अकाली दल की सरकार बनते ही ढिलवां के कातिलों को पनाह देने वालों को देंगे सजा: सुखबीर

punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2019 - 08:06 PM (IST)

बटाला(बेरी): शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज एस.एस.पी बटाला कार्यालय के समक्ष शिरोमणि अकाली दल द्वारा लगाए गए विशाल धरने दौरान उपस्थित अकाली नेताओं व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यदि 2022 में अकाली-भाजपा सरकार बनी तो सिट का गठन करके जेलमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा तथा एसएसपी उपिंदरजीत धुम्मण समेत उन सभी व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जाएगी, जिन्होंने पूर्व अकाली सरपंच दलबीर सिंह का कत्ल करने वाले कांग्रेसी गुंडों का आश्रय दे रखा है तथा सबको देश के कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। 

यह टिप्पणी करते हुए कि सभ्य समाज में बदले की भावना के लिए कोई जगह नहीं होती, पर अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि सुखजिंदर रंधावा तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा दर्ज करवाए बदले की भावना के सभी केसों को दोबारा खोला जाएगा तथा उन सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी, जिन्होंने इन कांग्रेसी नेताओं के इशारे पर निर्दोष लोगों को सजा दी है। बटाला के एसएसपी उपिंदरजीत धुम्मण की भूमिका के बारे बोलते हुए सुखबीर ने कहा कि एसएसपी ने यह दिखाने के लिए कि यह कत्ल सुखजिंदर रंधावा की राजनीतिक बदले की भावना से नहीं हुआ है, पर अपना पूरा जोर लगा दिया है तथा पीड़ित परिवार के बयान के अनुसार इस कत्ल केस की शिकायत दर्ज करने से भी इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अब भी एसएसपी द्वारा कातिलों को काबू करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए अकाली दल द्वारा पूरा जोर लगाया जाएगा।
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इस अवसर पर पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने इस केस की सीबीआई से जांच की मांग करते हुए कहा कि दलबीर सिंह के कातिल इसीलिए नहीं पकड़े जा रहे क्योंकि उन्हें चंडीगढ़ में जेलमंत्री के आवास पर आश्रय दिया गया है और बटाला पुलिस जानबूझ कर इस मामले की जांच बहुत ही धीमी गति से कर रही है। पुलिस ने कत्ल होने के 18 दिन बाद आरोपी का स्केच जारी किया है जो कि बहुत ही मंदभागी बात है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा अपराध होने के बाद भी सुखजिंदर रंधावा ने इसे मामूली मुद्दा कहकर पीड़ित परिवार के घावों पर नमक लगाया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के 20 दिन बाद भी मंत्री ने पीड़ित परिवार के साथ हमदर्दी करना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि इसकी बजाय बटाला पुलिस द्वारा केस की जांच को रफा-दफा करने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है, क्योंकि यह जेल मंत्री के निर्देशों पर काम कर रही है। 

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मजीठिया ने कहा कि दलबीर की मौत एक राजनीतिक कत्ल था तथा इस कत्ल के बीज 2004 में उस समय बोए गए थे, जब दलबीर द्वारा रंधावा को बूथों पर कब्जे करने से रोकते हुए धक्कामुक्की में कांग्रेसी नेता की पगड़ी उतर गई थी। उस समय रंधावा ने न सिर्फ दलबीर के पिता को यह धमकी दी थी वह दो बेटे खो चुका है तथा अब तीसरा बेटा भी खो देगा, बल्कि पूरे परिवार के खिलाफ एक झूठा केस दर्ज करवाकर परिवार के 11 सदस्यों को गिरफ्तार करवा दिया था। उन्होंने कहा कि रंधावा द्वारा सिर्फ दलबीर को ही निशाना नहीं बनाया गया बल्कि इससे पहले रंधावा के इशारे पर कांग्रेस की कर्जा माफी स्कीम के पोस्टर बॉय बुध सिंह पर भी एक कांग्रेसी नेता के बेटे द्वारा हमला किया गया था, क्योंकि बुध सिंह ने कांग्रेस सरकार की पोल खोल दी थी।

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मजीठिया ने यह भी बताया कि किस तरह इस क्षेत्र के नामी गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को जेलमंत्री द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है तथा उसे जेल में फोन का इस्तेमाल करने की खुली छूट दी गई है और तो और रंधावा के समर्थन के चलते जग्गू की माता हरजीत कौर गांव भगवानपुर की सरपंच के तौर पर काम कर रही है तथा जेल में बैठे जग्गू ने अपने फिरौती के रैकेट को कई गुणा बढ़ा लिया है। उन्होंने कहा कि रंधावा द्वारा इस हद तक गैंगस्टरों का बचाव किया जाता है कि उसने मानसा में एक गैंगवार के दौरान मारे गए गैंगस्टर मनप्रीत मन्ना की खुलकर वकालत की थी तथा मन्ना को गैंगस्टर कहे जाने पर रंधावा मुक्तसर के एसएसपी की निंदा तक गया था। इस अवसर पर अन्य के अलावा विरसा सिंह वलटोहा, गुरबचन सिंह बब्बेहाली, गुलजार सिंह रणीके, वीर सिंह लोपोके, सिकंदर सिंह मलूका, पवन कुमार टीनू, रवीकरण सिंह काहलों तथा सोनू लंगाह ने भी संबोधित किया।


 


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