गैंगस्टरों में छिड़ी दुश्मनी और वर्चस्व की लड़ाई, फायदा उठा सकता है पाकिस्तान

punjabkesari.in Sunday, Mar 12, 2023 - 12:29 PM (IST)

फिल्लौर: गैंगस्टरों की दुश्मनी का फायदा उठा पड़ोसी देश पाकिस्तान पंजाब के माहौल को खराब करने की फिराक में है जिसकी शुरूआत पाकिस्तान में बैठी आई.एस.आई. ने पंजाब के गोइंदवाल जेल से की है, जहां लॉरैंस बिश्नोई गैंग के लोगों ने गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के 2 शूटरों को मौत के घाट उतार दिया। अपराध की दुनिया में अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए कब दोस्त दुश्मन बन जाए और दुश्मन दोस्त, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। अपराध की दुनिया के 3 बड़े नाम जग्गू भगवानपुरिया, लॉरैंस बिश्नोई दोनों जो जेल में बंद हैं और विदेश में बैठा गोल्डी बराड़ ये तीनों कभी एक हुआ करते थे।

अब ये एक-दूसरे के खून के प्यासे बन बैठे हैं। जग्गू ने लॉरैंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ से बदला लेने के लिए अपने कट्टर दुश्मन गैंग बंबीहा ग्रुप से हाथ मिला लिया जबकि अपना दबदबा और बढ़ाने के लिए लॉरैंस और गोल्डी ने लंबा हरीके के साथ हाथ मिला लिया। कुछ दिन पहले ही गोइंदवाल जेल में बंद जग्गू के 2 शूटरों मनप्रीत मन्ना और तूफान को लॉरैंस गैंग के शूटर सचिन भवानी ने मौत के घाट उतार दिया और मोबाइल से वीडियो बनाई जिसमें वे उन्हें मारने का जश्न मना रहे हैं, साथ में जग्गू को भी गालियां निकाल रहे हैं। इसका जवाब देते हुए जग्गू गैंग के लोगों ने भी गोल्डी बराड़ और लॉरैंस गैंग के खात्मे की बात की।

जेल में बंद जग्गू व लॉरैंस, विदेश में बैठे गोल्डी की दोस्ती टूटकर ऐसे बदली दुश्मनी में

अपराध की दुनिया में जग्गू भगवानपुरिया नामी गैंगस्टर है जिस पर कत्ल, ईरादा-ए-कत्ल, अपहरण, फिरौती और पड़ोसी देश पाकिस्तान से ड्रग मंगवा कर तस्करी करने जैसे 70 मुकद्दमे दर्ज हैं। जग्गू को पंजाब में राजनीतिक शरण भी मिलती रही थी। इसका खुलासा खुद उस वक्त आई.जी. रहे एक अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में किया। जग्गू गैंग का ज्यादा दबदबा पंजाब के माझा जिले में रहा है। गोल्डी बराड़ और लॉरैंस दोनों एक ही यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। दोनों ने एक साथ अपराध की दुनिया में कदम रखा और आगे बढ़ने के लिए दोनों को गैंगस्टर जग्गू का साथ मिला। जग्गू की दविंदर बंबीहा गैंग से दुश्मनी थी तो लॉरैंस भी बंबीहा गैंग का दुश्मन बन गया। गोल्डी ने सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट में लिखा कि जो जग्गू उनका खास बना हुआ था, असल में वही सबसे बड़ा गद्दार था। अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए वह पुलिस का मुखबिर बना हुआ था और उसी ने मुखबिरी कर उनके 2 खासमखास मनप्रीत मन्नो, जगरूप रूपा का पुलिस को समय बताकर एनकाऊंटर करवाया।

जेल में बंद लॉरैंस को लग चुकी थी जग्गू के अपने दुश्मन बंबीहा गैंग से हाथ मिलाने की भनक

गोल्डी ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि जेल में बंद लॉरैंस बिश्नोई को इस बात का पता चल गया था कि जग्गू ने उसके दुश्मन बंबीहा ग्रुप से हाथ मिला लिया है। खुफिया विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक जग्गू ने अपने दोस्त रहे गोल्डी और लॉरैंस से इसलिए किनारा कर लिया था कि उसे भी पता चल गया था कि इन दोनों ने खालिस्तानी आतंकवादी पाकिस्तान में बैठे रिंदा और विदेश में बैठा लंडा हरीके के साथ हाथ मिला लिया है।

जेल में गैंगस्टरों के पास फोन और हथियार पहुंचने से उठे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल

दुश्मन बन चुके अब इन गैंगस्टरों में एक-दूसरे के शूटरों को मारने का सिलसिला शुरू हो चुका है। खून-खराबे के इस नए दौर की शुरूआत पंजाब की जेल से हुई है। पंजाब की जेलों में भी गैंगस्टरों का इतना दबदबा बन गया कि अपने वर्चस्व को कायम रखने की लड़ाई उन्होंने जेलों में भी शुरू कर दी है। लॉरैंस ने जेल में बैठे ही पंजाब की जेल में इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिलवा दिया जिसके बाद पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने शुरू हो गए कि आखिर जेल में बंद इन गैंगस्टरों के पास फोन और हथियार कहां से कैसे आए? उसी फोन से शूटर सचिव भवानी ने उन्हें मारने के बाद जश्न मनाने की वीडियो बनाई और विदेश में बैठे गोल्डी बराड़ को बाकायदा फोन कर भी बताया। लॉरैंस का यह कारनामा पंजाब की सुरक्षा एजैंसियों पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

बंबीहा गैंग भी लॉरैंस से पुरानी दुश्मनी का बदला लेने के लिए हुआ एक्टिव

खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बंबीहा गैंग भी लॉरैंस गैंग से बदला लेने के लिए और इन गैंगस्टरों में आपस में शुरू हुई दुश्मनी का फायदा उठा एक्टिव होना शुरू हो गया है। बंबीहा गैंग का मुख्य सरगना कबड्डी खिलाड़ी दविंदर सिंह सिद्धू था जो मोगा जिले के बंबीहा गांव का रहने वाला था। अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद उसने खुद का बंबीहा गैंग बना लिया। एक पुलिस एनकाऊंटर में दविंदर बंबीहा मारा गया था। उसके मारे जाने के बाद गैंगस्टर लक्की पटियाला जो विदेश अर्मीनिया में रहता है, वहीं से बैठा इस गैंग को ऑप्रेट कर रहा है। लॉरैंस और बंबीहा गैंग में बदले की कहानी दिओड़ की हत्या से शुरू हुई थी दिओड़ा की हत्या लॉरैंस के शूटर नैहरा ने की थी जिसके बाद बंबीहा गैंग के संचालक लक्की पटियाला ने उसका बदला लेने के लिए गुरलाल बराड़ की हत्या करवा दी।

गुरलाल बराड़ गोल्ड़ी बराड़ का रिश्ते में भाई था। गोल्डी ने भाई की मौत का बदला बंबीहा गैंग के रणजीत सिंह राणा की हत्या करवा कर लिया। अब जग्गू और बंबीहा गैंग के एक साथ आ जाने से बंबीहा गैंग भी पूरी तरह से एक्टिव हो चुका है जो लॉरैंस और बराड़ के शूटरों के खात्मे की तैयारी में लग चुका है।

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News Editor

Urmila

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