जयपुर के पैटर्न पर होगी बुड्ढे नाले की सफाई

punjabkesari.in Thursday, Apr 26, 2018 - 09:57 AM (IST)

लुधियाना(हितेश): बुड्ढे नाले को प्रदूषणमुक्त बनाने की दिशा में चल रही कवायद के तहत सरकार ने जयपुर पैटर्न अपनाने का फैसला किया है जिसके तहत टाटा की टीम ने बुधवार को साइट के अलावा सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट का दौरा किया। जहां तक जयपुर पैटर्न का सवाल है कि टाटा ने 40 किलोमीटर से लंबे नाले को साफ किया है जिस नाले में डाइंग व इंडस्ट्री का करीब 170 एम.एल.डी. पानी गिरता है। यह प्रोजैक्ट 2016 में शुरू होने के बाद 2 साल के तय समय के भीतर दिसम्बर 2018 तक पूरा होने जा रहा है जिस पर करीब 1500 करोड़ की लागत आई है। उसमें टाटा ने नाले की लाइङ्क्षनग करने के अलावा लैंडस्केपिंग की गई है।

उपरोक्त रिपोर्ट के आधार पर पंजाब म्यूनिसिपल इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवैल्पमैंट कम्पनी द्वारा बुड्ढे नाले को साफ करने का जिम्मा टाटा को सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिनकी टीम को 15 मई तक डिटेल प्रोजैक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए बोला गया है। इसमें मुख्य पहलू यह रहेगा कि नाले में बिना ट्रीटमैंट के गिर रहे सीवरेज के पानी को कैसे रोका जा सकता है। इसके तहत टाटा पहले बुड्ढे नाले का डिस्चार्ज मापने सहित उसके पानी में प्रदूषण का लैवल चैक करेगी।  

लागत की भरपाई के लिए जमीनें बेचने का प्रस्ताव 
 बुड्ढे नाले को साफ करने के लिए अब तक जितनी भी योजनाएं बनी हैं, उन पर अमल न होने की मुख्य वजह फंड की कमी के रूप में सामने आई है। उसके हल के लिए भी टाटा ने जयपुर पैटर्न अपनाने का सुझाव दिया है, जिसके तहत नाले के किनारे खाली पड़ी जगह को कमॢशयल साइट के रूप में डिवैल्प किया गया है।  

पुरानी योजनाओं की भी होगी स्टडी
बुड्ढे नाले को साफ करने के नाम पर अब तक कई बार सर्वे करवाया जा चुका है, जिसके तहत इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड व एक अन्य कम्पनी द्वारा करोड़ों रुपए लेकर डी.पी.आर. तैयार की गई थी लेकिन उसे लागू नहीं किया जा सका। अब टाटा द्वारा उन योजनाओं की भी स्टडी की जाएगी, जिनमें बिना ट्रीटमैंट के गिर रहे पानी को नाले के किनारे सीवरेज लाइन डालकर प्लांट तक ले जाने व प्लांट की क्षमता बढ़ाने का पहलू शामिल किया गया है।


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swetha

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