केंद्रीय जेल से लगातार मिल रहा अवैध सामान, बना चिंता का विषय

punjabkesari.in Wednesday, Aug 09, 2023 - 06:03 PM (IST)

अमृतसर : अमृतसर की केंद्रीय जेल में बंद हवालातियों से लगातार बरामद हो रहे मोबाइल फोन व नशीला पदार्थ एक चिंता का विषय बन चुका है। वहीं दूसरी तरफ विडंबना यह है कि जेल प्रशासन इस आवाज सामान के जेल परिसर में आने के रास्तों की निशानदेही करने की जगा अपनी पीठ थपथपा रहा है। पिछले कुछ दिनों का रिकॉर्ड खंगाले तो जेल में बंद हवालातियों से मोबाइल फोन बरामद होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है।

देर रात जेल में हुए औचक निरीक्षण के दौरान पांच हवालातियों के कब्जे से 1-1 मोबाइल फोन रिकवर किया गया। इन हवालातियों में हवालाती दिलदार सिंह, हवालाती विनोद सह़ोता, हवालाती मंगल सिंह, हवालाती माइकल भट्टी व हवालाती बलदेव सिंह शामिल हैं। फिलहाल अतिरिक्त जेल सुपरिंटैंडैंट हरदीप सिंह की शिकायत पर थाना इस्लामाबाद की पुलिस ने केस दर्ज कर सभी हवालातियों को जांच के लिए प्रोडक्शन वारंट पर लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जेल प्रशासन का ढीलमूल रवैया जेल में बैठे हवालातियों को कई तरह के मंसूबे बनाने के मौके दे रहा है। कई बार इस बात के भी खुलासे हो चुके है कि अंदर बैठे गैंगस्टर व तस्कर बाहर अपने गुर्गों से अपराध को अंजाम दे रहे हैं। समय रहते अगर कोई ठोस कदम न उठाया गया तो जेल से चल रही अपराध की दुनिया समाज के लिए घातक हो जाएगी।

जेल में बंद हवालातियों से लगातार मिल रहे मोबाइल फोन व नशीला पदार्थ चिंता का विषय

केंद्रीय जेल में ही टारगेट किलिंग फिरौती लेने व आतंकी गतिविधियों जैसे संगीन अपराध के मंसूबे बनते हैं। कई बार इसके खुलासे भी हो चुके हैं। बावजूद इसके लगातार बरामद हो रहे मोबाइल फोन कहीं न कहीं पंजाब सरकार एवं जेल प्रशासन की गैर गंभीरता की ओर इशारा कर रहे हैं। पुलिस को कई बार इस बात के प्रमाण भी मिल चुके हैं कि बाहर मांगी जाने वाली फिरौती व गैंगस्टरों द्वारा दी गई धमकी के तार जेल से जुड़े हैं। इसका एकमात्र रास्ता मोबाइल फोन है, अगर जेल से चल रही अपराध की दुनिया को काटना है तो इसके एकमात्र विकल्प मोबाइल फोन को काटना होगा। पंजाब में हर सरकार जेल से होने वाले अपराध पर काबू पाने का दावा तो करती है, मगर आज तक इस पर क्यों काबू नहीं पाया गया, यह एक बड़ा सवाल पंजाब सरकार व जेल प्रशासन की बद नियत की ओर इशारा कर रहा है। जेल में से बंद हवालातियों से लगातार मिल रहे मोबाइल फोन व नशीला पदार्थ चिंता का विषय है।

जेलों में तैयार होते हैं गैंगस्टर व नशा तस्कर

जेलों में बैठे कुख्यात गैंगस्टर व नशा तस्कर अंदर आने वाले हर अपराधी पर अपनी नजर रखते हैं और अपने हिसाब से उन्हें अपने साथ शामिल करने के बाद अपनी अपराधिक दुनिया में ले आते हैं। बाहर आने के बाद यह अपराधी जेल में बैठे अपने आकाओं के इशारों पर काम करते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए भी यह जरूरी है कि जमानत पर बाहर आने वाला अपराधी वापस अपने आका से जेल में मोबाइल के रास्ते कोई संपर्क न कर पाए।

कुछ सुलगते सवाल

-किन रास्तों से जेल में जा रहा अवैध सामान?

-जेलों में कौन लेकर जा रहा मोबाइल व अवैध सामान?

-जेल प्रशासन क्यों नहीं पहचान रहा काली भेड़ें?

-क्या भ्रष्टाचार के कारण नहीं लग पा रही इन पर रोक?

यह कुछ ऐसे सुलगते सवाल हैं, जो सीधे-सीधे भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहे हैं। समय रहते अगर इन अनसुलझे सवालों के जवाब न ढूंढे गए तो जेलों में बैठे कुख्यात अपराधी समाज को अपने डंडे से चलाएंगा।

काली भेड़ों को पकड़ना समय की जरूरी

जेल में चल रहे मोबाइल व अन्य प्रतिबंधित सामान की सप्लाई के गोरखधंधे को बेनकाब करने के लिए उन काली भेड़ों को पकड़ना जरूरी है, जिनकी मिलीभगत से यह सामान हवालातियों तक पहुंचाया जा रहा है। कई सालों से लगातार मोबाइल मिलने की घटनाएं यह साबित कर रही है कि जेल प्रशासन किस कदर कमजोर व लाचार है कि आज तक उन लोगों को नहीं पकड़ पाया जो इस धंधे को जेल में बैठकर ऑपरेट कर रहे हैं।

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News Editor

Kalash

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