मुख्यमंत्री जिद छोड़ कैट के फैसले का करें सम्मान: AAP

punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2020 - 05:32 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि पंजाब पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस सरकार और संघ लोक सेवा आयोग की भूमिका ने साबित कर दिया है कि देश और राज्यों की नामी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह भी प्रधानमंत्री नरिन्दर मोदी और केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह की जोड़ी के साथ खड़े हैं।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए कैप्टन सिंह की तरफ से पूर्व डीजीपी सुरेश अरोड़ा और मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने दिनकर गुप्ता को नया डीजीपी बनाने के लिए यूपीएससी के पैनल में योग्य/अयोग्य आधिकारियों के नाम डलवाने और निकलवाने के लिए जो साजिश की, वह केंद्र की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि कैप्टन-मोदी-अमित शाह की तिकडी के इस कदम ने यू.पी.एस.सी जैसी नामी संस्था को उसी तरह चोट पहुंचाई जैसे पहले चुनाव आयुक्त , उच्चतम न्यायालय और अन्य संवैधानिक संस्थाओं को पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि दिनकर गुप्ता ही डीजीपी रहेंगे ,न केवल कैट की तौहीन की है, बल्कि शीर्ष अदालत की तरफ से‘प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार'मामलों में सुनाए अदालती आदेशों की भी उल्लघंना है।

आप नेता ने कहा कि इस तरह की तानाशाही प्रतिक्रिया दे कर कैप्टन सिंह शायद यह भूल गए हैं कि वह अब‘पटियाला रियासत'की गद्दी पर नहीं बल्कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं। चीमा ने कैप्टन सिंह को सलाह दी कि वो डीजीपी मामले में कैट के फैसले को तुरंत प्रभाव लागू करें और जिद छोड़कर सरकारी पैसा और अदालतों का समय बर्बाद न करें । उन योग्य पुलिस आधिकारियों को मैरिट के आधार पर इंसाफ दें जिनकी वरिष्ठता को नजरंदाज किया गया । उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों की अकुशलता के कारण राज्य के अधिकारों और संघीय ढांचे को लगातार चोट लगती आ रही है जो राज्य के बेहतर भविष्य के लिए घातक है। 


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