Tax चोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई, करोड़ों के फर्जी बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश
punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 10:58 AM (IST)

जालंधर/चंडीगढ़ (धवन): टैक्स चोरी के खिलाफ अपनी लड़ाई को एक बड़े स्तर पर तेजी से आगे बढ़ाते हुए, पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान विभाग ने आज यहां घोषणा की कि राज्य के कराधान विभाग ने 385 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले लेन-देन समेत एक बड़े जाली बिलिंग घोटाले, जिसके माध्यम से 69.57 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी हुई, में शामिल 7 व्यक्तियों के खिलाफ दो एफ.आई.आर. दर्ज की हैं।
इस संबंधी विवरण सांझा करते हुए विभाग ने कहा कि 12 सितंबर, 2025 को दर्ज की गई एफ.आई.आर. में से पहली, मैसर्स राजधानी आयरन प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके डायरैक्टर मनीष गर्ग व रिद्धम गर्ग के खिलाफ दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच के दौरान मैसर्स महालक्ष्मी ट्रेडर्स और मैसर्स शिव शक्ति एंटरप्राइजिज सहित जाली फर्मों का जटिल नैटवर्क उजागर हुआ, जो बड़े स्तर पर धोखाधड़ी गतिविधियों और इनपुट टैक्स क्रैडिट (आई.टी.सी.) के गलत उपयोग में लिप्त था।
उन्होंने कहा कि इन घोषित व्यावसायिक ठिकानों की भौतिक सत्यापन से पता चला कि वे या तो बंद थे या मौजूद नहीं थे, जिससे इनकी कार्रवाई में धोखाधड़ी की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि इस फर्म पर 310 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले लेन-देन का मामला है, जिसके परिणामस्वरूप 55.93 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी हुई। उन्होंने कहा कि इस मामले में वरिष्ठ सुपरिंटैंडैंट ऑफ पुलिस, फतेहगढ़ साहिब के पास एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई।
वित्त विभाग ने आगे बताया कि अन्य कार्रवाई में, 9 सितंबर, 2025 को मैसर्स के.के. इंडस्ट्रीज और उसके सहयोगी चंदन सिंह, अमनदीप सिंह और मुकेश के खिलाफ एक और बड़े जाली बिलिंग घोटाले में भूमिका के संबंध में एफ.आई.आर. दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि जांच में खुलासा हुआ कि मैसर्स के.के. इंडस्ट्रीज माल की असल आवागमन के बिना ही जाली इनवॉइस जारी कर रही थी, जिससे लाभार्थी फर्मों को गलत तरीके से आई.टी.सी. पास करने एवं प्राप्त करने में मदद मिल रही थी।
वित्त विभाग ने बताया कि जांचकर्त्ताओं ने जी.एस.टी. रिटर्नस, ई-वे बिल डेटा की क्रॉस-वेरिफिकेशन की तथा स्थान की भौतिक सत्यापन की, जिससे लेन-देन की धोखाधड़ी वाली प्रकृति का पर्दाफाश हुआ। उन्होंने बताया कि यह फर्म 75 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले लेन-देन से जुड़ी हुई थी, जिससे 13.64 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी हुई।
इसके अतिरिक्त, 14 सितंबर, 2025 को बठिंडा में दीपक सिंगला एवं विवेक सिंगला के खिलाफ एफ.आई.आर. नंबर 182 दर्ज की गई, जिनकी पहचान बठिंडा क्षेत्र में लोहे एवं स्टील का पासर होने के रूप में हुई। जांच से पता चला है कि दोनों दोषी बिना हिसाब-किताब वाले सामान को आवश्यक बिलिंग के बिना ढुलाई में शामिल थे, जिससे बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी हुई तथा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया।
इन एफ.आई.आर. के अलावा, कराधान विभाग ने अपनी फील्ड-स्तरीय कार्रवाई तेज कर दी है। मंडी गोबिंदगढ़ में एक विशेष 3 दिवसीय चैकिंग अभियान के दौरान स्टेट इंवेस्टिगेशन एंड प्रिवेंटिव यूनिट्स (एस.आई.पी.यू.) ने सत्यापन हेतु 108 वाहनों को रोका। इनमें से 26 वाहनों पर 50 लाख रुपए के जुर्माने लगाए जा चुके हैं, जबकि बाकी वाहनों के संबंध में कार्रवाई अभी जारी है। इस लक्ष्यबद्ध अभियान के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि कर चोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यह अभियान लोहा एवं स्टील, सीमैंट और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।
जाली बिलिंग एवं टैक्स चोरी के खतरे को समाप्त करने के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वित्त विभाग ने कहा कि धोखाधड़ी करने वाली फर्मों के खिलाफ दर्ज की गई एफ.आई.आर. और बड़े स्तर पर चैकिंग अभियानों से राज्य की गंभीरता एवं वित्तीय आधार की सुरक्षा की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। उन्होंने पंजाब की जीरो-टॉलरैंस नीति पर जोर दिया, जिसके तहत तकनीक-आधारित निगरानी को जमीन स्तर पर प्रवर्तन के लिए लागू किया जा रहा है।
वित्त विभाग ने कहा कि इस तरह की प्रवर्तन कार्रवाईयां तीव्रता से जारी रहेंगी ताकि असली व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले, ईमानदार करदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो, और पंजाब के जन-कल्याण हेतु सार्वजनिक वित्तीय राजस्व की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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