Burlton Park स्पोर्ट्स हब पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, दी ये चेतावनी
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 10:32 AM (IST)

जालंधर (खुराना): बर्ल्टन पार्क में बन रहे स्पोर्ट्स हब प्रोजैक्ट पर अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी सामने आई है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि ग्रीन बेल्ट के लिए रिजर्व जमीन पर हो रही कंस्ट्रक्शन को कभी भी गिराने के आदेश दिए जा सकते हैं। गौरतलब है कि इस स्पोर्ट्स हब का उद्घाटन पहले ही मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसी हस्तियों के हाथों हो चुका है और आम आदमी पार्टी इसे चुनावी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है। बावजूद इसके, इस प्रोजैक्ट को लेकर कई याचिकाएं अदालत में दाखिल हैं।
हाल ही में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्त्ताओं ने आरोप लगाया कि स्पोर्ट्स हब की अधिकांश कंस्ट्रक्शन ग्रीन बेल्ट और पार्क के लिए आरक्षित भूमि पर की जा रही है। इस पर अदालत ने कहा कि भले ही जालंधर नगर निगम को अभी औपचारिक नोटिस नहीं दिया गया है, लेकिन अंतरिम आदेश के तहत यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि रिजर्व भूमि पर निर्माण हुआ तो भविष्य में याचिका मंजूर होने पर उसके डिमॉलिश होने का रिस्क बना रहेगा। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 29 अक्तूबर तय की है। वहीं, दूसरी ओर जालंधर नगर निगम द्वारा बर्लटन पार्क में तेजी से निर्माण कार्य जारी रखा जा रहा है।
हरीश शर्मा , पर्यावरण प्रेमी, जनरल सैक्रेटरी, बर्ल्टन पार्क वैल्फेयर सोसायटी का कहना है कि हरियाली की रक्षा और विकास करने के बजाय नगर निगम जालंधर 1870 से अस्तित्व में रहे ऐतिहासिक बर्लटन पार्क की हरी भरी विरासत को नष्ट कर रहा है। शहर के इस पार्क में 700 से अधिक विभिन्न प्रजातियों के पेड़ मौजूद हैं, जो न केवल शहर की शान हैं बल्कि नागरिकों के लिए स्वच्छ वातावरण का भी आधार हैं। नगर निगम कंक्रीट और स्टील की कंस्ट्रक्शन के साथ पार्क की भूमि पर कब्जा कर रहा है। यही जगह बुजुर्गों के टहलने और नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा में सांस लेने के लिए सुरक्षित रखी गई थी। लेकिन निर्माण कार्य के कारण अब शहर के “फेफड़े” कहे जाने वाले इस पार्क का अस्तित्व खतरे में है। यह कार्य किसी भी दृष्टि से विकास नहीं बल्कि अन्याय है, जो आने वाली पीढ़ियों से हरियाली और प्राकृतिक धरोहर छीन रहा है।
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