जालंधर RTO दफ्तर में भ्रष्टाचार जोरों पर, फेसलेस सिस्टम के बाद भी लोगों को नहीं मिली राहत
punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 10:55 AM (IST)
जालंधर (चोपड़ा) : पंजाब के जिला ट्रांसपोर्ट अधिकारी (आर.टी.ओ.) कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार और दलालों के गठजोड़ पर सरकार के तमाम दावे एक बार फिर कटघरे में हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गत महीने लुधियाना आर.टी.ओ. कार्यालय की तालाबंदी कर 56 सेवाओं को सेवा केंद्रों के हवाले करने का ऐलान किया था। इसका उद्देश्य था भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना और नागरिकों को पारदर्शी व फेसलेस सेवा प्रदान करना लेकिन जालंधर आर.टी.ओ. कार्यालय की हकीकत कुछ और ही कहानी कहती है, यहां दलालों और कर्मचारियों का गठजोड़ आज भी पहले की तरह सक्रिय है।
आर.टी.ओ. कार्यालय में लोगों को महीनों तक अपने कार्यों के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। लर्निंग व ड्राइविंग लाइसैंस, वाहन रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर, डुप्लीकेट आर.सी., इंटरनैशनल लाइसैंस और एक्सट्रैक्ट कॉपी जैसी सेवाओं के लिए आम लोगों को सिस्टम की नाकामी का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह दावा किया था कि पंजाब में दलाल प्रथा को खत्म कर दिया गया है और अब आर.टी.ओ. सेवाएं “फेसलेस” होंगी। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जालंधर आर.टी.ओ. कार्यालय में ‘फेसलेस सर्विस’ के नाम पर ‘कैशलेस रिश्वतखोरी’ का सिस्टम जोरशोर से चल रहा है। यही काम यदि किसी दलाल के माध्यम से कराया जाए तो कुछ घंटों में पूरा हो जाता है। सूत्रों के अनुसार, विभागीय कर्मचारियों और दलालों के बीच मजबूत नैटवर्क बना हुआ है, जो “प्राथमिकता सेवा” के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं। इस व्यवस्था ने आम नागरिकों के लिए सेवा केंद्रों और ऑनलाइन सिस्टम की उपयोगिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विजिलेंस की छापेमारी भी नाकाफी साबित, कोई बड़ी कार्रवाई नहीं
कुछ माह पहले स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब के कई आर.टी.ओ. कार्यालयों में छापेमारी कर भ्रष्टाचार के कई मामले पकड़े थे। कुछ निजी एजैंटों के खिलाफ एफ.आई.आर. भी दर्ज की गई, लेकिन जालंधर आर.टी.ओ. ऑफिस और ऑटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर, जो शिकायतों के केंद्र रहे, वहां विभागीय अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सूत्र बताते हैं कि विजिलेंस की जांच केवल औपचारिकता बनकर रह गई। भ्रष्टाचार की शिकायतों में लिप्त कर्मचारी जिन पर कार्रवाई की उम्मीद थी, वे अब भी अपने पदों पर बने हुए हैं। नतीजा, भ्रष्टाचार का यह “सिस्टम” और भी मजबूत होता जा रहा है।
आर.टी.ओ. ही नहीं अपितु स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर कार्यालय को ही ताला लगा देना चाहिए : राजिंदर बेरी
जिला कांग्रेस शहरी प्रधान राजिंदर बेरी ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि आर.टी.ओ. कार्यालय का सारा काम ऑनलाइन हो गया है। लेकिन हकीकत यह है कि सैंकड़ों लोगों की फाइलें लंबित हैं। जिन्होंने आठ-आठ महीने पहले आवेदन किए, वे अब भी अपने ड्राइविंग लाइसैंस या आरसी के प्रिंट का इंतजार कर रहे हैं। सरकार कहती है कि ‘उसी समय प्रिंट मिलेगा’, लेकिन आज न तो कोई सुनवाई और न जवाबदेही है। बेरी ने कहा कि आर.टी.ओ. कार्यालय का ऑनलाइन सिस्टम सिर्फ फोटो सैशन और प्रचार तक सीमित रह गया है। मुख्यमंत्री को आरटीओ ही नही अपितु स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (एसटीसी) कार्यालय को ही ताला लगा देना चाहिए।
विजिलेंस विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा : दीपक खोसला
दीपक खोसला, प्रदेश यूथ कांग्रेस महासचिव ने कहा कि आर.टी.ओ. में फैले भ्रष्टाचार की शिकायत लगातार आ रही हैं, लेकिन विजिलेंस विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। ऐसा लगता है जैसे सरकार ने इस व्यवस्था को जानबूझकर चलने दिया है। दीपक खोसला ने कहा कि विजिलैंस ब्यूरो की छापेमारी कार्रवाई के बाद आम लोगों को उम्मीद थी कि इस नैक्सस पर अंकुश लगेगा लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, विजिलेंस की भूमिका संदिग्ध दिखने लगी है?
पंजाब सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं : मनु बडिंग
पंजाब प्रदेश कांग्रेस महासचिव मनु बडिंग ने कहा कि पंजाब सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। सेवा केंद्रों को अधिकार देने के बाद भी आर.टी.ओ. कर्मचारी और दलाल जनता की जेबें काट रहे हैं। मुख्यमंत्री को केवल शो-ऑफ बंद कर असल सुधारों की ओर ध्यान देना चाहिए। जब तक विजीलैंस को स्वतंत्र रूप से कार्रवाई की शक्ति नहीं मिलेगी, तब तक यह नैक्सस टूट नहीं सकता। जनता को पारदर्शी सेवाएं देने का वादा अब एक छलावा बन चुका है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

