बेअंत सिंह हत्याकांड: राजोआना की याचिका पर SC इस तारीख को करेगी अंतिम सुनवाई
punjabkesari.in Tuesday, Oct 11, 2022 - 03:41 PM (IST)

चंडीगढ़ (कमल कंसल) : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में सजा काट रहे बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में बलवंत सिंह राजोआना के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल 26 साल से जेल में है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बीच केंद्र सरकार फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। केंद्र सरकार ने कहा कि सुरक्षा कारणों से फैसला नहीं लिया जा सका। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट मामले की अंतिम सुनवाई एक नवंबर को होगी।
बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से फैसला लेने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी और सुनवाई टाल दी थी। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को कम करने की अर्जी पर जल्द फैसला लेने को कहा है। दरअसल, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में राजोआना को मौत की सजा सुनाई गई थी। राजोआना ने सजा को उम्रकैद में बदलने की अर्जी दाखिल की है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 1995 में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मौत की सजा पाए राजोआना ने 26 साल जेल की सजा काटने के आधार पर अपनी सजा को उम्र कैद में बदलने की गुहार लगाई है।
कौन हैं बलवंत सिंह राजोआना?
लुधियाना जिले के राजोआना गांव में जन्मे बलवंत 1987 में पंजाब पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। बेअंत सिंह पर हुए हमले में पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने मानव बम की भूमिका निभाई थी। इसे तैयार करने में बलवंत का हाथ था। ऐसा कहा जाता है कि यह तय किया गया था कि अगर दिलावर बेअंत सिंह को मारने में विफल रहता है तो बलवंत उसके बाद जिम्मेदारी लेगा। बेअंत सिंह हत्याकांड में बलवंत को पुलिस ने 1995 में गिरफ्तार किया था। वर्ष 2007 में सी.बी.आई. ने उसे मौत की सजा सुनाई थी।
31 जुलाई 2007 को कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। मास्टरमाइंड जगतारा सिंह और बलवंत सिंह राजोआना को मौत की सजा सुनाई गई है जबकि तीन आरोपियों गुरमीत, लखविंदर और शमशेर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एक आरोपी नसीब सिंह को 10 साल की सजा सुनाई गई है। फैसले के खिलाफ पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में अपील की गई, जहां जगतारा की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया लेकिन बलवंत की सजा को बरकरार रखा गया था।
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