जालंधर में पटाखा मार्कीट को लेकर राजनीति शुरू, व्यापारियों के पास फंसा करोड़ों का माल
punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 10:49 AM (IST)

जालंधर (खुराना): दीवाली में अब 15 दिन से भी कम समय बाकी है, लेकिन शहर के पटाखा कारोबारी अब तक परेशान हैं। उनके पास करोड़ों रुपए का पटाखा स्टॉक तो तैयार है, पर बेचने के लिए मार्कीट की जगह तय नहीं हो पाई है। जिला प्रशासन पिछले कई दिनों से पटाखा मार्कीट के लिए नई जगह तलाश रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है। कई सालों से पटाखा मार्कीट बर्ल्टन पार्क के मैदान में लगती आई है, मगर अब वहां स्पोर्ट्स हब का निर्माण शुरू हो चुका है, जिसके कारण वैकल्पिक स्थान तलाशे जा रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में कई जगहों पर कोशिश की गई, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से अड़चनें सामने आ गईं।
दो दिन पहले भाजपा नेता के.डी. भंडारी ने पठानकोट चौक के पास करीब ढाई एकड़ जमीन को पटाखा मार्कीट के लिए प्रस्तावित किया। बताया जाता है कि यह जमीन भंडारी के एक परिचित की है जो विदेश में रहते हैं। भंडारी ने न सिर्फ अपने परिचित को जगह देने के लिए मना लिया बल्कि संबंधित सरकारी विभागों से जरूरी मंज़ूरियां भी ले लीं।
पटाखा विक्रेताओं के तीनों ग्रुपों के प्रतिनिधियों का कहना है कि नगर निगम और फायर ब्रिगेड विभाग ने इस स्थान के लिए एन.ओ.सी. जारी कर दी है और पुलिस अधिकारी भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संतुष्टि जता चुके हैं। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या वास्तव में पठानकोट चौक के पास यह मार्कीट सज पाएगी या नहीं। इतना जरूर है कि इस नए स्थान पर भी ड्रा के हिसाब से 20 बड़े बड़े ब्लॉक बना पाना मुमकिन नहीं दिख रहा ।
क्रेडिट वार में उलझे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता
भाजपा नेता के प्रयासों से पटाखा विक्रेताओं की समस्या हल होती देख कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में अब डेढ़ साल से भी कम समय बचा है, ऐसे में सभी दल जनता के बीच सक्रिय हैं। सोमवार को कांग्रेस समर्थक दो ग्रुपों ने नगर निगम अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें एक आपत्ति पत्र सौंपा, जो पास के पेट्रोल पंप मालिकों की ओर से दिया गया है।
उस पत्र में लिखा गया है कि पेट्रोल पंप की दीवार के बिल्कुल पास पटाखा मार्कीट लगाना बेहद खतरनाक हो सकता है और इससे जान-माल का खतरा है। इसलिए इस जगह पर मार्केट नहीं लगाई जानी चाहिए। सूत्रों के अनुसार, ये दोनों ग्रुप अब चारा मंडी या पठानकोट रोड पर यूनिसन ग्रुप की करीब पांच एकड़ खाली भूमि पर मार्कीट लगाने का सुझाव दे रहे हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन किस ओर फैसला करता है। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता साफ कह रहे हैं कि अगर 20 ड्रा निकलते हैं तो 21 वीं दुकान नहीं लगेगी और जिसका ड्रा निकलेगा , केवल वही पटाखा बेचेगा।
आपसी खींचतान का होलसेल कारोबारियों को हो रहा सीधा फायदा
पटाखा मार्कीट को लेकर चल रही राजनीतिक खींचतान का सीधा फायदा उन करीब 10 बड़े होलसेल व्यापारियों को हो रहा है जो पहले से मंजूरशुदा लाइसेंस पर खुले तौर पर पटाखे बेच रहे हैं। इनमें एक कारोबारी की दुकान गांव लांबड़ा में है जहां पूरे साल पटाखों की बिक्री होती रहती है। एक अन्य कारोबारी ने उग्गी चिट्टी गांव में गोदाम बनाया हुआ है जबकि तीसरे का गोदाम कपूरथला के पास है।
इन जगहों से हर दिन पटाखों के नग लोड होकर शहर और आसपास के कस्बों गाँवों में पहुंच रहे हैं। शहर में आम चर्चा है कि जो पटाखा महीनों पहले करोड़ों रुपए लगाकर खरीदा गया था, उसे बेचना जरूरी है, लेकिन जगह को लेकर हो रही राजनीति से व्यापार को भारी नुकसान हो रहा है। शहर में अब चर्चा का विषय यह भी है कि पटाखा मार्केट कहां लगेगी, पठानकोट चौक, चारा मंडी या किसी नई जगह पर, क्योंकि दिवाली नजदीक है और कारोबारियों की सांसें अटकी हुई हैं।
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