Ludhiana की Dyeing Units पर बड़े एक्शन की तैयारी, प्रशासन ने की ये तैयारी

punjabkesari.in Sunday, Jul 28, 2024 - 04:01 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): विधानसभा कमेटी द्वारा करोड़ों खर्च करने के बाद भी बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या का समाधान न होने के मामले की विजिलेंस जांच करवाने संबंधी सिफारिश करने से हड़कंप मच गया है। इसका सबूत डी.सी. व नगर निगम कमिश्नर द्वारा बुलाई गई डाइंग मालिकों की मीटिंग के रूप में देखने को मिला, जहां विधायक मदन लाल बग्गा व अशोक पराशर पप्पी भी शामिल हुए।

मिली जानकारी के मुताबिक मीटिंग में यह चर्चा हुई कि जब भी बुड्ढे नाले के प्रदूषण की होती है तो सबसे पहले डाइंग मालिकों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। जबकि डाइंग मालिक यह बात मानने को तैयार नही हैं, जिसके लिए उनके द्वारा तीन कलस्टरों में सी.ई.टी.पी. लगाने के अलावा स्केटेड यूनिटों का पानी पी.पी.सी.बी. के निर्धारित मापदंडों के मुताबिक साफ करने के बाद ही बुड्ढे नाले या सीवरेज में डालने का दावा किया जा रहा है। इसके मद्देनजर बुड्ढे नाले के गुनहगारों को बेनकाब करने के लिए डाइंग यूनिटों को कुछ दिन के लिए बंद रखने का फार्मूला अपनाने पर विचार किया जा रहा है, जिसे लेकर सभी कैटेगरी पर एक साथ फैसला लागू करने की सहमति बनी है। हालांकि डाइंग मालिकों द्वारा यह प्रक्रिया बारिश के दौरान न करने का सुझाव दिया गया है, क्योंकि इस दौरान बुड्ढे नाले के प्रदूषण का लेवल काफी डाउन होता है।

हैवी मैटल को लेकर रडार पर आए इलेक्ट्रोप्लेटिंग यूनिट

बुड्ढे नाले के प्रदूषण की वजह से सतलुज के जरिए पानी का पीने या सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने वाले मालवा व राजस्थान तक लोगों के कैंसर की चपेट में आने का मुद्दा काफी गर्माया हुआ है। इस दौरान यह बात सामने आई है कि यह समस्या पानी में हैवी मेटल मौजूद होने की वजह से आ रही है। इसे लेकर डाइंग मालिकों ने साफ कर दिया है कि उनके यूनिटों में किसी भी तरह के हैवी मेटल का इस्तेमाल नही किया जाता है। इसके मद्देनजर बुड्ढे नाले की सैंपलिंग के दौरान सामने आने वाले हैवी मेटल से संबंधित इलेक्ट्रोप्लेटिंग यूनिट आने वाले दिनों में नगर निगम के साथ पी.पी.सी.बी. के रडार पर आ सकते हैं।

डेयरियों का गोबर गिरने तक नहीं हो सकता समाधान

डाइंग मालिकों ने साफ कर दिया है कि डेयरियों का गोबर गिरने तक बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या का समाधान नही हो सकता है। क्योंकि जिन प्वाइंटों पर गोबर गिरता है, उस जगह पर बुड्ढे नाले के प्रदूषण का लेवल बढ़ जाता है। इसके अलावा सीवरेज बोर्ड द्वारा एस.टी.पी. पर सीवरेज के जरिए गोबर पहुंचने की शिकायत की जा रही है। जिस हालात से निपटने के लिए डेयरी कांप्लेक्स में बायोगैस प्लांट लगाने का प्रोजेक्ट जल्द पूरा करने पर जोर दिया गया।

नगर निगम पर ही फोडा पानी का रंग काला होने का ठीकरा

मीटिंग के दौरान यह सवाल भी सामने आया कि जब डाइंग यूनिटों द्वारा पानी को पी.पी.सी.बी. के मापदंडों के मुताबिक ही साफ करने के बाद ही बुडढे नाले में छोडा जा रहा है तो पानी का रंग क्यों काला है। इसका ठीकरा यह कहकर नगर निगम पर ही फोड दिया गया कि गौशाला श्मशान घाट के नजदीक पंपिंग स्टेशन का निर्माण अधर में लटका रहने की वजह से 60 एम.एल.डी. पानी सीधे तौर पर बुड्ढे नाले में गिर रहा है। जिस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने का दबाव डी.सी. द्वारा नगर निगम पर बनाया गया है।

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News Editor

Kalash

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