कोरोना टेस्ट की नैगेटिव रिपोर्ट के बिना जेल में दाखिल नहीं होगा कोई बंदी

punjabkesari.in Sunday, May 31, 2020 - 04:13 PM (IST)

लुधियाना (स्याल): 11 मार्च से डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित किए जाने के बाद से पूरे देश में अजीब तरह की हलचल है और केन्द्रीय सरकार द्वारा समय समय पर बचाव के लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं। 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाऊन लागू किए जाने के बाद से राज्य सरकारें भी हरकत में आ चुकी हैं। 

इसी कड़ी में पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और जेल विभाग ने पंजाब की जेलों में सभी बंदियों के बचाव के लिए समय-समय पर अनेक कदम उठाए हैं जिसके तहत ताजपुर रोड ब्रोस्टल जेल को क्वारंटाइन में परिवतित किया जा चुका है। लगभग डेढ माह से केन्द्रीय जेल में आने वाले सभी बंदियों को जेल परिसर में आने के बाद जेल के मैडीकल अधिकारी द्वारा स्क्रीनिंग की जाती है। जेल मैडीकल अधिकारी की संतुष्टि होने के बाद प्रत्येक बंदी को ब्रोस्टल जेल में निश्चित समय के लिए क्वारंटाइन किया जाता है। क्वारंटाइन का समय व्यतीत होने के बाद जेल के मैडीकल अधिकारी द्वरा प्रत्येक बंदी की दोबारा जांच की जाती है। जांच प्रक्रिया से निकलने के बाद ही प्रत्येक बंदी को केन्द्रीय जेल भेजा जाता है। 

जेल में आने वाले बंदियों की स्क्रीनिंग के समय अगर जेल मैडीकल अधिकारी को कोई भी बीमारी के लक्ष्ण मिलते हैं व मैडीकल अधिकारी की संतुष्टि न होने पर उस बंदी को ब्रोस्टल जेल में भी प्रवेश नहीं दिया जाता। जेल के मैडीकल अधिकारी द्वारा सिविल अस्पताल भेज दिया जाता है। वर्णीय है कि पंजाब के प्रमुख सचिव एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा प्रमुख सचि चिकित्सा, शिक्षा एवं अनुसंधान ने डी.जी.पी. पंजाब, प्रमुख सचिव जेल, और ए.डी.जी.पी जेल से विचार विमर्श करके यह निर्णय मई के प्रथम सप्ताह में लिया था कि पुलिस के निवेदन पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जेल में जाने वाले प्रत्येक बंदी का चिकित्सा, शिक्षा एंव अनुसंधान विभाग प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 टैस्ट करेगा।


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Mohit

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