले डा. उपिंद्र सिंह ने उसे मृत घोषित कर उसका शव अस्पताल की मोस्चरी में रखवा कर डाक्टर शव सौंपने के लिए उसके परिवारीक सदस्यों का इंतजार करने लग पड़े। चार दिन बीत जाने पर भी जब परिजन लाश लेने अस्पताल नहीं पहुंचे तो अस्पताल प्रशासन की मुसिबतें बढऩी शुरू हो गई तो एक समाजसेवी कार्यकत्र्ता ने शव का संस्कार करवाने के लिए उसके परिवार वालों की तलाश शुरू कर दी। 
 

पुलिस ने हदबंदी का बहाना बना किया किनारा
परिवार वालों के इंकार करने के बाद समाजसेवी कार्यकत्र्ता शव का संस्कार करने के लिए खुद आगे आ गया उसने गांव की पंचायत से लिखित रूप में संस्कार की इजाजत ले ली, परन्तु जब वह फिल्लौर पुलिस के पास पहुंचा तो उसे एक बार फिर गहरा सदमा लगा, जब पुलिस ने कहा कि मृतक गोराया का रहने वाला है, वह संस्कार की इज् जाजत नहीं दे सकते। यही बात कहकर गोराया पुलिस ने भी पल्ला झाड़ दिया कि मृतक बेशक गोराया का रहने वाला है, परन्तु उसकी मौत फिल्लौर में हुई है, वह उसे संस्कार की इजाजत नहीं दे सकते। अब हालात यह हो चुके हैं कि मृतक का शव अपने अंतिम संस्कार के इंतजार में पिछले दो सप्ताह से स्थानीय सिविल अस्पताल में पड़ा है, जिससे अस्पताल प्रशासन को बेहद परेशानी से गुजरना पड़ रहा है।


कहा, परिवार वाले भी नहीं करेंगे संस्कार
समाजसेवी कार्यकत्र्ता ने बताया कि किसी तरह वह भाग दौड़ कर मृतक के गांव पहुंचा तो वहां उसका कोई पारिवारिक सदस्य नहीं मिला आखिरकार उसने मृतक के रिश्तेदार ढूंढ लिए तो उनसे बातचीत कर उसे बेहद हैरानी हुई जब उसके रिश्तेदारों ने कहा मृतक ने पूरी जिंदगी कोई अच्छा कार्य ही नहीं किया, उसके बुरे कर्मों का हवाला दे उन्होंने शव लेने से साफ  इंकार कर दिया और कहा कि उसके परिवार वाले भी उसका संस्कार नहीं करेंगे। किसी को बोल कर वह वहीं उसका संस्कार करवा दें। 

डी.एस.पी. ने दिए संस्कार करने के आदेश
जैसे ही आज यह मामला पत्रकार ने डी.एस.पी. अमरीक सिंह चाहल में लाया गया तो उन्होंने अफसोस प्रगट करते हुए कहा कि इंसान ने बेशक बुरे कर्म किए हों, परिवार वालों को उसका अंतिम संस्कार करना चाहिए था, अब जब परिवार वाले संस्कार करने से मनाकर रहे हैं तो वह गोराया पुलिस को अभी निर्देश जारी कर कानूनी प्रतिक्रिया शीघ्र पूरी कर शव का अंतिम संस्कार करवाएंगे।


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