पंजाब के सीमावर्ती जिलों के लिए बड़ा तोहफा, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 03:31 PM (IST)

गुरदासपुर (हरमन): सीमावर्ती जिला गुरदासपुर को दिल्ली सहित अन्य स्थानों से सीधा जोड़ने के लिए गुरदासपुर-मुकेरियां रेलवे लाइन तैयार करने का रास्ता साफ हो गया है। इसके तहत रेल मंत्रालय ने इस रेल लिंक प्रोजेक्ट के लिए 75 लाख रुपये की लागत से किए जाने वाले अंतिम सर्वेक्षण को मंजूर कर लिया है। इसके तहत रेल मंत्रालय द्वारा 30 किमी. लंबे गुरदासपुर-मुकेरियां रेल लिंक के लिए अंतिम स्थानीय सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी गई है। गुरदासपुर जिले के लोगों की इस लंबे समय से लंबित मांग से संबंधित इस सर्वेक्षण के संबंध में जारी पत्र के बाद इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि यह नई रेल लाइन इस क्षेत्र के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

सीधे तौर पर कम होगा यात्रा 50 किलोमीटर सफर

रवनीत सिंह बिट्टू ने बताया कि गुरदासपुर पंजाब के माझा क्षेत्र में रावी और ब्यास दरियाओं के बीच स्थित है। यह पाकिस्तान से सरहद सांझी करता एक जिला मुख्यालय है। गुरदासपुर रेलवे स्टेशन से  अनाज और खाद की लोडिंग और अनलोडिंग होती है और हर महीने औसतन 5 रेक लगते हैं। इलाके  में छीना और कत्थुनंगल नामक दो माल वाहक टर्मिनल (जी.सी.टी.) भी कार्यरत हैं। इस क्षेत्र का माल अंबाला, दिल्ली के रास्ते देश के अन्य हिस्तों की ओर भेजने के लिए वाया अमृतसर, जालंधर के रास्ते लगभग 140 किलोमीटर या पठानकोट और जालंधर से लगभग 142 कि.मी. अभी एक लम्बा रास्ता तय करना पड़ता है। कभी-कभी अमृतसर से गुजरते समय रेकों को रिवर्स पड़ता है। इस नई लाइन के निर्माण के बाद यह यातायात मुकेरियां से (लगभग 92 किमी)  चल सकेगा, जिससे प्रत्येक रेक पर करीब 50 किमी की बचक होगी और अमृतसर रिवर्स भी नहीं जाना पड़ेगा।  

सेना और आम लोगों को भी लाभ

उन्होंने यह भी कहा कि गुरदासपुर सीमावर्ती जिला है, यहां टिबरी कैंट सैन्य क्षेत्र भी है, जिसके कारण सैन्य यातायात भी इस रेल लाइन के माध्यम से संचालित किया जाएगा। धारीवाल से स्थानीय यातायात की भी संभावना है क्योंकि यह क्षेत्र ऊनी कपड़े बनाने के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही आम लोगों को भी जालंधर पहुंचने के लिए अमृतसर से होकर जाने वाली ट्रेनों का सहारा लेना पड़ता था, या फिर लोगों को पठानकोट या मुकेरियां जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती थी।

स्थानीय लोगों ने केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू का धन्यवाद किया

उक्त सर्वेक्षण 75 लाख रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा, जिसमें ट्रेन के पूरे रूट के साथ-साथ उसकी लंबाई और रूट पर नदियों व नहरों के ऊपर बनने वाले अंडरपास, ओवरपास, पुल आदि की पूरी रूपरेखा निर्धारित की जाएगी। एक बार यह सर्वेक्षण तैयार हो जाए तो भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा और इस संबंध में रेलवे द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस सर्वेक्षण से संबंधित पत्र जारी होने तथा केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा जानकारी सांझा किए जाने के बाद इस सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों तथा व्यापारियों व आम लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है, जो लंबे समय से गुरदासपुर मुकेरियां रेल संपर्क के निर्माण की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आज बड़ी राहत महसूस की और केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू का भी आभार जताया।

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News Editor

Kalash

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