धुंध शुरू होते ही सड़कों पर गड्ढे, टूटी रेलिंग बने हादसों का सबब

punjabkesari.in Monday, Nov 19, 2018 - 12:47 PM (IST)

पटियाला(बलजिन्द्र, राणा): देश की हर राजनीतिक पार्टी सड़क व हाईवे को बनाने की घोषणा करने के बाद से ही इसे विकास के प्रतीक के रूप में प्रचारित करने लगती है। इससे इन पार्टियों को राजनीतिक फायदे तो होते ही हैं, लेकिन सड़क का काम सही से नहीं होने के कारण जगह-जगह से टूटने लगती हैं।

इसके चलते रोड कुछ ही समय में गड्ढे में बदलने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रोड बनाते समय राष्ट्रीय मानक का कभी ध्यान नहीं रखा जाता है। ऐसा ही हाल सी.एम. सिटी पटियाला में बनाई गई सड़कों का हो रहा है। कहीं पर रेङ्क्षलग नहीं है तो कई जगह पर सड़कें टूट गई हैं। कई जगह तो टूटी सड़कों पर सीवरेज के पानी जमे हुए हैं लेकिन अभी तक इसका मुरम्मत का काम नहीं करवाया गया है। इन सड़कों की स्थिति देखने के बाद ऐसा लगता है कि प्रशासन द्वारा किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है।

धुंध के मौसम शुरू होते ही वाहन चालक को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि धुंध में चालक को कम दिखाई देने लगता है। इसके चलते सड़क पर बने गड्ढे चालक को नहीं दिखाई देता है और गड्ढा पार करते वक्त गाड़ी का संतुलन बिगडऩे से हादसे हो जाते हैं। टूटी सड़क के पास कोई साइनबोर्ड भी नहीं लगा हुआ है, जिसे देखकर वाहन चालक अपनी गाड़ी को पहले से ही धीमे चलाए। पटियाला की छोटी नदी पर रेङ्क्षलग ही नहीं लगाई गई।

विर्क कालोनी के सामने नदी के साथ नहीं है रेङ्क्षलग
राजपुरा रोड से सरहिंद रोड बाईपास तक तो नदी के किनारे पर रेलिंग लगाई हुई है परंतु उसके आगे विर्क कालोनी की साइड रेङ्क्षलग नहीं है। इसके कारण यहां हादसों का खतरा सदा बना रहता है। नगर निगम ने नदी के पास टूटी सड़क का नवनिर्माण करवा दिया है जिसके कारण यहां पर ट्रैफिक काफी बढ़ गया है। 

विर्क कालोनी में सरकारी एलीमैंट्री स्कूल है, जिसमें 200 के करीब बच्चे पढ़ते हैं ये सभी बच्चे इस सड़क से गुजरते हैं, जिसके कारण कई दफा बच्चों का साईकिल नदी में चला जाता है। लोगों को हर समय अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता सताती रहती है परंतु प्रशासन की तरफ से यहां सुरक्षा के लिए रेलिंग नहीं लगवाई जा रही।

अर्बन एस्टेट के बैक साइड वाली सड़क पर 2-2 फीट गहरे गड्ढे

पटियाला डिवैल्पमैंट अथारिटी (पी.डी.ए.) के पास शहर के विकास की जिम्मेदारी है। पी.डी.ए. के चेयरमैन खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह हैं। अर्बन एस्टेट सीधे पी.डी.ए. के अधीन है परंतु अर्बन एस्टेट के बैक साइड से जो सड़क पंजाबी यूनिवॢसटी को जाती है उस पर 2-2 फीट गहरे गड्ढे हो चुके हैं।  अर्बन एस्टेट से बैकसाइड से लेकर यूनिवर्सिटी तक पी.डी.ए. की इस सड़क पर 45 गड्ढे हैं। यूनिवॢसटी में जाने वाले ज्यादातर कर्मचारी इस सड़क का प्रयोग करते हैं इसके अलावा यह एक बड़े इलाके को कनैक्ट कर दी है परंतु पी.डी.ए. की तरफ से इन गड्ढों को भरने या फिर नई सड़क बनाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 

गड्ढों में तबदील हुई सड़कें
शहर के महिन्द्रा कॉलेज से सरकारी क्वार्टरों को जाने वाली सड़क  पर डेढ़-डेढ़ फीट के गड्ढे पड़े हुए हैं। इस सड़क पर 20 के करीब गड्ढे हैं। 
इसी तरह माई जी की सरां के पास व दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के समक्ष भी सड़कों का बुरा हाल है, जो लोगों को आने जाने में परेशानी का सबब बन रहा है। वहीं टूटी सड़कों पर गुजरने वाले वाहन हादसों को खुलेआम दावत दे रहे हैं।

बेसहारा पशु होते हैं दुर्घटना के शिकार
ठंड के मौसम में धुंध बढने के कारण गाड़ी चलाने वालों को ज्यादा दूर तक नहीं दिखाई देता है। ऐसे में बेसहारा पशु सड़क चलते हुए दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। वहीं वाहन चालक को भी काफी क्षति होती है, कभी-कभी तो इन्हें जान तक गंवानी पड़ जाती है। एक अनुमान के मुताबिक धुंध के मौसम में औसत रोज 2 से 3 बेसहारा पशु दुर्घटना के शिकार होते हैं।

जगह-जगह टूटे डिवाइडर बन सकते हैं  हादसों का कारण
सी.एम. सिटी में सड़कों पर गड्ढों के अलावा जगह-जगह पर डिवाइडर टूटे हुए हैं, जोकि कभी भी हादसे कारण बन सकते हैं। कई दफा दोपहिया वाहन सवार इन टूटे डिवाइडरों के कारण हादसा ग्रस्त हो चुके हैं। गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब के पास, राजपुरा रोड व भूपिन्द्रा रोड पर कई जगह पर डिवाइडर टूटे हुए हैं। कई स्थानों पर डिवाइडरों के बीच लगी ग्रिलें टेढ़ी हुई हैं जोकि अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं परंतु इन्हें ठीक करवाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता।


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