इस पल को देखने के लिए दुनिया में नहीं हैं इस जाबांज बेटे के पापा, चमकाया देश का नाम

punjabkesari.in Tuesday, Apr 10, 2018 - 12:07 PM (IST)

लुधियाना (विक्की): मेरे स्व. पापा अमरीक सिंह मुझे हमेशा कहा करते थे कि वेट लिफ्टिंग करके नामी पहलवान बनना है और देश का नाम रोशन करना है लेकिन इस बात का मलाल है कि जब मैंने कॉमनवैल्थ खेलों में आस्टे्रलिया में तिरंगा फहराया तो उस पल को देखने के लिए वह दुनिया में नहीं हैं। यह कहना है गोल्ड कोस्ट में चल रही 21वीं कॉमनवैल्थ खेलों में 352 किलो वजन उठाकर सिल्वर मैडल चूमने वाले भारतीय वेट लिफ्टर प्रदीप सिंह का। 

23 वर्षीय प्रदीप सिंह लुधियाना रेलवे में पिछले 9 महीने से टी.टी. है और कुछ वर्ष पहले उसके पिता का देहांत हो गया था। नकोदर-फगवाड़ा रोड पर स्थित गांव जंडियाला के रहने वाले प्रदीप ने सोमवार को अपनी पहली कॉमनवैल्थ खेलों में सिल्वर मैडल जीता तो भारत में खुशी की लहर छा गई। आस्ट्रेलिया से पंजाब केसरी के साथ बातचीत करते हुए पदक विजेता प्रदीप ने कहा कि उसे तो अभी तक ऐसा लग रहा है कि उसके गले में राष्ट्रमंडल खेलों का सिल्वर मैडल है और वह सपना देख रहा है। सचमुच में मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मैंने देश के लिए रजत पदक जीत लिया है। अपनी इस अचीवमैंट से गद्गद् प्रदीप ने कामयाबी का श्रेय कोच संदीप शर्मा, विजय कुमार के अलावा अपने पहले कोच हरमेश लाल व लखवीर लाल को दिया। प्रदीप ने कहा कि स्टेज पर जाने से पहले तक वह अपने इवैंट को लेकर नर्वस था लेकिन उसने आत्मविश्वास के साथ अपनी बैस्ट परफार्मैंस देने की ओर ही ध्यान दिया। 

इस तरह प्रदीप ने पाई सफलता 
लुधियाना में तैनात रेलवे में टी.टी. प्रदीप ने उक्त स्पर्धा के 105 कि.ग्रा. भार वर्ग में भाग लिया। उसने स्नैच में 152 किलो, क्लीन एंड जर्क में 200 का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया। प्रदीप ने कुल 352 कि.ग्रा. वजन उठाया। वह गोल्ड की दौड़ में थे लेकिन क्लीन एंड जर्क में आखिरी 2 प्रयासों में असफल रहने के बाद उन्हें रजत पर ही संतोष करना पड़ा। इस इवैंट का गोल्ड समाओ के सोनेले माओ को मिला जिन्होंने 360 कि.ग्रा. स्कोर किया। ब्रांज मैडल इंगलैंड के ओवेन बोक्सल ने झटकते हुए 351 क्रि.ग्रा. स्कोर किया। 

गोल्ड कोस्ट से ही किया कॉमनवैल्थ के लिए क्वालीफाई
भारतीय वेट लिफ्टर प्रदीप ने आज जिस जगह पर सिल्वर मैडल भारत की झोली में डाला है, वहीं से ही पिछले वर्ष उसने अपनी इस अचीवमैंट की नींव रख दी थी। पिछले वर्ष गोल्ड कोस्ट में हुई कॉमनवैल्थ चैम्पियनशिप में प्रदीप ने कुल 324 किलो वजन उठाकर कॉमनवैल्थ खेलों के लिए क्वालीफाई किया था। इस प्रतियोगिता में उसने गोल्ड मैडल जीता था। 

चाचा के कहने पर 13 वर्ष की उम्र में शुरू की वेट लिफ्टिंग
पदक विजेता प्रदीप ने वेट लिफ्टिंग उस समय शुरू की जब वह 13 वर्ष का था। प्रदीप ने बताया कि चाचा कुलविंद्र सिंह जो कि अब इंगलैंड में हैं, ने उसे वेट लिफ्गटिंग के लिए मोटीवेट किया, क्योंकि वह भी पहले इसी गेम में भाग लेते थे। उसने बताया कि जब से मैंने वेट उठाना शुरू किया तो पिता ने उसे हमेशा ही आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। पदक विजेता ने कहा कि माता जसविंद्र कौर के आशीर्वाद से ही वह हर अचीवमैंट में सफल हुआ है जबकि बहन सुखप्रीत कौर हमेशा उसकी जीत की कामना करती है। 

प्रैक्टिस दौरान उठाते हैं 355 कि.ग्रा. वजन 
प्रदीप ने बताया कि वह पिछले 4 वर्षों से एन.आई.एस. पटियाला में कैंप पर है। अभ्यास दौरान वह नियमित रूप से 355 किलो वजन उठा लेता है। वर्ष 2017 में अमरीका में हुई विश्व प्रतियोगिता में प्रदीप ने 349 किलो वजन उठाया। 


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