छोटे ने बड़े भाई को दी दर्दनाक मौत, वारदात के बाद सामने आए सच ने पुलिस के उड़ाए होश

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2022 - 02:02 PM (IST)

लुधियाना (राज): सतलुज दरिया के किनारे हुई बिल्डिंग मैटीरियल स्टोर के मालिक बलकार सिंह की हत्या के मामले को पुलिस ने 24 घंटे के अंदर सुलझा लिया है। बलकार की हत्या उसके छोटे भाई ने करवाई था। प्रापर्टी के लिए उसने कुछ लोगों को भाई की हत्या के लिए 5 लाख रुपए की सुपारी दी थी।

हत्या करने वाले आरोपी कुलदीप सिंह, सौरभ कुमार और गोरी हैं जबकि मृतक का भाई गुरदीप सिंह उर्फ दीपा है जिसने उन्हें हत्या के लिए सुपारी दी थी। थाना मेहरबान की पुलिस ने आरोपी गुरदीप सिंह और सौरभ कुमार को काबू कर लिया है जबकि कुलदीप सिंह और गोरी की तलाश की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों से हत्या में इस्तेमाल कुल्हाड़ी और बाइक बरामद हुई है। आरोपियों को अदालत पेश कर 3 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है और उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है।

पुलिस कमिश्नर डॉ. कौस्तुभ शर्मा, ज्वाइंट सी.पी. रवचरण सिंह बराड़, डी.सी.पी. वरिंदर सिंह बराड़ और ए.डी.सी.पी. तुषार गुप्ता ने बताया कि बलकार सिंह आदि 4 भाई थे जिनमें बलकार दूसरे नंबर पर था और आरोपी गुरदीप सिंह सबसे छोटा है। बलकार सिंह का बिल्डिंग मैटीरियल का काम था। 2 भाई उसके साथ ही दुकान पर काम करते थे जबकि गुरदीप सिंह वाटर ट्रीटमैंट प्लांट में ड्राइवरी करता था। वह विदेश जाना चाहता था, मगर उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह विदेश जा सके। उनकी 600 वर्ग गज की एक सांझी प्रापर्टी थी जिसे गुरदीप सिंह बेचना चाहता था। वह बार-बार बलकार से उक्त प्रापर्टी को बेचने की जिद कर रहा था, मगर बलकार उसे अभी बेचना नहीं चाहता था। इसलिए दोनों में अक्सर विवाद रहता था। तब से उसके मन में था कि वह बलकार को मारवा कर प्रापर्टी बेचकर उसके पैसों से विदेश चला जाएगा।

8 माह पहले 1 लाख देने का वादा कर रची थी हत्या की साजिश, तब बच गया था बलकार

ज्वाइंट सी.पी. रवचरण सिंह बराड़ का कहना है कि गुरदीप सिंह जहां काम करता था, वहीं पर कुलदीप सिंह भी कार्यरत था। उसने 8 महीने पहले भाई की हत्या की योजना बनाई थी व दिसम्बर 2021 में हत्या के लिए कुलदीप सिंह को कहा था। उसने काम के बदले में कुलदीप को 1 लाख रुपए देने का वादा किया था। तब कुलदीप सिंह ने अपने 3 अन्य साथियों के साथ बलकार पर हमला कर दिया था। वे उसे मरा हुआ समझकर वह छोड़ गए थे लेकिन किस्मत से बलकार सिंह बच गया था। उसका 2 महीने अस्पताल में इलाज चला था जिसके बाद वह ठीक हो गया था। उस दौरान जब पुलिस अस्पताल में बलकार के बयान लेने के लिए गई थी, तब गुरदीप सिंह ने ही पुलिस को गुमराह किया था। उसने इस हादसे को एक्सीटेंड बताया था और कहा था कि वे कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते, इसलिए पहले पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाई थी, मगर जब बलकार खुद ठीक हुआ तो उसने अधिकारियों से मुलाकात की थी और कहा था कि उसका एक्सीडेंट नहीं हुआ था बल्कि उस पर हमला किया गया था। इसके बाद उक्त हमले में थाना टिबबा में हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था।

अब हत्या के लिए तय की थी 5 लाख की सुपारी

ए.डी.सी.पी. तुषार गुप्ता का कहना है कि गुरदीप सिंह ताक में था कि वह कब बलकार को ठिकाने लगवाए, इसलिए उसने फिर से कुलदीप सिंह के साथ मिलकर भाई को मारने का प्लान तैयार किया मगर बार 5 लाख रुपए की सुपारी तय की थी और कहा था कि काम होने के बाद उसे पैसे मिलेंगे।

इस बार कुलदीप ने अपने साथ सौरभ और गौरी को तैयार कर लिया था। सौरभ ने वीरवार की दोपहर को बलकार को फोन किया था। उसने रेत का डम्प दिखाने के बहाने बलकार सिंह को गांव रोड में सतलुज दरिया के किनारे बुलाया था। बलकार भी आरोपी की बुलाई हुई जगह पर पहुंच गया था जहां पर पहले से सौरभ के साथ कुलदीप सिंह और गौरी मौजूद थे। उन्होंने बलकार सिंह को पकड़कर कुलहाड़ी से पहले उसके सिर पर वार किया फिर गला काट डाला। बलकार की हत्या के बाद आरोपियों ने गुरदीप को काम होने की बात कहकर मोबाइल बंद कर दिया और आरोपी अपने साथ बलकार का मोबाइल भी ले गए थे। इसके बाद गुरदीप अपने दूसरे भाई और पिता के साथ बलकार को ढूंढते हुए घटनास्थल पर पहुंचा था।

लास्ट कॉल से आरोपियों तक पहुंची पुलिस

पुलिस का कहना है कि वह मोबाइल की लास्ट कॉल के जरिए ही आरोपियों तक पहुंच पाई है। बलकार को घटनास्थल पर बुलाने के लिए सौरभ ने अपने मोबाइल का इस्तेमाल किया था। उसकी लास्ट कॉल की डिटेल निकलवा कर पहले पुलिस सौरभ तक पहुंची। इसके बाद सौरभ से पूछताछ में गुरदीप सिंह का नाम सामने आया। तब पुलिस भी हैरान हो गई थी। पुलिस ने गुरदीप को हिरासत में लिया जिसके बाद सारी कड़ियां खुल गई और हत्या की सारी साजिश सामने आ गई।

 

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News Editor

Kalash

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