जालंधर के शौर्य चक्र विजेता भी रफाल लेकर पहुंचेंगे अंबाला, खराब मिग की करवा चुके है सैफ लैंडिंग

punjabkesari.in Wednesday, Jul 29, 2020 - 02:17 PM (IST)

जालंधर: अम्बाला एयरबेस के रनवे पर बुधवार को एक नया इतिहास लिखा जाएगा, जब फ्रांस से आने वाले 5 राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के 7 भारतीय पायलट यहां लैंड करेंगे।

जालंधर के हरकीत करवाएंगे रफाल की पहली लैडिंग 
5 विमानों की बैच में सबसे पहले विमान को वायुसेना की 17वीं गोल्डन एरो स्कवाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर और शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन पंजाब के जालंधर के हरकीरत सिंह लैंड करवाएंगे। पीछे-पीछे 4 अन्य राफेल लैंड करेंगे। इस दौरान राफेल और अपने पायलटों की अगुवाई के लिए भारतीय वायुसेना के आला अफसर मौजूद रहेंगे। इस मौके पर अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन के एयर कमोडोर डी.एस. जोशी के अलावा भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह व पश्चिमी वायुसेना कमान के आला अधिकारी भी मौजूद होंगे।

12 साल पहले खराब मिग को सुरक्षित करवाया था लैंड 
कैप्टन हरकीरत सिंह किसी परिचय के मौहताज नहीं है। 12 साल पहले खराब मिग को सुरक्षित उतार कर उन्होंने हर किसी को चौंका दिया था, जिस पर उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया था। बता दें कि हरकिरत के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल निर्मल सिंह है और उनकी माता अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर विंग कमांडर हैं व ग्राउंड ड्यूटी पर तैनात हैं।

जगुआर व सुखोई भी उतर चुके हैं इस रनवे पर 
अम्बाला एयरबेस का रनवे करीब 41 साल पहले के उस ऐतिहासिक उपलब्धि का भी गवाह है जब ब्रिटेन से उस समय के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमान जगुआर की खेप यहां  उतरी थी। करीब 18 साल पहले सुखोई-30 भारतीय वायुसेना के बेड़े में यहीं शामिल हुआ था।  उसके बाद यह पहला मौका है जब सर्व शक्तिमान लड़ाकू विमान राफेल यहीं से भारतीय वायुसेना में शामिल हो रहा है। फ्रांस से अम्बाला तक पहुंचने के लिए इन विमानों को करीब 7000 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। वायुसेना सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 29 जुलाई की दोपहर तक ये विमान अम्बाला एयरबेस पहुंच जाएंगे।


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