पंजाब में महंगी हुई बिजली, जानें कितने बढ़े Rate

punjabkesari.in Thursday, Mar 30, 2023 - 10:52 AM (IST)

खन्ना: पंजाब में उद्योगों पर पावरकॉम ने एक सर्कुलर जारी कर 10 प्रतिशत बिजली के रेट बढ़ा दिए हैं। 28 मार्च, 2023 के सर्कुलर में कहा गया है कि पंजाब सरकार की औद्योगिक पॉलिसी 8 मार्च, 2023 को जारी कर दी गई है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब में उद्योगों पर 5 साल 5.30 रुपए प्रति यूनिट वेरिएवल (प्रति प्रयोग किए गए यूनिट पर) रेट से बिजली वसूली जाएगी और फिक्स रेट में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इसके साथ प्रत्येक वर्ष 3 प्रतिशत वृद्धि होगी। पंजाब में अभी तक उद्योगों पर प्रति यूनिट 5 रुपए बिजली के रेट पर बिल जारी हो रहे थे।

17 अक्तूबर से लागू होगी पॉलिसी तो क्या 6 महीने का बकाया वसूला जाएगा
पावरकॉम द्वारा जारी सर्कुलर 28 मार्च, 2023 में उद्योगों पर इंडस्ट्रीयल एंड बिजनैस डिवैल्पमैंट पालिसी के मुताबिक 5.50 प्रति यूनिट वसूलने के लिए कहा गया है। इस पॉलिसी के प्रावधान के मुताबिक यह पॉलिसी 17 अक्तूबर 2022 से लागू होगी। पावरकॉम के बिलिंग विभाग ने एक पत्र लिख अपने विभाग से पूछा है कि पालिसी के मुताबिक बिल जारी करने के लिए जो कहा गया है उसमें पालिसी 17 अक्तूबर से लागू हाती है तो क्या 50 पैसे प्रति यूनिट 17 अक्तूबर 2022 से वसूले जाने हैं कि नहीं। जब तक इस पर फैसला नहीं लिया जाता तो उद्योगों पर पिछला बकाया देने पर असमंजस बना रहेगा।

नए उद्योगों को 20 प्रतिशत बिजली सस्ती मिलेगी तो पुराने उद्योग हो जाएंगे बंद : बादिश जिंदल
फैडरेशन ऑफ पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बादिश जिंदल ने एक प्रैस नोट जारी कर कहा कि उद्योगों पर 10 प्रतिशत बिजली के दाम बढ़ाने और नए उद्योगों पर 5 प्रति यूनिट ही रखना और अलग से इलैक्ट्रीसिटी ड्यूटी में छूट का मतलब होगा नए उद्योग लगाने के लिए पुराने उद्योगों को बंद करना, क्योंकि नए उद्योगों को जब पुराने उद्योगों के मुकाबले 20 प्रतिशत बिजली सस्ती मिलेगी तो पुराने उद्योग प्रतिस्पर्धा में उनका मुकाबला नहीं कर सकेंगे व बंद हो जाएंगे।आल इंडिया स्टील री रोलर्ज एसोसिएशन के प्रधान विनोद वशिष्ठ ने कहा कि राज्य सरकार को पुराने उद्योगों को बंद होने से बचाना चाहिए और नए व पुराने उद्योगों को एक सामान बिजली के दाम नियत करने चाहिए व बढ़ाए गए दाम वापस लेने चाहिए। अगर पावरकॉम 17 अक्तूबर, 2022 से बकाया वसूल करती है वह तो सरेआम उद्योगों के साथ अन्याय होगा। इस पर तो अमल करना ही नहीं चाहिए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vatika

Recommended News

Related News