कृषि कानून रद्द करवाने के लिए पंजाब के कांग्रेस सांसद अब करेंगे ये काम

punjabkesari.in Wednesday, Feb 10, 2021 - 10:28 AM (IST)

नई दिल्ली: पंजाब से कांग्रेस के कुछ सांसद विवादों में घिरे तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त कराने के लिए लोकसभा में गैर सरकारी प्रस्ताव लाएंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी ने बताया कि पंजाब के कांग्रेस सांसदों के एक समूह की ओर से इसी सत्र में ‘निरसन एवं संशोधन विधेयक-2021’ पेश किया जाएगा। इस गैर सरकारी विधेयक को पेश करने वाले सांसदों में तिवारी, परनीत कौर, जसबीर सिंह गिल और संतोख चौधरी शामिल होंगे। 

तिवारी ने कहा कि वे दूसरे दलों के उन सांसदों का भी समर्थन हासिल करने का प्रयास करेंगे जो किसानों के लिए सहानुभूति रखते हैं और नए कृषि कानूनों को लेकर उनके रुख का समर्थन करते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इसी तरह का गैर सरकारी विधेयक राज्यसभा में भी लाया जाएगा तो कांग्रेस नेता ने कहा कि वे उच्च सदन के अपने साथियों से ऐसा करने का आग्रह करेंगे। 

सदियों की लड़ाई के बाद किसानों को मिले हक अब मोदी सरकार छीनने जा रही है - मनीष तिवारी
लुधियाना (हितेश) : कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने मोदी सरकार पर कृषि बिलों की आड़ में ‘जमींदारी को कंपनीदारी’ में बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए तिवारी ने कहा कि अंग्रेजों के शासन दौरान ही राजनीतिक के साथ आॢथक आजादी देने की मांग होती रही है जिसका नतीजा यह हुआ कि भूमि सुधार कानून के अंतर्गत किसानों को मालिकाना हक दिया गया और सबसे पहला संविधान संशोधन भी इसी मुद्दे पर हुआ। इस तरह सदियों की लड़ाई के बाद किसानों को मिले हक अब मोदी सरकार छीनने जा रही है।

तिवारी ने कहा कि देश के 86 प्रतिशत छोटे किसान 5 एकड़ से कम जमीन के मालिक हैं और वे अपनी जमीन को कंपनियों के पास गिरवी नहीं रखना चाहते जिसके मद्देनजर कृषि बिल रद्द करवाने की मांग को लेकर 70 दिन से अपने घर छोड़कर ठंड और कोरोना के बीच डटे हुए हैं लेकिन सरकार अपनी जिद छोडऩे के लिए तैयार नहीं है।

तिवारी ने कहा कि किसी भी सरकार का मूल्यांकन राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, संस्थाओं की स्वायत्तता, विदेश नीति व साम्प्रदायिक सद्भाव के मद्देनजर होता है लेकिन मोदी सरकार इन सभी मुद्दों पर बुरी तरह फेल साबित हुई है जिसके द्वारा चीन द्वारा की जा रही घुसपैठ से संसद को अवगत नहीं करवाया गया और रक्षा मंत्रालय की वैबसाइट पर डाली गई जानकारी को भी हटा लिया गया है।


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Content Writer

Tania pathak

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