Pics: अपाहिज होने के बावजूद Boyfriend का Lover ने नहीं छोड़ा साथ, 12 साल बाद ऐसे परवान चढ़ा प्यार

punjabkesari.in Tuesday, Nov 24, 2020 - 10:39 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल) : चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब सैंटर में एक अनोखी शादी हुई। रिहैब सैंटर में रह रहे राहुल क्वार्डप्लेजिक हैं, जोकि एक एक्सीडैंट के बाद व्हील चेयर पर आ गए। वहीं दुल्हन अनामिका ने यह सब जानते हुए भी उनसे शादी की। शादी को लेकर अनामिका परिवार को काफी वक्त से समझा रही थी। राहुल ने शादी की सभी रस्में व्हीलचेयर पर बैठकर ही पूरी की। खास बात यह थी कि सोमवार को ही राहुल का जन्मदिन भी था। शादी की मेजबानी चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब ने की थी।

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29 साल के राहुल और अनामिका एक-दूसरे को साल 2000 से जानते हैं। जब वे फतेहगढ़ में पड़ोसी होते थे और उन दोनों की उम्र सिर्फ 9 साल थी। साल 2008 में वे एक-दूसरे को पसंद करने लगे।दोस्ती और अपने प्यार को लेकर राहुल ने बताया कि मैं हमेशा किसी भी काम के लिए घर से जाने से पहले अनामिका से मिलता था, लेकिन वह सबसे दुखद दिन (13 मार्च, 2016) था, जब मैं जल्दी में था और उस दिन अनामिका से मिल नहीं पाया। मैं ए.ए.ओ. परीक्षा में शामिल होने जा रहा था और बाइक पर एक दोस्त के साथ बैठा था। हमारी बाइक फिसल गई और मुझे पीठ पर चोट लगी। दोस्तों ने मुझे अस्पताल पहुंचाया था, लेकिन मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि लाइफ में आगे क्या होने जा रहा है।

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महसूस न होने दिया, मुझमें कोई कमी है
अनामिका ने मुझे कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि मैं दिव्यांग हूं, जब मेरा निचला आधा हिस्सा पूरी तरह से लकवाग्रस्त था। मेरे पिता सेना में थे और मां और बहन शिक्षक हैं और उनके नौकरी पर जाने के बाद मैं घर पर अकेला ही रह जाता था और शाम को मेरे घर के सदस्य आने से पहले वह ही मेरी पूरी देखभाल किया करती थी। यह सब करीब तीन महीने तक चला जब तक कि उनके पिता का ट्रांसफर नहीं हो गया और राहुल और उनका परिवार साल 2018 में लखनऊ चले गए। अनामिका ने बताया कि यह दूरी भी हमें दूर नहीं कर सकती थी और मैं रोजाना 7 से 8 घंटे फोन पर राहुल से बात करती थी क्योंकि राहुल बहुत उदास था लेकिन मैं अक्सर उसका हौंसला बढ़ाए रखती थी। मैं घर पर किसी को बताए बिना लखनऊ गई और राहुल के परिवार को शादी के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे सहमत नहीं हुए। अनामिका ने कहा कि मैं पिछले साल फिर गई थी लेकिन उसके पिता ने फिर से शादी के लिए इंकार कर दिया। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने शादी करते समय राहुल की दिव्यांगता के बारे में कभी नहीं सोचा, तो उन्होंने सवाल किया कि अगर हमारी शादी के बाद उन्हें चोट लगती तो क्या होता? क्या मैं उसे तब छोड़ देती? अनामिका ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, छह साल पहले उसकी मां का बोन कैंसर के चलते देहांत हो गया था और कुछ साल पहले उसके पिता की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई थी।

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इस साल आए चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब सैंटर
चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब की संस्थापक और सी.ई.ओ. निकी पी. कौर ने कहा कि इस साल ही जब राहुल को इंटरनैट से हमारे इस सैंटर के बारे में पता चला तो वह सितम्बर में हमारे पास इलाज के लिए आया। राहुल बी.टैक है और अभी हाल ही में एक एम.एन.सी. में नौकरी पाने में कामयाब रहा है और कंपनी प्रोसैस के अनुसार ट्रेनिंग ले रहा है। अनामिका भी तब से सैंटर में है, जब से राहुल यहां आया। मैं यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि उनकी शादी उतनी ही भव्य हो, जितनी मैंने अपने बच्चों के लिए की है। वह जितनी देर चाहें यहां रह सकते हैं। 

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