खंडहर स्कूलों को लेकर शिक्षा मंत्री ने जारी किए ये निर्देश

punjabkesari.in Saturday, Feb 25, 2023 - 11:54 AM (IST)

लुधियाना: राज्य की शिक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य से कदम बढ़ा रही मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने जहां स्कूल ऑफ एमिनेंस की शुरूआत की है, वहीं पंजाब खस्ताहाल सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने की भी कवायद शुरू हुई है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा पिछले दिनों रूपनगर के एक सरकारी स्कूल में विजिट करके स्कूल की दुर्दशा को बयां करती वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सांझा करके अगले 6 महीने में इसी स्कूल को हाईटेक सुविधाओं से लैस करके दोबारा फोटोज शेयर करने का दावा किया गया था।

मंत्री की इस विजिट के बाद पंजाब के उन स्कूलों में भी सुधार की उम्मीद जगी है जो पिछले लंबे समय से खंडहर हालत में हैं और स्कूल का प्रांगण बाउंडरी वाल के इंतजार में है। मंत्री के आदेशों के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और डिस्ट्रिक्ट स्मार्ट स्कूल मैंटरों को ऐसे स्कूलों की पहचान कर रिपोर्ट गूगल रिस्पांस शीट पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक संदेश में ऐसे स्कूलों की डिटेल मांगी गई हैं जिनकी हालत पूरी तरह से दयनीय हो चुकी है और वे खंडहर का रूप ले चुके हैं। बता दें कि शिक्षा मंत्री बैंस किसी भी जिले से गुजरते हुए अचानक ही सरकारी स्कूल में पहुंचे जाते हैं और वहां पहुंच सबसे पहले कक्षाओं में मौजूद विद्यार्थियों से स्कूल की कमियों और जरूरतों के बारे में जानकर तुरंत ही अगली कार्रवाई को अमलीजामा पहनाते हैं। ऐसे कई स्कूल हैं जिनकी जरूरतें पिछले कई महीनों में मंत्री की विजिट के कुछ दिनों बाद ही विभाग ने पूरी कर दीं।

पहली बार किसी मंत्री ने मांगी ऐसी रिपोर्ट 

अब शिक्षा विभाग द्वारा डिस्ट्रिक्ट स्मार्ट स्कूल मेंटर और असिस्टैंट को-ऑर्डिनेटर से खंडहर का रूप ले चुके सरकारी स्कूलों की सूचना मांगी गई है। विभाग में चर्चा है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में ऐसे ढांचागत सुधारों के लिए कदम बढ़ाया है। हालांकि पंजाब में ऐसे स्कूलों की संख्या बहुत ही कम होने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। अगर विभाग द्वारा मांगी गई उक्त जानकारी पर कार्रवाई होती है। तो जल्द ही ऐसे स्कूलों की कायाकल्प हो सकती हैं। जल्द ही इन स्कूलों में शानदार इमारत और अन्य साजो समान उपलब्ध होगा। स्कूल की हालत खस्ता होने के कारण इनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी बहुत कम देखी गई है। ऐसे में नई इमारत और अन्य साजो समान उपलब्ध होने से यहां विद्यार्थियों की गिनती भी बढ़ेगी।

यह होगा खंडहर स्कूल जांचने का पैमाना

  • स्कूल की जमीन अपनी हो किराए की जगह वाला स्कूल न हो
  • खंडहर मतलब स्कूल की इमारत खस्ता हालत में हो। 
  • बाउंड्री वॉल, स्कूल का गेट वगैरह न हो।
  • फर्श टूटे हुए हों, कमरे गिरने की हालत में हों
  • वॉशरूम की हालत बदतर हो, पानी खड़ा रहता हो आदि।
  • पूरे स्कूल की हालत बदतर हो और देखने में स्कूल बहुत ही गंदा लग रहा हो।


स्कूल खंडहर कैसे हुआ, पर भी देनी होगी टिप्पणी

विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि डिस्ट्रिक्ट स्मार्ट स्कूल मैंटर (डी.एस.एम.) अपने जिले के खंडहर स्कूलों का चुनाव करेंगे। स्कूलों की गिनती उनके विजन और उनकी मर्जी के अनुसार तय हो सकती है, परंतु स्कूलों के लिए प्राथमिकता सैट करनी होगी। अत्यंत खंडहर को एक नंबर, उससे कम को 2 नंबर और इससे आगे क्रम में रखा जाएगा। यह सूचना गूगल शीट में भरकर दी जाएगी। स्कूल की हालत के संबंध में एक टिप्पणी भी देनी होगी कि स्कूल कैसे खंडहर हुआ है ?


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Content Writer

Sunita sarangal

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