पंजाब पुलिस एकेडमी में चल रहे ड्रग रैकेट का मामला : DGP और मुख्यमंत्री पर टिकी सबकी नजर
punjabkesari.in Tuesday, May 10, 2022 - 01:23 PM (IST)
फिल्लौर (भाखड़ी): पंजाब पुलिस एकेडमी में फैले ड्रग रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद अब कार्रवाई को लेकर हर किसी की नजर पंजाब के डी.जी.पी. और मुख्यमंत्री पर टिकी है। आज डी.जी.पी. के एकेडमी पहुंचने पर मीडिया को उनसे दूर रखा गया। ‘पंजाब केसरी’ द्वारा पुलिस एकेडमी में कर्मचारियों द्वारा नशे का सेवन करने और उसे बेचने के रैकेट का पर्दाफाश होते ही पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। सरकार ने पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए जिस पंजाब पुलिस के कंधों पर जिम्मेदारी सौंपी है, उसी के अधिकारी कानून को ताक पर रखकर एकेडमी में खुलेआम नशे का रैकेट चला रहे थे।
उक्त घटना से पर्दा तब उठा जब चिट्टे की ओवरडोज से एक हवलदार रैंक के मुलाजिम की तबीयत बिगड़ गई और उसे जब दयानंद अस्पताल ले जाया गया तो डाक्टरों ने कहा कि उक्त कर्मचारी के शरीर में एक भी नस ऐसी नहीं बची जिसमें उसने चिट्टे का इंजेक्शन न लगाया हो जिस कारण उसका इलाज करने में समस्या आ रही है। जब अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू की तो एक पुलिस मुलाजिम ने सनसनीखेज खुलासा किया कि कैसे पुलिस कर्मचारी दूसरे कर्मचारियों को नशे के जाल में फंसाकर उन्हें न केवल इस दलदल में धकेल देते हैं बल्कि नशा खरीदने के लिए पुलिस मुलाजिम उम्रभर के लिए कर्जदार भी हो रहे हैं। उक्त कर्मचारी के मुताबिक एकेडमी में उसके जैसे 8 से 10 मुलाजिम और हैं जो नशे के जाल में फंस चुके हैं।
पुलिस एकेडमी में अनुशासनहीनता बड़ा सवाल
पुलिस एकेडमी में फैली अनुशासनहीनता खाकी पर बड़ा सवाल खड़ा करती है क्योंकि इसी एकेडमी में देशभर से आए पुलिस मुलाजिमों को ट्रेनिंग देकर तैयार किया जाता है। अगर वह ट्रेनिंग के दौरान ही नशे की लत का शिकार हो जाएंगे और अनुशासन को बरकरार नहीं रख पाएंगे तो बाहर निकल कर कानून की पालना कैसे करा पाएंगे?
कार्रवाई में देरी को लेकर अधिकारी हैरान
पुलिस एकैडमी में नशे का मामला कोई नया नहीं है। इसके बारे में हर अधिकारी को पता चल चुका था। कुछ महीने पहले ही एक उच्चाधिकारी ने मीटिंग के दौरान इसका सेवन करने वाले और इसे बेचने वाले मुलाजिमों को स्पष्ट तौर पर चेतावनी देते हुए कहा था कि वे इस काम से तौबा कर लें नहीं तो उनकी नौकरियां जा सकती हैं। उच्चाधिकारियों ने आज भी उस चेतावनी का जिक्र मीटिंग में किया। एक अधिकारी ने बताया कि अब एकेडमी में यह तैयारी चल रही है कि एक मुलाजिम पर कार्रवाई कर दूसरे दागी मुलाजिमों का पता कर उन्हें अपने जिलों में वापस भेज दिया जाए। जबकि कुछ अधिकारियों ने इस कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर इन दागी मुलाजिमों को बिना सजा दिए छोड़ दिया तो लोगों में गलत संदेश जाएगा।
दूसरा, ये मुलाजिम अपने जिलों में जाकर दूसरे नए मुलाजिमों को अपने जाल में फंसा कर उन्हें भी नशे का आदी बना देंगे। इन मुलाजिमों को गिरफ्तार कर इनसे पूछा जाए कि इनके चिट्टे के स्मगलरों के साथ संबंध कैसे स्थापित हुए और इनका स्मगलरों से सामान खरीदने का ढंग क्या था जिससे कि पुलिस विभाग में फैली इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।
दागी पुलिस मुलाजिमों का पता लगाने के लिए कमेटी गठित
नशे के रैकेट का समाचार छपने के बाद चंडीगढ़ में बैठे उच्चाधिकारियों ने अपने स्तर पर कमेटी का गठन कर दिया था। सूत्रों से पता चला है कि एकेडमी में भी उच्च अधिकारियों की एक कमेटी बैठा दी गई है जिसमें डी.एस.पी., इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी शामिल किए गए हैं। कमेटी इस बात का पता लगाकर इसकी रिपोर्ट देगी कि कौन से मुलाजिम नशे की लत का शिकार हो चुके हैं और कौन से मुलाजिम हैं जो इसकी अंदर तस्करी कर रहे हैं।
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