जहरिला हुआ पंजाब के दरियाओं व नहरों का पानी

punjabkesari.in Sunday, Feb 03, 2019 - 05:21 PM (IST)

फिरोजपुर (कुमार): पंजाब जिसका नाम ही पांच दरियाओं की धरती कारण होंद में आया और इन दरियाओं की वजह से प्रदेश की खेती विकसित हुई, जिसके प्रदेश में आर्थिक खुशहाली भी आई। लेकिन आज मान्वीय लालचों कारण यहीं दरिया बेहद प्रदूषित हो गए हैं और इनमेंं बहाने वाला पानी जहरीला हो गया है और स्थिति इतनी गंभी हो चुकी है कि एक तरफ जल जीवों की नसलें खत्म हो रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रदूषित और जहरीला पानी लोगों की तरफ से पीने कारण गंभीर सेहत संकट पैदा हो रहा है। यहां यह बात बताने योग्य है कि जिला में राजस्थान फीडर नहर में एक बार फिर से जहरीला काले रंग का पानी आ रहा है और पानी जहरीला होने के कारण जीव-जंतु मर रहे है। लेकिन अभी तक प्रशासन और सरकारें इस मामलें को लेकर गंभीर नहीं है और वह किसी बड़े हादसें के इंतजार में है। मालूम हो कि कुछ समय पहले भी फैक्ट्रियों का जहरीला पानी राजस्थान फीडर में छोडऩे के कारण काफी जीव-जंतू मर गए थे और इस बार फिर से वहीं हो रहा है। 

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जानकारी अनुसार बीते दिन जब प्रदेश के सैर सपाटा कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू विश्व वैटलैंड-डे मौके जिला फिरोजपुर में विश्व प्रसिद्ध हरीके वैटलैंड की तरीफें करके इसके विकास के बड़ेे-बड़े दावे कर रहे थे तो हमारे प्रतिनिधि की तरफ से हरीके हैड से निकलती राजस्थान फीडर नहर की स्वच्छता देखी गई तो पानी का रंग पूरी तरह काले रंग में तबदील हुआ और बेहद प्रदूषित नजर आया। इस नहर का पानी पंजाब के चार जिलों फिरोजपुर, फरीदकोट, मुक्तसर साहिब और फाजिल्का से राजस्थान पहुंचता है, जहां यह पानी पीने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। लेकिन पानी की गुणवता देख कर पीने के लिए इस्तेमाल करना तो दूर यह पानी खेती और पशुओं के इस्तेमाल योग्य भी नहीं लगता, परंतु राजनैतिक नेताओं, प्रशासनिक अधिकारी और संबंधित विभाग के अफसरों को शायद यह नजर नहीं आता। औद्योगिक कचरा, घरों का कूड़ा-कर्कट और शहरी सिवरेज की गंदगी इन दरियाओं में डाला जा रहा है और सतलुज दरिया में लुधियाना के उद्योग की गंदगी, जालंधर के चमड़ा उद्योग का पानी काली संघिया से ड्रेन के जरिए दरिया में फेंकना गंभीर लापरवाही की मिसाल है। इसी कारण ही सतलुज दरिया जब हुसैनीवाला हैड पर पहुंचता है तो दरिया एक बहुत बड़े सेमनाले का रूप धारण कर लेता है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के कसूर शहर के चमड़ा उद्योग का कैमीक्लयुकत पानी भी हुसैनीवाला के नजदीक गाँव टेंडीवाला के पास इसमें मिल जाता है, जिस कारण सरहदी क्षेत्र के बसते हजारों लोग चमड़ी के गंभीर रोगों, हड्डियों के रोगों, कैंसर जैसे लाईलाज रोगों से पीडि़त हो रहे हैं।

क्या कहते है समाज सेवी एनजीओ ढल्ल एवं वकील कमल शर्मा
एनजीओ मोहित ढल्ल एवं वकील कमल शर्मा ने इस संबंध में कहा कि पंजाब गुरूओं पीरों पैगंबरों की धरती है, जिन्होंने सैंकड़ों साल पहले पानी की संभाल का संदेश दिया था, परन्तु हम उनके संदेश पर अमल नहीं कर रहे। लेकिन इसकी लोगों को ताजा उदाहरण संत बाबा बलवीर सिंह सीचेवाल ने पवित्र वेईं नदी को साफ और सुंदर बनाकर पेश की। यह नदी जोकि कुछ साल पहले सुलतानपुर लोधी के निवासियों के लिए कूड़ा-कर्कट फेंकने का स्थान थी, बेहद प्रदूषित थी, आज इसका रुप आकर्षित बन चुका है। पानी बेहद साफ और पीने योग्य हो चुका है। इसमें किश्तियों चलते हैं और किनारे सैरगाह बन चुके है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकारों और लोगों को इस पवित्र वेईं नदी से संदेश लेकर बाकी दरियाओं और नदियों की संभाल करनी चाहिए।

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समाज सेवी डा.सतिन्द्र सिंह भी बोले....
वातावरण और शिक्षा के विकास के लिए काम कर रही मशहूर समाज सेवीं संस्था एग्रीड फाउंडेशन के प्रधान डा.सतिन्द्र सिंह के अनुसार पंजाब गंभीर जल संकट की तरफ बड़ रहा है। एक तरफ पानी का स्तर लगातार निचे हो रहा है और दूसरा पानी बेहद प्रदूषित हो चुका है। उन्होंने कहा कि पानी जीवन का आधार है। ब्रह्मांड में जीवन की जन्म ही पानी में हुई थी। उन्होंने कहा कि हमें अपने गुरुओं के दिए गए संदेश को सिर्फ पढऩा ही नहीं चाहिए, बल्कि उन पर अमल करते हुए पंजाब को गंभीर जल संकट से बाहर निकालने के लिए कार्य करने चाहिए।  

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क्या कहा अरुण शर्मा ने
समाज सेवा अरुण शर्मा के अनुसार राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी, बढ़ता भ्रष्टाचार और मानवीय लालच ने पवित्र दरियाओं की हालत दयनीय कर दी है, जिसकी वजह से कुदरत का संतुलन तेजी के साथ बिगड़ रहा है, जिसके लिए समूह पंजाब वासियों को गंभीरता के साथ सोचना और काम करना चाहिए।

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Mohit

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