हाईकोर्ट ने DGP से मांगी जानकारी, थानों के मालखानों में कितने हथियार गायब?
punjabkesari.in Friday, Dec 16, 2022 - 09:37 AM (IST)

चंडीगढ़ (हांडा): पंजाब के थानों के मालखानों में जमा किए गए हथियार गायब हैं, कितने हथियार गायब हैं, इसकी विस्तृत जानकारी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए डी.जी.पी. से मांग ली है। जिन्हें एफिडैविट के माध्यम से थानों में लोगों द्वारा जमा करवाए गए हथियारों का ब्यौरा मांगा है, साथ ही यह भी बताने को कहा है कि कितने हथियार लोगों ने वापस लिए, कितने हथियार मालखानों में बाकी है और कितने हथियार गायब हैं।
याचिका दाखिल करने वाले एडवोकेट सुरजीत सिंह सलार ने याचिका के जरिए कोर्ट को बताया कि उनके नाना मलावा सिंह सेना में मेजर सूबेदार थे, जिन्हें आतंकवाद के दौरान सेना ने लाइसैंस देकर सी-0 एम.आई. कार्बाइन जारी की थी। ऑप्रेशन ब्लू स्टार के समय सरकार व पुलिस ने आम लोगों को अपने हथियार जमा करवाने के आदेश दिए थे। जिसके तहत उनके नाना ने भी जून 1984 में कार्बाइन तरनतारन पुलिस स्टेशन में जमा करवा दी थी, जिसके दस्तावेज भी उनके पास हैं। जब माहौल शांत हुआ तो 1992 में उन्होंने थाने जाकर कार्बाइन वापस मांगी लेकिन थाने के रिकॉर्ड में उनकी कार्बाइन उस वक्त के एस.एस.पी. अजित सिंह संधू के कहने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बख्शीश सिंह को आत्मरक्षा के लिए दे दी गई थी, जिसके कोई लिखित आदेश नहीं किए गए।
सुरजीत सिंह सलार ने बताया कि उन्होंने कई पत्र इस संबंध में सरकार व पुलिस विभाग को लिखे लेकिन कोई पुख्ता जवाब उन्हें नहीं मिला। कांग्रेसी नेता बख्शीश सिंह ने दिए बयानों में बताया कि उन्होंने ली कार्बाइन लौटा दी थी, लेकिन उसका कोई सबूत या रसीद वह नहीं दिखा पाए। अपनी कार्बाइन वापस लेने की लड़ाई लड़ते हुए सुरजीत सिंह सलार के सूबेदार मेजर नाना का स्वर्गवास हो गया। एडवोकेट सुरजीत सिंह सलार ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने जो जवाब दाखिल किया उसमें बताया गया कि बख्शीश सिंह के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी, लेकिन कार्बाइन का कुछ पता नहीं चला। याची पक्ष ने कोर्ट को बताया कि पंजाब में गैंगवार चल रहा है, ऐसे में पुलिस थानों के मालखानों से गायब हुए हथियारों का इस्तेमाल गैंगवार में होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने अशंका जताई कि मालखानों से इस तरह हथियार गायब होना बड़ा स्कैम हो सकता है, जिसकी जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब के पुलिस प्रमुख को इस संबंध में एफिडैविट के माध्यम से विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा है, जिसमें थानों में जमा हुए और रीलिज हुए हथियारों की डिटेल और कितने हथियार गायब हैं, उसकी डिटेल मांगी है। 4 वर्ष पहले उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच करवाने की गुहार लगाई थी।