किराए पर रिहायशी प्रापर्टियां देने वालों पर लगेगा कमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स

punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2020 - 12:26 PM (IST)

लुधियाना(हितेश): महानगर में किराए पर रिहायशी प्रापर्टियां देने वाले लोगों पर आने वाले दिनों में टैक्स का बोझ बढऩे जा रहा है, जिसके तहत सरकार ने इस कैटेगरी पर कमर्शियल टैरिफ पर प्रापर्टी टैक्स लगाने की हरी झंडी दे दी है। महानगर में लगभग सभी इलाकों में बड़ी संख्या में लेबर क्वार्टर व पेईंग गैस्ट हाऊस बने हुए हैं, लोगों ने घरों के अंदर भी किराएदार रखे हुए हैं लेकिन प्रापर्टी टैक्स के मौजूदा पैटर्न में रैंट रैंजीडैंस के लिए अलग से कोई कैटेगरी नहीं बनाई गई है। इससे रैवेन्यू का नुक्सान होने का हवाला देते हुए नगर निगम द्वारा सरकार से अलग कैटेगरी बनाने की मांग की जा रही थी, जिसे स्वीकार करते हुए लोकल बॉडीज विभाग ने किराए पर दी गई रिहायशी प्रापॢटयों से कमॢशयल टैरिफ के हिसाब से प्रापर्टी टैक्स वसूलने की हरी झंडी दे दी है। 

डेढ़ साल से लटक रहा था मामला
जानकारी के मुताबिक किराए पर दी गई रिहायशी प्रापॢटयों से कमर्शियल टैरिफ के हिसाब से प्रापर्टी टैक्स वसूलने के लिए नगर निगम के जनरल हाऊस की मीटिंग में सितंबर 2018 में प्रस्ताव पास करके भेजा गया था, लेकिन लगातार रिमाइंडर भेजने के बावजूद कोई फैसला नहीं हो पाया। अब एक रिव्यू मीटिंग के दौरान कमिश्नर द्वारा मुद्दा उठाने पर एडीशनल चीफ सैक्रेटरी ने प्रस्ताव के मुताबिक कार्रवाई करने की मंजूरी दे दी है।  

पैटर्न पर एक नजर
हाऊस टैक्स के तहत किराए पर लगता था 9 फीसदी
प्रॉपर्टी टैक्स के पहले चरण में 3 फीसदी कर दिया गया रेट
2014-15 में खत्म हो गई रैंट रैजीडैंस की कैटेगरी
अब किराए पर 7 फीसदी देना होगा प्रॉपर्टी टैक्स
क्रॉस चैकिंग में आएगी दिक्कत

सरकार द्वारा प्रापर्टी टैक्स के तहत सैल्फ असैसमैंट का पैटर्न लागू किया गया है, जिससे मुलाजिमों द्वारा सिर्फ टैक्स न भरने या दाखिल की गई रिटर्न में गलत जानकारी देने बारे ही चैकिंग की जा सकती है। जहां तक रैंट रैजीडैंस का सवाल है, उसमें लेबर क्वार्टर व पेईंग गैस्ट हाऊस का तो आसानी से पता चल सकता है, लेकिन घरों में किराएदार रखने वाले लोगों द्वारा सैल्फ रैजीडैंस की कैटेगरी में टैक्स भरने की सूरत में क्रॉस चैकिंग की दिक्कत आएगी।


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Vaneet

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