पंजाब में 170,00,00,000 रुपये का बड़ा घोटाला! होश उड़ा देंगे खुलासे
punjabkesari.in Friday, Oct 17, 2025 - 11:58 AM (IST)

खन्ना (विपन): खन्ना पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में जैविक खेती का लालच देकर निवेशकों से बड़े पैमाने पर पैसा वसूल रहा था। एसएसपी खन्ना डॉ. ज्योति यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 'जेनरेशन ऑफ फार्मिंग' नाम की एक फर्म ने कुल 23,249 भोले-भाले लोगों से लगभग 170.57 करोड़ रुपए वसूले थे। फर्म ने निवेशकों को हर महीने 8 प्रतिशत रिटर्न और 25 महीनों में उनके निवेश को दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन असल में यह एक धोखाधड़ी निकली।
पुलिस के अनुसार, फर्म के मालिकों और प्रतिनिधियों ने जैविक उत्पादन, वर्मीकम्पोस्ट आपूर्ति और बागवानी परियोजनाओं के नाम पर लोगों को लालच दिया और कई पंजीकृत और अपंजीकृत कंपनियों के माध्यम से जाल फैलाया, जिसमें सोशल मीडिया और स्थानीय परिषदों का इस्तेमाल करके लोगों का विश्वास जीता गया। जांच में पता चला कि निवेशकों के इस पैसे का इस्तेमाल निजी संपत्तियाँ खरीदने, खातों में बदलाव और अन्य गतिविधियों में किया गया। इस धोखाधड़ी के संबंध में समराला थाने में मुकदमा संख्या 247/2025, 248/2025 और 268/2025 दर्ज किए गए हैं, जिनमें धारा 318(4), 316(2), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 111 और 238 समेत कई गंभीर धाराएं शामिल हैं। पुलिस ने इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और कई अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
जाँच के दौरान, पुलिस ने फर्म के कार्यालयों से लैपटॉप, मॉनिटर, कीबोर्ड, सीपीयू और मोबाइल फोन सहित महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर बरामद किए। कुल 44 बैंक खाते (21 फर्म खाते और 23 व्यक्तिगत खाते) फ्रीज कर दिए गए हैं और जाँच के दौरान ₹1,15,52,062.01 की राशि जब्त की गई है। इसके अलावा, पुलिस ने छह बेनामी संपत्तियों की भी पुष्टि की है, जिन्हें आवश्यक कानूनी कार्रवाई के बाद ज़ब्त किया जाएगा। साथ ही, फर्म से जुड़ी 9 अन्य संस्थाओं के रिकॉर्ड भी प्राप्त किए गए हैं। प्रारंभिक जाँच से पता चला है कि फर्म और उससे जुड़ी कंपनियों ने अपने प्रतिनिधियों के आवासों का इस्तेमाल खाते खोलने के लिए किया और उद्यम प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग करके अनुबंधों/दस्तावेजों के आधार पर कई खाते खोले।
एसएसपी ने स्पष्ट किया कि यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी का मामला नहीं है, बल्कि एक गंभीर अपराध का मामला है और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने पीड़ितों को सोशल मीडिया के माध्यम से जांच में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया है और एसआईटी उनके बयान दर्ज कर रही है। एसएसपी ने आश्वासन दिया है कि एक-एक पैसा वापस किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि फर्म की कुल देनदारी 55.08 करोड़ रुपए से अधिक है। अधिकारियों ने निवेशकों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात योजना में तुरंत पैसा न लगाएं, किसी भी वादे के लिए लिखित में आवेदन करें और संदिग्ध लेनदेन की सूचना स्थानीय पुलिस को दें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि वास्तविक व्यवसाय के बहाने लोगों को लुभाने वाली संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here