बंदी सिंह की रिहाई मामला: सिख स्टूडेंट फेडरेशन ग्रेवाल और ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन ने निकाला कैंडल मार्च

punjabkesari.in Wednesday, Apr 27, 2022 - 10:56 AM (IST)

अमृतसर (गुरिन्दर सागर): लंबे समय से जेल में बंद और अपनी सजाएं पूरी कर चुके बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर अब मामला लंबाई पकड़ता हुआ नजर आ रहा है। लगातार ही अलग-अलग सिख जत्थेबंदियों की तरफ से बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर केंद्र सरकार को कई मांग पत्र भेजे जा चुके हैं और कई मार्च भी निकाले जा चुके हैं लेकिन बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर आज तक केंद्र सरकार अपना कोई भी फैसला स्पष्ट नहीं कर सकी। हालांकि कुछ समय पहले केंद्र सरकार द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 550वां वार्षिक प्रकाश पर्व और बंदी सिंहों को रिहा करने का फैसला दिया गया था लेकिन अभी तक उन्होंने कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ जिसके बाद लगातार ही बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर अलग-अलग सिख जत्थेबंदियां अपने-अपने तरीके से मांग करती दिखाई के रही हैं जिसके चलते एक बार फिर आज अमृतसर श्री दरबार साहिब नजदीक विरासती मार्ग के पर सिख स्टूडेंट फेडरेशन ग्रेवाल और ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन की तरफ से कैंडल मार्च निकाला कर बंदी सिंहों की रिहाई की मांग और जोर-शोर से की गई। 

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इस सम्बन्धित कैंडल मार्च करते सिख नेताओं ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते कहा कि समय की सरकारों की तरफ से पंजाब और सिखों के साथ हमेशा धक्का और भेदभाव किया गया है इसी कारण लंबे समय से सिख नौजवान जेलों में बंद किए हुए हैं। उन्होंने मांग की कि सिख नौजवानों को तुरंत रिहा किया जाए और पंजाब और सिख नौजवानों को तुरंत रिहा किया जाए और पंजाब और सिखों के साथ किया जा रहा धक्का और भेदभाव बंद किया जाए। उन्होंने आगे बातचीत करते कहा कि 1984 में चले धर्मयुद्ध दौरान सिख नौजवान जज्बाती होकर उनकी तरफ से कुछ ऐसे कदम उठाए गए थे जिसकी उनको कानून के अनुसार सजा पूरी हो चुकी है लेकिन वह अपनी सजाएं पूरी करने के बावजूद भी उनको बाहर नहीं आने दिया जा रहा जिसके लिए कहा था कि आवाज बुलंद कर रहा है जिससे कि जल्द से जल्द बंदी सिंहों को रिहा किया जाए। 

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जिक्रयोग्य है कि लंबे समय से जेलों में बंद बंदी सिंहों को रिहा करवाने के लिए अलग-अलग समय और सिख जत्थेबंदियों की तरफ से कई बार आवाज बुलंद करने की कोशिश की गई लेकिन केंद्र सरकार अभी तक बंदी सिंहों को रिहा नहीं कर रहे जिसके चलते 11 जनवरी 2022 को भी अलग-अलग सिख जत्थेबंदियों की तरफ से इकठ्ठा होकर पंजाब के राज्यपाल की और कूच किया गया था और गवर्नर हाऊस में जाकर बंदी सिंहों को रिहा करवाने के लिए मांग पत्र भी दिया गया था लेकिन आज तक उस मांग पत्र पर भी कोई फैसला सामने नहीं आया।

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News Editor

Urmila

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