इन्दिरा आवास योजना: गरीब परिवारों के हक पर पड़ रहा डाका!
punjabkesari.in Thursday, Apr 20, 2017 - 02:28 PM (IST)

जलालाबाद (गुलशन): केन्द्र की पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यू.पी.ए.) सरकार की देश में प्रत्येक गरीब परिवार को सिर पर छत मुहैया करवाने की महत्वाकांक्षी योजना 5 वर्ष तक अधर में लटकने के बाद, इस पर भ्रष्टाचार का साया पड़ता नजर आ रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो ऐसा ही लगता है। नियमों के विपरीत कई मध्यम वर्गीय व ऐसे परिवार जो कि आर्थिक तौर पर सुदृढ़ थे, ने अपनी राजनीतिक सिफारिश अथवा सियासी पहुंच के कारण भी इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया, जिस कारण इस योजना का लाभ सही जरूरतमंद परिवार तक पहुंचाने के लिए संबंधित विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। कुल मिलाकर कहा जाए तो राजनीतिज्ञों की आड़ में गरीब परिवारों के हक पर डाका पड़ रहा है।
सत्ता परिवर्तन के साथ बदला योजना का नाम
इन्दिरा आवास योजना के तहत पूर्व यू.पी.ए. सरकार ने अपने कार्यकाल में वर्ष 2011 में इसकी शुरूआत की थी। इस योजना का मकसद देश में स्लम बस्तियों में स्थापित झुग्गी-झोंपडिय़ों को खत्म कर ऐसे परिवार जोकि खुले आसमान तले रहने को विवश थे, को सिर पर छत मुहैया करवाना था। केन्द्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा। इस प्रोजैक्ट की शुरूआत में ही पंजाब को भी इस योजना में शामिल किया गया। जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद व ग्राम पंचायतों के सहयोग से जरूरतमंद परिवारों को इस सुविधा का लाभ देने के लिए ऐसे परिवारों का चयन करने की योजना पर जोर-शोर से काम शुरू किया गया। वर्ष 2014 में केन्द्र में सत्ता परिवर्तन के साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.) सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना रख दिया।
योजना पर भारी पड़ा भ्रष्टाचार
जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 में इन्दिरा आवास योजना के तहत जिला फाजिल्का के अंतर्गत पड़ते अबोहर, बल्लूआना, जलालाबाद व फाजिल्का विस क्षेत्रों से विभाग को कुल 21 हजार आवेदन प्राप्त हुए। इस योजना में भ्रष्टाचार का कितना बोलबाला है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 6 वर्ष पश्चात विभाग द्वारा की गई पड़ताल में 6000 आवेदनकत्र्ताओं को फर्जी पाया गया। विभाग ने तुरंत प्रभाव से ऐसे आवेदकों के आवेदन रद्द कर दिए हैं, जिसके बाद अब जिले भर से 16 हजार आवेदनकत्र्ताओं को सिर पर छत मुहैया होने की उम्मीद बंधती हुई नजर आ रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल किए आवेदकों को मिलेगी सहायता राशि
विभाग द्वारा जिन आवेदकों को प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल किया गया है उनको मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा ऑनलाइन 3 किस्तों में पैसा लाभपात्र के सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। विभाग ने इसके लिए आवेदनकत्र्ताओं के बैंक खाते, आधार कार्ड व राशन कार्ड जैसे दस्तावेज जुटाने को कहा है।
सत्ता परिवर्तन के साथ बदला योजना का नाम
इन्दिरा आवास योजना के तहत पूर्व यू.पी.ए. सरकार ने अपने कार्यकाल में वर्ष 2011 में इसकी शुरूआत की थी। इस योजना का मकसद देश में स्लम बस्तियों में स्थापित झुग्गी-झोंपडिय़ों को खत्म कर ऐसे परिवार जोकि खुले आसमान तले रहने को विवश थे, को सिर पर छत मुहैया करवाना था। केन्द्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा। इस प्रोजैक्ट की शुरूआत में ही पंजाब को भी इस योजना में शामिल किया गया। जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद व ग्राम पंचायतों के सहयोग से जरूरतमंद परिवारों को इस सुविधा का लाभ देने के लिए ऐसे परिवारों का चयन करने की योजना पर जोर-शोर से काम शुरू किया गया। वर्ष 2014 में केन्द्र में सत्ता परिवर्तन के साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.) सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना रख दिया।