28 लाख के साइबर फ्रॉड मामले में आरोपी गिरफ्तार, शातिर ने पैसे ट्रांसफर करने का ऐसे लगाया जुगाड़
punjabkesari.in Wednesday, Nov 27, 2024 - 02:18 PM (IST)
लुधियाना: एन.आर.आई. से हुई 28 लाख का साइबर फ्रॉड का केस कमिश्नरेट पुलिस ने मात्र 11 दिनों में सुलझा लिया है। फ्रॉड किसी अन्य ने नहीं बल्कि एन.आर.आई. के ड्राइवर रह चुके व्यक्ति ने ही किया था। थाना साइबर सैल की पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को काबू कर लिया है। पकड़ा गया आरोपी पलविंदर सिंह है। उसके बैंक खाते से 13 लाख 58 हजार रुपए फ्रीज किए गए हैं जबकि उसके कब्जे से अलग-अलग बैंकों की 6 पासबुक, 8 चैकबुक, 14 डेबिट एंड क्रैडिट कार्ड और 5 सिम सहित 3 मोबाइल बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया जहां से उसका पुलिस रिमांड हासिल कर आगे की पूछताछ की जा रही है।
मामले की जानकारी देते हुए ज्वाइंट सी.पी. जसकिरणजीत सिंह तेजा ने बताया कि 13 नवम्बर को एन.आर.आई. इकबाल सिंह सिंधू ने साइबर थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने बताया था कि वह विदेश में था, तब पीछे से उसके बैंक खातों से करीब 28 लाख रुपए किसी ने अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए हैं। उक्त शिकायत मिलने के बाद थाना साइबर सैल की पुलिस ने केस दर्ज किया व इंस्पैक्टर जतिंदर सिंह ने इसकी जांच शुरू कर दी।
जांच में कई टैक्निकल एंगल सामने आए जिसके बाद पुलिस के हाथ कई ऐसे सबूत हाथ लगे जिनकी कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पुलिस पलविंदर सिंह तक पहुंच गई। पूछताछ में पता चला कि पलविंदर सिंह ने ही एन.आर.आई. के खाते से पैसे निकलवाए थे। फिर पता चला कि आरोपी एन.आर.आई. का ड्राइवर ही है। वही उसे 6 महीने पहले विदेश जाने के लिए एयरपोर्ट पर छोड़कर आया था। उस दौरान आरोपी ने प्लानिंग के तहत घटना को अंजाम देना शुरू किया था लेकिन वह ज्यादा देर तक पुलिस से बच नहीं पाया। आखिर शिकायत मिलने के 11 दिनों के अंदर पुलिस ने उसे दबोच लिया।
NRI को एयरपोर्ट छोड़ने जाते समय बदला सिम, ई-मेल का भी एक्सैस हासिल कर ट्रांसफर की रकम
इंस्पैक्टर जतिंदर सिंह ने बताया कि आरोपी पलविंदर 6 महीने पहले एन.आर.आई. को एयरपोर्ट छोड़ने गया था। इसी दौरान आरोपी ने रास्ते में एन.आर.आई. को बातों में उलझाकर उसका सिम बदलकर अन्य सिम उसके मोबाइल में डाल दिया था। फिर उसी नंबर से एन.आर.आई. के सभी खातों का लिंक उसे मिल गया था। इसके बाद आरोपी ने ई-मेल का एक्सैस भी हासिल कर लिया था। इसके बाद आरोपी ने गूगल पे चलाकर अलग-अलग पैट्रोल पम्पों पर यू.पी.आई. के जरिए ट्रांसफर कर कैश हासिल किया था। फिर उसे अलग-अलग खातों में जमा करवा देता था। 6 महीने में आरोपी ने करीब 28 लाख रुपए अपने बैंक खातों में जमा करवा लिए थे। जब एन.आर.आई. वापस आया तो उसे बैंक जाने के बाद इस घटना का पता चला था।
यू ट्यूब से सीखा ठगी का तरीका, एन.आर.आई. के 6 माह विदेश में रहने का उठाया फायदा
आरोपी को पता था कि एन.आर.आई. इकबाल सिंह विदेश जाने वाला है। वह 6 महीने तक विदेश में रहेगा, इसलिए उसने पहले ही ठगी की प्लानिंग कर ली थी। इसके लिए उसने यू-ट्यूब पर अलग-अलग वीडियो देखकर ठगी का तरीका सीखा था। उसने वीडियो में सीखा की कैसे डेबिट कार्ड मंगवाते हैं, कैसे मोबाइल में सिम डालकर एक्सैस हासिल किया जाता है। इसके साथ ही कैसे ई-मेल का एक्सैस हासिल किया जाता है। इस ठगी के दौरान एन.आर.आई. को जाने वाले बैंक के मैसेज एवं ओ.टी.पी. उसे न जाकर आरोपी के मोबाइल पर जाते थे।
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