इस बार पिता-पुत्र, पति-पत्नी और सास-दामाद भी चुनाव मैदान में

punjabkesari.in Tuesday, Feb 08, 2022 - 12:25 PM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत सिंह) : सत्ता का खेल ही ऐसा है कि इससे दूर रहना नेताओं को बिलकुल भी नहीं भाता। सत्ता की ताकत हासिल करने को नेता न सिर्फ खुद, बल्कि जहां-जहां और जितना जिसका जोर चलता है, वह अपने परिवार को भी सियासी ताकतवर बनाने का प्रयास करता है। पंजाब की राजनीति में तो वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली सियासत मौजूद है, जिसका स्पष्ट रूप इस बार के विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है। इस विधानसभा चुनाव में ऐसे परिवार भी हैं, जिनके दो-दो सदस्य चुनावी रण में डटे हुए हैं। ऐसे ही चुनावी योद्धाओं की चर्चा इस प्रकार है : -

एक परिवार, 2 उम्मीदवार
इस विधानसभा चुनाव में एक परिवार को 2-2 टिकटें देकर सम्मानित करने वालों में शिरोमणि अकाली दल अग्रणी है, जिसमें शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल विधानसभा हलका लंबी से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और उनके पुत्र व पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल विधानसभा क्षेत्र जलालाबाद से मैदान में डटे हुए हैं। अकाली नेता पूर्व लोकसभा सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा हलका घनौर से और उनके पुत्र हरिंदर पाल सिंह चंदूमाजरा को हलका सनौर से टिकट दी गई है। पंजाब के पूर्व मंत्री तोता सिंह को हलका धर्मकोट से और उनके पुत्र बरजिंदर सिंह मक्खन बराड़ को हलका मोगा से मैदान में उतारा गया है।

पति-पत्नी और सास दामाद भी मैदान में
शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया हलका अमृतसर पूर्वी और उनकी पत्नी गनीव कौर को हलका मजीठा से चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। पहले मजीठिया द्वारा 2 सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू की सियासी चुनौती को स्वीकार करते हुए मजीठिया ने अपने गृह हलके मजीठा से नामांकन वापस ले लिया था और वहां से उनकी पत्नी गनीव कौर को शिअद प्रत्याशी बनाया गया। कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल लहरागागा से कांग्रेस उम्मीदवार हैं, जबकि उनके दामाद विक्रम बाजवा कांग्रेस के लिए साहनेवाल विधानसभा सीट का चुनाव लड़ रहे हैं।

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हैट्रिक लगाने की कोशिश में बैंस ब्रदर्स
लोक इंसाफ पार्टी के प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस विधानसभा क्षेत्र आत्म नगर से और उनके बड़े भाई जत्थेदार बलविंदर सिंह बैंस लुधियाना साउथ से चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि ये दोनों भाई इस चुनाव में हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं, क्योंकि दोनों भाई 2012 और 2017 के चुनाव इन्हीं विधानसभा क्षेत्रों से जीतकर विधायक बन चुके हैं।

रगों में दौड़ता खून एक, परंतु पार्टियां अलग-अलग
कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अकेले ही 2 हलकों भदौड़ और श्री चमकौर साहिब से चुनाव मैदान में हैं, जबकि उनके भाई डा. मनोहर सिंह हलका बस्सी पठाणां से आजाद उम्मीदवार के तौर पर डटे हुए हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रधान प्रताप सिंह बाजवा कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर हलका कादियां से, जबकि उनके छोटे भाई फतेहजंग सिंह बाजवा हलका बटाला से भाजपा के उम्मीदवार हैं। इसी तरह मौजूदा मंत्री राणा गुरजीत सिंह का पुत्र राणा इंद्र प्रताप सिंह आजाद उम्मीदवार के तौर पर हलका सुल्तानपुर लोधी से चुनाव मैदान में है।

इन संसद सदस्यों के रिश्तेदार भी मैदान में 
लोकसभा और राजसभा सदस्यों के पारिवारिक सदस्य भी पंजाब विधानसभा के चुनावी रण में उतरे हुए हैं। पटियाला से लोकसभा सदस्य परनीत कौर व पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के प्रधान कैप्टन अमरिंद सिंह पटियाला शहरी से मैदान में हैं। बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल के पति सुखबीर सिंह बादल जलालाबाद से, लुधियाना से लोकसभा सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू के चचेरे भाई गुरकीरत सिंह कोटली हलका खन्ना से, जालंधर से लोकसभा सदस्य संतोख सिंह चौधरी के बेटे बिक्रमजीत सिंह चौधरी फिल्लौर सीट से, फतेहगढ़ साहिब से लोकसभा सदस्य डा. अमर सिंह का बेटा कामिल अमर सिंह रायकोट सीट से, राज्यसभा सदस्य और संयुक्त अकाली दल के प्रधान सुखदेव सिंह ढींडसा के पुत्र पूर्व खजाना मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा हलका लहरागागा से और सीनियर अकाली नेता व राज्यसभा सदस्य बलविंदर सिंह भूंदड़ के पुत्र विधायक दिलराज सिंह भून्दड़ विधानसभा हलका सरदूलगढ़ से अपनी किस्मत आजमा रहे है। आप नेता व फरीदकोट से पूर्व सांसद प्रोफेसर साधू सिंह की बेटी बलजीत कौर मलोट सीट से आप की उम्मीदवार हैं। पूर्व सांसद पवन बंसल के बेटे मनीष बंसल बरनाला सीट से चुनावी रण में डटे हैं।

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चाहते थे, लेकिन मिली नहीं दूसरी टिकट
कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री और मंडी बोर्ड पंजाब के चेयरमैन लाल सिंह काफी जद्दोजहद के बाद भी पटियाला शहरी हलके से खुद टिकट हासिल करने में असफल रहे, जबकि उनके बेटे राजिन्दर सिंह विधानसभा सीट समाना से दोबारा कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। ब्रह्म मोहिंद्रा भी पटियाला शहरी से खुद के लिए टिकट हासिल करने के प्रयास में थे, जबकि उनके बेटे मोहित मोहिंद्रा पटियाला देहाती सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। इसी तरह कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा भी अपने पुत्र के लिए कांग्रेस पार्टी की टिकट बटाला से चाह रहे थे और लोकसभा सदस्य जसवीर सिंह डिम्पा भी अपने भाई राजनबीर सिंह गिल को हलका खडूर साहिब से पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन टिकट नहीं मिली। शिरोमणि अकाली दल के नेता व पंजाब के पूर्व मंत्री सिकन्दर सिंह मलूका भी हलका मौड़ मंडी से अपने पुत्र गुरप्रीत सिंह मलूका को उम्मीदवार बनाना चाहते थे।

सांसद खुद मैदान में
मौजूदा लोकसभा सदस्य सुखबीर सिंह बादल विधानसभा क्षेत्र जलालाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं और इस बात की पूरी संभावना है कि वह शिअद के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होंगे। इसी तरह संगरूर से लोकसभा सांसद भगवंत मान भी धूरी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं और आप की तरफ से मुख्यमंत्री चेहरा भी घोषित किए जा चुके हैं। वहीं कांग्रेस नेता व मौजूदा राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा खुद कादियां विधानसभा क्षेत्र से चुनावी ताल ठोक रहे हैं।

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Content Writer

Sunita sarangal

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