यूटी चंडीगढ़ पर्यावरण स्थायी कमेटी ने पर्यावरण-अनुकूल चंडीगढ़ के लिए रणनीतियों पर चर्चा की
punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2023 - 12:52 PM (IST)

चंडीगढ़: नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए यूटी चंडीगढ़ पर्यावरण स्थायी कमेटी ने पर्यावरण भवन, सेक्टर 19, चंडीगढ़ में शहर के सामने आने वाले जरूरी पर्यावरण के मुद्दों पर चर्चा की गई और उनका समाधान करने के लिए बैठक की। बैठक की अध्यक्षता कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह संधू ने की, जो चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट (सीडब्ल्यूटी) के संस्थापक भी हैं।
बैठक में यूटी प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान चंडीगढ़ के कई महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दों पर गहन चर्चा की गई और इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए सिफारिशें भी की गईं। पर्यावरण-अनुकूल चंडीगढ़ के लिए रणनीतियों और सरकारी संस्थानों, नीति निर्माताओं और आम जनता द्वारा पर्यावरण-अनुकूल अभियासों की बेहतर पालना करने के बारे चर्चा की गई। बैठक में भाग लेने वालों में हरदीप सिंह बुटेरला, युद्धवीर सिंह करुआ, सुश्री भारती, अरुलराजन पी और पर्यावरण कमेटी के अन्य सम्मानित सदस्य शामिल थे। इससे पहले चंडीगढ़ और उसके आसपास के गांवों में भारी बारिश के कारण हुए भारी नुकसान का जायजा लेने के लिए स्थायी कमेटी ने 13 जुलाई को एक विशेष बैठक की थी। सतनाम सिंह संधू, जो यूटी सलाहकार कौंसिल के सदस्य भी हैं, ने इस दौरान शहर के बारिश प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और निवासियों से बातचीत भी की।
शुक्रवार की बैठक के दौरान पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ-साथ शहर के अलग-अलग पेड़ों और जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए थोड़े समय और लंबे समय की रणनीतियों पर व्यापक चर्चा की गई। शहर के पार्कों और आसपास के इलाकों में जल जमाव को रोकने, शहर को हरा-भरा करने, लोगों को कचरा निपटान के लिए बेहतर तरीके अपनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने, सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगाने और मंडी विक्रेताओं के लिए रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी करने की रणनीतियां बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए वैकल्पिक सामग्री और लागू करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए जन जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को सख्ती से लागू किया जाए
बैठक के दौरान सदस्यों को संबोधित करते हुए कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह संधू ने नगर निगमों और चंडीगढ़ के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में स्वच्छता संबंधी चिंताओं सहित बुनियादी चुनौतियों पर प्रकाश डाला और इसे रोकने के लिए कहा। कमेटी ने पाया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद सब्जी मंडियों में इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है जो चिंता का विषय है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि चंडीगढ़ की मार्कीट कमेटी को मंडियों में विक्रेताओं की रजिस्ट्रेशन शुरू करनी चाहिए और उन्हें एक शपथ पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहना चाहिए कि वे सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध का पालन करेंगे और यदि वे प्रतिबंध का उल्लंघन करते पाए गए तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने कहा कि नगर निगम चंडीगढ़ (एम.सी.सी.), पर्यावरण कमेटी और मार्कीट बोर्ड के ठोस प्रयास इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से हल कर सकते हैं।
बैठक के दौरान उन गांवों और कॉलोनियों की स्वच्छता और सफाई के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई जो नगर निगमों (एम.सी.) के अंतर्गत नहीं हैं। पैनल द्वारा यह देखा गया है कि इन क्षेत्रों में एम.सी. चंडीगढ़ के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के विपरीत स्वच्छता का अभाव है। कमेटी ने पैनल के सदस्यों को सूचित करने के बाद चंडीगढ़ नगर निगम के प्रयासों की भी सराहना की कि नगर निगम ने अब तक 97% कचरे को स्रोत पर ही अलग कर दिया है। हालांकि, उन्हें इसे 100 फीसदी हासिल करने को कहा गया ताकि वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को आगे बढ़ाया जा सके।
शहर में हरियाली को बढ़ाना
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि शहर में हरियाली बढ़ाई जाए, हालांकि यह संतोषजनक है लेकिन शहर के दक्षिणी सेक्टरों में पेड़ों और जंगलों का दायरा बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं। बागबानी सहित अन्य विभागों के साथ सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से सुधार की अपील करते हुए पैनल ने नए पौधे लगाने और हरे स्थान स्थापित करने के लिए मौजूदा भूमि पर समय-समय पर पौधे लगाने के अभियानों का प्रस्ताव रखा। बैठक के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला गया कि शहर के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों में हरियाली के बीच अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इसलिए दक्षिणी भाग को बेहतर बनाने के ठोस प्रयासों के माध्यम से इसका समाधान किया जा सकता है। उन्होंने तीन से चार बंजर भूमि की भी पहचान की है जिन्हें हरा-भरा किए जाने की संभावना है।
बैठक के दौरान सतनाम सिंह संधू ने वर्तमान बरसात के मौसम में जल जमाव और जमा पानी के कारण होने वाली बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए पार्कों और सार्वजनिक स्थानों के उचित प्रबंधन पर जोर दिया। कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह संधू ने मानसून और तूफान के दौरान फलदार और बड़े पेड़ों के गिरने और उनके परिणामस्वरूप होने वाली दुर्घटनाओं, यातायात की भीड़ और स्थानीय नुकसान पर चिंता व्यक्त की। औद्योगिक क्षेत्रों में बैकयार्ड डंपिंग के मुद्दे को संबोधित करते हुए कमेटी ने अलग कूड़ेदान लगाने की सिफारिश की। इसके अलावा उन्होंने पूरे शहर में स्वच्छता बनाए रखने के लिए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने के महत्व पर जोर दिया।
इसके अलावा कमेटी की पिछली बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई। सदस्यों को इस बात से अवगत करवाया गया कि कैसे सूखे कचरे और गीले कचरे की प्रोसेसिंग के लिए सबसे बढ़िया उपलब्ध तकनीक का चयन करने में तकनीकी सहायता के लिए NEERI को लगाया गया है। शहर में उत्पन्न ई-कचरे को ई-वेस्ट रीसाइकलरों द्वारा इकट्ठा किया जाता है, अलग किया जाता है, उसे तोड़ा जाता है, रीसायकल किया जाता है और अन्य राज्यों से अधिकृत ई-कचरा रीसाइकलरों द्वारा इसका निपटान किया जाता है। इसके अलावा शहर के सभी कॉलेजों की अंडर ग्रेजुएट कक्षाओं में पर्यावरण शिक्षा एक अनिवार्य और योग्यता पेपर के रूप में पढ़ाई जाती है। इसके साथ ही कमेटी को चो की सुरक्षा के बारे में जानकारी दी गई और बताया गया कि संबंधित विभाग द्वारा चो की जांच की जा चुकी है।