विपक्ष में भी नेता जी को रास आ रहा है 'काले तेल' का व्यापार, पढ़ें दिलचस्प मामला

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2023 - 12:50 PM (IST)

जालंधर (पाहवा) : हाल ही में जालंधर लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत जहां भाजपा और अकाली दल के लिए बड़ी चिंता का विषय है, वहीं कांग्रेस भी इससे अछूती नहीं है। कांग्रेस के कुछ नेताओं का रुखापन और आम लोगों के प्रति उनका व्यवहार पिछले काफी समय से चर्चा का विषय है। यहां तक कि कांग्रेस के कुछ ऐसे नेता भी चर्चा में हैं, जो सत्ता पक्ष से बाहर होने के बाद भी मोटी कमाई कर रहे हैं।

सत्ता में होते हुए भी रहे चर्चा में
काले तेल का एक व्यापारी नेता भी इसी चक्कर में आजकल शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस की सरकार के दौरान यह नेता जी कभी अवैध इमारतों के संरक्षण तो कभी काले तेल के व्यापार को लेकर चर्चा में रहे। लेकिन अब जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है तो भी इनका धंधा अच्छा खासा फल-फूल रहा है।

शरीफ नेता की टैगलाइन खूब भा रही
'ईमानदार' व 'शरीफ' नेता की टैगलाइन लेकर घूम रहे यह मान्यवर अपनी युवावस्था से तेल के व्यापार में लगे हुए हैं। पहले कैरोसीन तेल तो उसके बाद काले तेल का व्यापार इन्हें अच्छा खासा रास आ रहा है। हाल ही में लोकसभा उपचुनाव के दौरान वैसे तो यह नेता जी इलाके में कम ही नजर आए। लेकिन कहा जा रहा है कि चुनावी परिणाम में इन्होंने तीसरा नंबर लिया है। इस इलाके से आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी इनसे आगे रही।

समर्थकों का कुछ नहीं संवार पाए नेता जी
वैसे तो नेता जी कांग्रेस के कट्टर सिपाही होने का दम भरते हैं, लेकिन इनकी कभी भाजपा में जाने की चर्चाएं भी अकसर सोशल मीडिया पर चलती रहती हैं। शायद नेता जी को यह यकीन होने लगा है कि इस बार उन्हें टिकट नहीं मिलने वाला, जिसके कारण वह अब अपना कमंडल उठाकर किसी दूसरे दल में शामिल होने की योजना बना रहे हैं। वैसे अब जालंधर नगर निगम के चुनाव भी होने हैं, जिसके लिए यह नेता जी अपनी गोटियां फिट करने में जुटे हुए हैं। लेकिन जिस तरह के हालात नेता जी के हैं, उससे नहीं लगता कि उन्हें या उनके खेमे को सफलता मिलेगी। सबसे बड़ी बात तो यह है कि काले तेल के व्यापार में नेता जी की तो चांदी हो गई, लेकिन इनके आसपास के इनके कई समर्थक बेचारे नेता जी की ईमानदारी पर ही फिदा रहे। जिसका असर यह हुआ कि समर्थकों का तो कुछ नहीं बना, पर नेता जी को काला तेल रास आ गया।  


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Vatika

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