उम्मीद करता हूं किसानों के आंदोलन की तस्वीरों से पिघलेगी केंद्र सरकार: कैप्टन

punjabkesari.in Friday, Sep 25, 2020 - 07:28 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कोविड-19 महामारी और चिलचिलाती धूप में प्रदर्शन करते किसानों की दर्द भरी तस्वीरों से केंद्र सरकार पिघलेगी और कृषि कानून वापस लेगी, जो अन्यथा कृषि क्षेत्र को तबाह कर देंगे। मुख्यमंत्री ने यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार नेे किसान व किसानी विरोधी कृषि विधेयक लाकर किसानों को मजबूर कर दिया है कि वह कोविड के खतरे के बीच भीषण गर्मी के मौसम में सड़कों पर उतर कर आंदोलन करें। 

उन्होंने कहा कि शायद पंजाब और अन्य राज्यों में प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों की व्यथित करने वाली तस्वीरें केंद्रीय नेतृत्व के मन को छुएं। शायद भाजपा को अपनी गलती महसूस हो। कैप्टन ने दोहराया कि इन कानूनों के खिलाफ वह अंतिम सांस तक लड़ेंगे और राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह कृषि विधेयकों को मंजूरी न दें क्योंकि न सिर्फ इनसे पंजाब की अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी प्रभावित होगी और लाखों किसानों व उनके परिवारों की जिंदगियां बर्बाद हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कृषि विधेयकों पर शिरोमणि अकाली दल के दोहरे रवैये की आलोचना भी की और कहा कि किसान शिअद के ‘मगरमच्छी आंसुओं‘ को खारिज कर चुकी है। 

शिअद ने आज ‘चक्का जाम‘ किया था। कैप्टन ने कहा कि शिअद का दोहरा रवैया इस तथ्य से सामने आ जाता है कि वह किसान विरोधी केंद्र सरकार का हिस्सा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि हरसिमरत कौर बादल का केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने का ‘स्वांग‘ किसानों को शिअद की गंभीरता का विश्वास दिलाने के लिए काफी नहीं है। मुख्यमंत्री ने शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के केंद्र सरकार से नाता न तोड़ने पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि पंजाब के किसानों ने अकाली नेताओं की चालें देख ली हैं और वह शिअद को सत्ता सुख भोगने व किसानों के हितैषी बनने का दोमुंहापन बर्दाश्त नहीं करेंगे।


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Mohit

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