हिमाचल में जीत से उत्साहित कांग्रेस क्या पंजाब और हरियाणा में पुन: सत्तासीन हो पाएगी?
punjabkesari.in Friday, Dec 09, 2022 - 10:25 AM (IST)

पठानकोट (शारदा): देश की जनता काफी लम्बे समय से हिमाचल और गुजरात के चुनावों के परिणामों पर टकटकी लगाकर देख रही थी क्योंकि यह परिणाम कई मायनों में देश की राजनीति को एक नई दिशा देने का संकेत हो सकते हैं। जिस प्रकार कुछ माह पहले आम आदमी पार्टी ने पंजाब के चुनावों के बाद हिमाचल और गुजरात में अपनी प्रभावशाली एंट्री की थी और ऐसा आभास देना शुरू किया था कि जिस प्रकार का परिणाम पंजाब में आया है ऐसा ही हिमाचल और गुजरात में भी आ सकता है।
लोग उनकी उन स्कीमों पर जिसके अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, नि:शुल्क बिजली और महिलाओं को प्रतिमाह पैसे देने की योजना की ओर आकरर्षित होंगे और परिवर्तन होने की पूरी संभावना है परंतु हिमाचल की जनता ने संगरूर लोकसभा उपचुनावों के बाद एकाएक यू-टर्न लिया और पार्टी को आभास हो गया कि हिमाचल में उन्हें वैसा रिस्पांस नहीं मिल रहा जैसी उन्होंने उम्मीद की थी। इसलिए सारी पार्टी ने अपना ध्यान गुजरात के चुनावों पर केंद्रित कर लिया। गुजरात में भी आम आदमी पार्टी ने पंजाब से भारी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं को भेजा और अंतत: पार्टी करीब 13 प्रतिशत वोट शेयर लेने में सफल हुई और मात्र 5 सीटें ही हासिल कर सकी जो पार्टी की उम्मीदों से काफी कम है।
दिल्ली में एम.सी.डी. पर ‘आप’ का कब्जा उनके लिए और पंजाब की आम आदमी पार्टी के लिए एक सुखद संदेश है परंतु सबसे बड़ा अवसर पंजाब और हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के लिए है, हिमाचल में कांग्रेस 39 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत लेने में सफल हुई है और हिमाचल की जनता ने जो कांग्रेस में नई जान फूंकी है उसका लाभ क्या पंजाब की कांग्रेस और हरियाणा की कांग्रेस ले सकेगी, यह देखना आने वाले समय में रुचिकर होगा। चाहे हरियाणा में कांग्रेस 2 बार लगातार हार चुकी है परंतु फिर भी भुपिन्द्र सिंह हुड्डा व उनकी टीम भाजपा को कड़ा मुकाबला दे रही है और पंजाब में तो अपनी गलतियों से कांग्रेस ने खुद ही प्लेट में रखकर सत्ता आम आदमी पार्टी को सौंपी है।
ऐसी परिस्थितियों में अगर कांग्रेस हाईकमान स्थानीय नेतृत्व के साथ तालमेल बनाकर और वर्करों को प्रोत्साहित करके एक बार पुन: पार्टी को खड़ा कर सकता है परंतु इसके लिए क्या कांग्रेसी नेता कड़ी मेहनत करने के मूड में हैं क्योंकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में 14-15 माह ही शेष रह गए हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जनवरी माह में आने वाली है, इसको लेकर कांग्रेसी वर्कर कितनी मेहनत कर रहे हैं उससे स्थिति साफ हो जाएगी। क्या कांग्रेस अपनी गुटबंदी खत्म कर पाएगी, क्या कांग्रेस गरीब वर्करों को यह यकीन दिलवा पाएगी कि वह भी टिकट के हकदार हैं। हिमाचल की जीत कांग्रेस के लिए एक अत्यंत सुखद सुअवसर है जिसका फायदा उसे पंजाब और हरियाणा में हो सकता है। यह तो समय ही बताएगा कि क्या पार्टी इस अवसर पर फायदा उठा पाएगी?।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here
पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here