बकाया रेवेन्यू की वसूली का मामला : पेंडिंग चालानों की असेसमेंट के दौरान हुआ ये खुलासा

punjabkesari.in Thursday, Aug 10, 2023 - 12:48 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): नगर निगम कमिश्नर द्वारा बकाया रेवेन्यू की वसूली के लिए पेंडिंग चालानों की असेसमेंट करने के जो निर्देश दिए गए हैं, उसे लागू करने के दौरान पार्ट पेमेंट की आड़ में अवैध बिल्डिंगे बनने का खुलासा हुआ है।

यहां बताना उचित होगा कि कमिश्नर शेना अग्रवाल द्वारा लगातार बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की खिंचाई की जा रही है कि महानगर में जितनी बड़ी संख्या में बिल्डिंगों का निर्माण हो रहा है, उसके मुकाबले नक्शे पास करने या चालान काट कर जुर्माना लगाने का आंकड़ा नाममात्र है। इससे नियमों के उल्लंघन के साथ रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है। इसके मद्देनजर कमिश्नर द्वारा नए चालान रोजाना ऑनलाइन सिस्टम में अपलोड करने के अलावा पेंडिंग चालानो की असेसमेंट करने के लिए टारगेट फिक्स किया गया है। 

इस संबंधी रिपोर्ट तैयार करने के दौरान यह खुलासा हुआ है कि पार्ट पेमेंट की आड़ में अवैध बिल्डिंगे बन रही हैं क्योंकि बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों द्वारा मिलीभगत के चलते अवैध रूप से बन रही बिल्डिंगों के खिलाफ चालान काटने के नाम पर नाममात्र फीस वसूलने के बाद बाकी जुर्माना लगाने की कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसकी वजह से करोड़ों का रेवेन्यू अटका हुआ है।

कमिश्नर द्वारा यह दिए गए हैं निर्देश

कमिश्नर द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि अवैध रूप से बन रही बिल्डिंगों के खिलाफ चालान काटने की कार्रवाई करने के बाद रोजाना ऑनलाइन सिस्टम में अपलोड किया जाए। इसके अलावा पेंडिंग चालानों की असेसमेंट के बाद जुर्माना वसूलने के लिए नोटिस जारी करने के लिए बोला गया है और जो लोग बकाया राशि जमा करवाने में आनाकानी कर रहे हैं, उनकी बिल्डिंग को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

लोकेशन न मिलने का बहाना खत्म करने के लिए लगाई गई है यू.आई.डी. नंबर से लिंक करवाने की शर्त

नगर निगम अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से बन रही बिल्डिंगों के खिलाफ चालान काटने की कार्रवाई करने के दोरान जानबूझकर पूरा एड्रेस नहीं लिखा जाता है। इसके चलते नया इंस्पेक्टर आने पर पेंडिंग चालानो की असेसमेंट या बकाया रेवेन्यू की वसूली न होने के लिए बिल्डिंग की लोकेशन न मिलने का बहाना बनाया जाता है। इसके मद्देनजर कमिश्नर द्वारा चालान काटने के दौरान यू.आई.डी. नंबर से लिंक करवाने की शर्त लगाई गई है। इसके बाद ही चालान को ऑनलाइन सिस्टम में अपलोड किया जा सकता है और उसकी रिकवरी लिस्ट में शामिल की जाएगी। 

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News Editor

Kalash

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