गलत तरीके से NOC करने वाले इंस्पैक्टर की वापसी, सवालों के घेरे में एडिशनल कमिश्नर

punjabkesari.in Sunday, Jul 07, 2024 - 11:32 AM (IST)

लुधियाना (हितेश): डी.सी. साक्षी साहनी द्वारा महानगर में अवैध रूप से बन रही बिल्डिंगों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर नगर निगम अधिकारियों को सस्पेंड करने की जो वार्निंग दी गई थी, उसकी हवा कमिश्नर संदीप ऋषि के छुट्टी से वापिस आने से पहले ही निकलनी शुरू हो गई है। इससे जुड़ा हुआ मामला जोन डी में सामने आया है, जहां नगर निगम की लिमिट से बाहर स्थित बिल्डिंग को गलत तरीके से रेगुलर करने की फीस जमा करके एनओसी जारी करने वाले इंस्पेक्टर कमल को हेडक्वार्टर से दोबारा फील्ड में लगा दिया गया है।

यह ऑर्डर नगर निगम कमिश्नर का चार्ज संभाल रही डी सी की बजाय एडिशनल कमिश्नर परमदीप सिंह द्वारा अपनी तरफ से जारी किया गया है जबकि बिल्डिंग इंस्पेक्टर कमल को सस्पेंड करने की सिफारिश लोकल बॉडीज विभाग को भेजने के बाद जोन डी से हेड क्वॉर्टर में लगाने का फैसला कमिश्नर संदीप ऋषि द्वारा किया गया था और नियमों के अनुसार कमिश्नर के ऑर्डर को बदलने की पावर सिर्फ कमिश्नर के पास ही होती है। अब इस संबंध में कोई ऑफिसर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, जिससे  पहले इंस्पेक्टर कमल को सस्पेंड की बजाय चार्जशीट करने के मामले के पीछे भी सियासी दबाव होने की चर्चा शुरू हो गई है।

यह बिल्डिंग सिधवां नहर के किनारे स्थित साऊथ सिटी जी ब्लाक में स्थित है, जिसमें स्वीट शाप व इलेकट्रानिक का शोरूम चल रहा है। इस बिल्डिंग का कुछ हिस्सा बाडेवाल और कुछ एरिया एयाली गांव की जमीन में पड़ता है। जहां तक नगर निगम की बाऊंड्री का सवाल है, उसकी मार्किंग गांव की हद के हिसाब से होती है और बिल्डिंग एयाली गांव की जमीन पर बनी है।

यह एरिया नगर निगम की लिमिट से बाहर होने के बावजूद जोन डी की बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों द्वारा पहले चालान जारी कर दिया गया और फिर उस बिल्डिंग को रेगुलर करने की सिफारिश कर दी गई लेकिन इस संबंध में आला अफसरों की मंजूरी न मिलने पर उक्त इंस्पेक्टर कमल द्वारा नगर निगम की लिमिट से बाहर स्थित बिल्डिंग को गलत तरीके से रेगुलर करने की फीस जमा करके अपने तौर पर एनओसी भी जारी कर दिया गया जिसे लेकर कमिश्नर संदीप ऋषि द्वारा इंस्पेक्टर कमल को सस्पेंड करने की सिफारिश लोकल बॉडीज विभाग को भेजी गई, लेकिन सरकार द्वारा उसे चार्जशीट करने का फैसला किया गया और जोन डी से हटाकर हेड क्वॉर्टर में लगा दिया गया।

हाईकोर्ट द्वारा मांगी गई है रिपोर्ट

इस मामले में नगर निगम की लिमिट से बाहर स्थित बिल्डिंग को गलत तरीके से रेगुलर करने के लिए फीस जमा करके अपने तौर पर एनओसी जारी करने के आरोप में इंस्पेक्टर कमल को सस्पेंड करने की सिफारिश लोकल बॉडीज विभाग को भेजने व जोन डी से हटाकर हेडक्वार्टर में लगाने का फैसला कमिश्नर द्वारा कोर्ट में केस होने के बाद लिया गया था। इसके अलावा सिधवां नहर के किनारे साऊथ सिटी में स्थित अवैध रूप से बनी बिल्डिंगों की वजह से आ रही ट्रैफिक जाम व हादसों की समस्या के मद्देनजर कोर्ट द्वारा रिपोर्ट मांगी गई है क्योंकि इन बिल्डिंगों द्वारा पार्किंग के लिए जगह न छोड़ने सहित नेशनल हाइवे पर एंट्री खोलने के लिए एन एच ए आई से मंजूरी नही ली गई है।

नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई करना भूले ग्लाडा के ऑफिसर

इस मामले में ग्लाडा के अफसरों की भी बडी लापरवाही सामने आई है, जिनके द्वारा काफी देर से यह कहकर बिल्डिंग पर कार्रवाई नही की गई कि नगर निगम अपनी लिमिट के साथ लगती बिल्डिंग को रेगुलर कर सकता है। जिसके आधार पर नगर निगम द्वारा बिल्डिंग को रेगुलर करने की कवायद शुरू की गई, लेकिन अब कोर्ट केस होने के बाद नगर निगम द्वारा गेंद वापिस ग्लाडा के पाले में डाल दी गई है।

इस दौरान यह खुलासा हुआ है कि जिस जगह पर बिल्डिंग बनी हुई है, उसे मास्टर प्लान में रोड की चौडाई बढाने के लिए मार्क किया गया है और उन प्लाटों का ले-आऊट में फ्रंट मेन रोड की तरफ न होकर कालोनी के अंदरूनी हिस्से में है जिसके आधार पर ग्लाडा द्वारा बिल्डिंग को सील करने का नोटिस तो जारी कर दिया गया, लेकिन 15 दिन की डेडलाइन के मुकाबले दो महीने बाद भी कार्रवाई नही की गई।

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News Editor

Urmila

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