विदेश जाने वाले Students के लिए अहम खबर, अब सामने आया ये बड़ा Scam

punjabkesari.in Thursday, Oct 06, 2022 - 02:02 PM (IST)

जालंधर(सुधीर): पंजाब की युवा पीढ़ी को डॉलरों-पौंडों के सुनहरी स्वप्न दिखा कर उनसे लाखों-करोड़ों की ठगी करने के मामले तो अक्सर सामने आते रहते हैं, वहीं जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने कुछ दिन पहले विदेश भेजने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने के मामले में 18 ट्रैवल कारोबारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए थे, अभी उक्त ट्रैवल कारोबारियों को कमिश्नरेट पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

वहीं अब पढ़ाई के तौर पर विदेश जाने वाले छात्रों के इंगलिश टैस्ट में ‘प्रॉक्सी टैस्टिंग’ का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। छात्रों को इंगलिश टैस्ट पास करवाने वाली कंपनी के एक अधिकारी को जब इस फर्जीवाड़े का पता चला तो उसके होश उड़ गए। इसके चलते उसने अपनी ही कंपनी के एक कर्मचारी सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ कमिश्नरेट पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई।कमिश्नरेट पुलिस ने कंपनी के अधिकारी की शिकायत के बाद कंपनी के कर्मचारी सहित पंजाब के अलग-अलग शहरों व गुजरात के कुल 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। जालंधर में प्रॉक्सी टैस्टिंग का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने पर कई ट्रैवल कारोबारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि इंगलिश में कमजोर विद्याॢथयों से लाखों रुपए ऐंठे जाते थे।सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में कई ट्रैवल कारोबारियों की भी सांठ-गांठ होने की आशंका है। फिलहाल मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से फरार बताए जा रहे हैं। कमिश्नरेट पुलिस द्वारा आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।


अंग्रेजी में कमजोर छात्रों को ही बनाते थे शिकार
आम तौर पर देखा जाए तो राज्य भर के छात्रों को पढ़ाई के तौर पर विदेश जाने का क्रेज है, जिसके चलते रा’य भर में बड़ी संख्या में ट्रैवल कारोबारियों ने अपने दफ्तर खोल रखे हैं और राज्भ भर में भारी तादाद में छात्र रोजाना विदेश जाने की चाह में ट्रैवल कारोबारियों के दफ्तरों में चक्कर काटते दिखते हैं।आम तौर पर देखा जाए तो विदेश में पढ़ाई के तौर पर जाने के चाहवान छात्रों को वीजा आवेदन पत्र अप्लाई करने से पहले आईलैट्स या अंग्रेजी भाषा की जानकारी होने के चलते कई अन्य टैस्ट पास करना भी अनिवार्य होता है। अंग्रेजी में कमजोर छात्रों को टैस्ट पास करने में मुश्किल आती है जिसके चलते कई ट्रैवल कारोबारियों की मिलीभगत के साथ प्रॉक्सी टैस्टिंग का फर्जीवाड़ा चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि टैस्ट पास करवाने के लिए छात्रों से लाखों रुपए की डील की जाती है।

सी.सी.टी.वी. फुटेज व रिकार्डिंग चैक करने पर पता चला फर्जीवाड़ा 
सूत्रों के मुताबिक इस सारे फर्जीवाड़े का जब कंपनी को पता चला तो कंपनी के अधिकारी ने खुद अपने स्तर पर जांच करवाई तो उसमें कंपनी का एक कर्मचारी ही मास्टरमाइंड निकला। जांच में पता चला कि कंपनी के कर्मचारी की मिलीभगत से पेपर के समय मिलते-जुलते नाम (गगनदीप सिंह, गगनदीप सिंह बराड़) वाले 2 लोगों को एक साथ बैठा कर टैस्ट करवाते थे। सी.सी.टी.वी. फुटेज व रिकार्डिंग चैक करने पर इस फर्जीवाड़े का पता चला है।


जितने बैंड, उसी हिसाब से होती थी डील
सूत्रों के मुताबिक कुछ ट्रैवल कारोबारियों की मिलीभगत के साथ प्रॉक्सी टैसिं्टग के मामलों को अंजाम दिया जा रहा है जो कि अंग्रेजी में कमजोर छात्रों के साथ अ‘छे बैंड लेने के मामले को लेकर पहले ही डील कर लेते हैं। अगर पुलिस विभाग इस मामले की गहराई से जांच करे तो कई लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। इस दौरान जितने विद्यार्थियों के बैंड होते हैं उसी हिसाब से डील होती है।

विदेश भेजे छात्रों की जांच जारी 
डी.सी.पी. इन्वैस्टीगेशन जसकिरणजीत सिंह तेजा ने बताया कि मामले की शिकायत मिलने व जांच के बाद ही पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस इस फर्जीवाड़े के दौरान कौन-कौन से छात्रों को उक्त लोगों ने सर्टीफिकेट जारी कर विदेश भेजा है, की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले में दूतावास से भी सम्पर्क किया जाएगा। अगर इस मामले में किसी ट्रैवल कारोबारी या किसी अन्य की भूमिका सामने आई तो कमिश्नरेट पुलिस द्वारा उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यू.के. में हुआ था बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा, भारी तादाद में बंद हुए थे प्राइवेट कालेज 
कुछ समय पहले यू.के. सरकार ने पढ़ाई के तौर पर यू.के. जाने के चाहवान छात्रों को वीजा नियमों में ढील दी थी। इस दौरान टीयर 4 स्कीम के चलते भारी तादात में भारतीय छात्रों ने अपना आवेदन पत्र अप्लाई किया था। यू.के. सरकार द्वारा वीजा नियमों में ढील को देखते हुए राज्य भर के कई ट्रैवल कारोबारियों ने इस स्कीम का खूब फायदा उठाया, जिसके चलते उन्होंने वहां कई प्राइवेट कालेजों से डील कर मोटी कमीशन डकारने के लिए छात्रों को फर्जीवाड़ा कर वहां के प्राइवेट कालेजों में दाखिला दिलवा दिया जबकि कुछ ने तो वहां किराए के छोटे-छोटे कमरों में खुद ही प्राइवेट कालेज खोल लिए थे। इस दौरान रा’य भर में इन ट्रैवल कारोबारियों ने छात्रों को यू.के. भेज कर उनसे करोड़ों रुपए कमाए थे। यू.के. सरकार को जब इस फर्जीवाड़े का पता चला तो उन्होंने वीजा नियमों में सख्ती करते हुए भारी तादाद में प्राइवेट कालेजों के लाइसैंस को सस्पैंड कर दिया। इसके चलते भारतीय छात्रों के करोड़ों रुपए प्राइवेट कालेजों में डूब गए। सूत्रों के मुताबिक अभी भी कई ट्रैवल कारोबारी यू.के. जाने वाले छात्रों से फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए की ठगी मार रहे हैं। यू.के. सरकार को अब फर्जीवाड़े के सारे खेल का पता चल चुका है। पढ़ाई के तौर पर वहां गए छात्रों को वहां काम करने में भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यू.के. सरकार ने वहां के हालात को देखते हुए एक बार फिर सख्ती करने का फैसला किया है। इस फर्जीवाड़े को लेकर कई ट्रैवल कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।


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Content Writer

Vatika

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