हरियाणवी देसी शराब ने मालवई किए मस्त

punjabkesari.in Monday, Jul 03, 2017 - 10:05 AM (IST)

संगत मंडी(मनजीत): पंजाब सरकार द्वारा राज्य में देसी शराब के भाव में किए गए बढ़ावे पर हरियाणा राज्य में सस्ती शराब के चलते बॉर्डर पर बैठे लोगों को शराब तस्कर बना दिया है। थाना संगत और सी.आई.ए. स्टाफ द्वारा हरियाणा राज्य से आते शराब के बांध को रोकने के लिए सीमा पर बाज की तरह नजर रखी जा रही है परन्तु फिर भी शराब तस्कर पुलिस को चकमा देकर बड़ी मात्रा में शराब राज्य में ला रहे हैं। 

 

 

थाना संगत में अगर गत 3 महीनों के मामलों की बात करें तो सबसे अधिक शराब के मामले दर्ज हुए हैं। इन 3 महीनों में लगभग 44 मामले दर्ज करके 70 के करीब व्यक्तियों को काबू करके इनसे 3,200 बोतलें शराब की बरामद की गई हैं। हर रोज औसत 2-3 मामले शराब के दर्ज हो रहे हैं।  हरियाणवी शराब ने राज्य की सीमा के साथ-साथ पूरे मालवा के लोगों को मस्त किया हुआ है। इन 3 महीनों में शराब के दर्ज मामलों के हिसाब से पुलिस के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। राज्य के बॉर्डर पर लगते शराब के ठेकों पर शराब की बिक्री कम हो गई है जबकि इसके उलट हरियाणा राज्य के बॉर्डर पर लगते शराब के ठेकों पर शराब की बिक्री पहले से कई गुणा अधिक हो गई है। इसके अधिकतर खरीदार पंजाब के लोग ही होते हैं।

 

दोनों राज्यों में शराब की कीमत ही युवकों  को बना रही है शराब तस्कर
राज्य में जो देसी शराब की कीमत है वह 240 रुपए प्रति बोतल है जबकि हरियाणा में यह 85 रुपए में मिल जाती है। तस्करों को शराब का डिब्बा सिर्फ 1,000 रुपए में मिल जाता है। शराब के इस बड़े अंतर ने ही बॉर्डर के साथ लगते गांव के युवकों को शराब तस्कर बना दिया है। युवक दिन-प्रतिदिन अमीर बनने का सपना लेकर इस धंधे से जुड़ रहे हैं। इसी का नतीजा है कि शराब की तस्करी कम होने की बजाय लगातार बढ़ रही है।

 

क्या कहते हैं थाना संगत के मुखी परमजीत डोड
बातचीत दौरान थाना संगत के मुखी परमजीत डोड ने बताया कि वह राज्य को नशा मुक्त करने के लिए पूरी दृढ़ता से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत समय में राज्य में शराब की तस्करी बहुत बढ़ चुकी है और अब नशों का कारोबार करने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, यह कारोबार करने वाले बाज आ जाएं।

 

हरियाणा कमिश्नर से की जाएगी बात : ई.टी.ओ.
जब इस संबंधी ई.टी.ओ. आर.एस. रोमाणा से बात की गई तो उन्होंने शराब तस्करी का मुख्य कारण दोनों राज्यों में शराब के अंतर को बताया। उन्होंने कहा कि हर राज्य की अपनी-अपनी पॉलिसी होती है। हरियाणा में शराब कारोबारियों के छोटे ग्रुप होने के कारण शराब का मूल्य कम है। उनके द्वारा भी अपनी तरफ से 124 केस पकड़े जा चुके हैं। इस संबंधी हरियाणा कमिश्नर से बात की जाएगी।


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