3500 में ब्लैक बिकने लगी रेत की ट्रॉली और 25,000 का हुआ ट्रक
punjabkesari.in Friday, Apr 14, 2017 - 12:07 PM (IST)

अमृतसर (नीरज): पिछले 10 वर्षों में अमृतसर जिले में सरगर्म रेत माफिया को कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने सत्ता में आने पर ऐसा भगाया कि पिछले 3 महीनों से रेत की खड्डों में किया जा रहा अवैध खनन तो बंद हो गया लेकिन डिमांड व सप्लाई में इतना भारी अंतर आ गया है कि इस समय मार्कीट में रेत उपलब्ध नहीं होने से इसकी ब्लैक शुरू हो गई है।हालात यह बन चुके हैं कि 800 से 1000 रुपए प्रति सैंकड़ा बिकने वाली रेत की ट्राली 3200 से 3500 रुपए प्रति सैंकड़ा ब्लैक हो रही है, वहीं 5,000 रुपए में बिकने वाला रेत का ट्रक इस समय 25,000 रुपए में ब्लैक हो रहा है। ब्लैक में भी रेत उपलब्ध नहीं है।
ऐसा नहीं है कि मार्कीट में जाते ही रेत मिल जाएगी बल्कि रेत की डिलीवरी लेने के लिए कई दिन इंतजार करना पड़ रहा है जिससे आम जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है। जनता का कहना है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो आईना तो वही है लेकिन चेहरे बदल रहे हैं। क्योंकि अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में जिस प्रकार से रेत माफिया ने रेत के दाम सीमैंट के समान कर दिए थे वही हालात कांग्रेस सरकार में भी नजर आ रहे हैं। यह भी चर्चा है कि सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेताओं की रेत की खड्डों पर नजर है। फिलहाल अभी रेत की खड्डों की नीलामी नहीं हुई है और नीलामी के बाद ही सारी सच्चाई सामने आने वाली है। यह पता चलेगा कि नीलामी के बाद रेत सस्ती हुई या फिर महंगी लेकिन मौजूदा समय में रेत के दाम आसमान छू रहे हैं।
विधानसभा चुनावों में मुख्य मुद्दा था रेत माफिया
विधानसभा चुनावों में मौजूदा सत्ताधारी पार्टी ने जहां पंजाब में ड्रग्स को मुद्दा बनाया वहीं रेत माफिया का मुद्दा भी कम नहीं था।
अवैध खनन पर डी.सी. की टीम कर रही दिन-रात नाकाबंदी
कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही रेत का अवैध खनन बंद करवा दिया क्योंकि विधानसभा चुनावों से पहले ही रेत की खड्डों के ठेके खत्म हो चुके थे और अवैध रूप से खनन किया जा रहा था जिसे डी.सी. कमलदीप सिंह संघा ने अपना पदभार संभालते ही बंद करवा दिया। डी.सी. ने रात के समय में खुद समूह प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ छापेमारी की और रेत से लदी ट्रालियां जब्त की थीं। इतना ही नहीं, अवैध खनन वाली खड्डों व रावी के साथ-साथ ब्यास दरिया के उन इलाकों में जहां अवैध खनन हो रहा था, पर ज्वाइंट टीम के साथ नाकाबंदी करवा दी ताकि कोई भी व्यक्ति रेत न ले जा सके। इस टीम में डी.आई.सी. दफ्तर के माइङ्क्षनग विभाग, ट्रैफिक पुलिस, संबंधित इलाके के थाने, तहसीलदार व एस.डी.एम. को शामिल किया गया। आंकड़ों से पता चलता है कि अवैध रूप से रेत ले जा रहे 100 से ज्यादा वाहनों को जब्त किया गया है।