Photos: आंखों के सामने देखा मौत का तांडव... Kasauli घूमने गए 7 दोस्तों ने बयां किया पूरा मंजर

punjabkesari.in Friday, Jul 14, 2023 - 01:50 PM (IST)

लुधियाना (ऋषि): 7 दिनों पहले घर से घूमने के लिए कसौली गए शहर के 7 दोस्तों को यह नही पता था कि आने वाले दिनों में उन्हें काफी बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। किसी तरफ पहाड़ो से नीचे उतरकर अपनी जान बचाकर वीरवार सुबह 3 बजे घर पहुंचे। 3 दिनों तक नैटवर्क उड़ जाने के कारण किसी का भी परिवार से संपर्क नहीं हो पाया जिस कारण परिवार वाले सुबह शाम मंदिरों में जाकर अपने बच्चों के लिए दुआएं करते रहे।

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"पंजाब केसरी" से बातचीत करते हुए अजीत नगर के रहने वाले दिवांशु शर्मा ने बताया कि उसका हौजरी का कारोबार है। गत 6 जुलाई रात 10 बजे अपने मामा के लड़के अनमोल शर्मा, पारस नंदा, भवेश चोपड़ा, ऋषि मलिक, शिवम अग्रवाल और अमित महाजन के साथ घर से घूमने के लिए कसौली गए थे। वे अपनी ब्रीजा और आई-20 कार लेकर गए। सुबह लगभग 10 बजे अपनी मंजिल पर पहुंच गए और एक नदी के किनारे बनी हट किराये पर लेकर घूमने लग पड़े। 8 जुलाई की रात तक सब कुछ ठीक था। अगले दिन सुबह जब वह होटल से जाने के लिए लगभग 11 बजे निकले तो उन्हें पता चला कि जिस पुल को पार कर अभी आए हैं, चंद मिनटों बाद उनकी आंखों के सामने ही टूट गया। वे किसी तरह अपनी कारों के पास पहुंचे तो देखा कि कारें भी पानी में डूब रही हैं। जिस कारण अपनी कारों को वहीं पर छोड़कर जान बचाने के लिए ऊपर पहाड़ों की तरफ भागे। दीवांशु ने बताया कि उनकी तरह हजारों लोग वहां फंसे हुए है जो अपनी कारें सड़कों पर ही पार्क कर अपनी जान बचाने के लिए हमारी तरह पहाड़ों पर चढ़ रहे थे।

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9 जुलाई से पानी के कारण सभी नैटवर्क उड़ गए जिस कारण 3 दिनों तक सभी का अपने परिवार वालों से सम्पर्क टूट गया। फिर उन्हें 3 किलोमीटर की दूरी पर एक होटल मिला, जहां पर 2 दिनों तक अंदर बैठे रहे। पानी कम होने पर वापिस अपनी कारों के पास गए जहां पर क्रेन की मदद की मदद से कारों को रोड पर लेकर आए। फिर जिस होटल के अंदर रुके थे, वहीं पर कारें खड़ी कर दी। तभी वहां के लोगों ने उन्हें बताया कि इन रास्तों को ठीक होने में अब कम से कम 1 महीने का समय लगेगा। एक महीने बाद जाकर वह अपनी दोनों कार वापस लेकर आएंगे। फिर 12 जुलाई को वहां पहुंची रैस्क्यू टीम ने उन्हें बताया कि पहाड़ो को पार कर आगे जाया जा सकता है जिसके बाद सभी पहाड़ों के सफर पर निकले। लगभग 6 किलोमीटर पैदल चलने के बाद पहाड़ों पर पहुंचे। घंटो सफर कर कई पहाड़ चढ़े और उतरे। पहाड़ों पर फिसलन के चलते अपनी मौत नज़र आ रही थी।

15 किलोमीटर के सफर के दिए 2500 रुप
दीवांशु ने बताया कि उसके बाद उन्हेें टैक्सी मिली जिन्होंने 15 किलोमीटर का सफर तय करवाने का एक अल्टो कार का 2500 रुपए चार्जं किया। उसके बाद एक और टैक्सी की जिसने मंडी तक ले जाने के 9 हजार रुपए लिए जो काफी मंहगा था। गत 12 जुलाई शाम 5 बजे मंडी पहुंचे, फिर 6 बजे चंडीगढ़ की बस पकड़ी और रात 12 बजे वहां पहुंचे जिसके बाद सुबह 3 बजे अपने घर आए।

 

 


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Vatika

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