इंदिरा गांधी का बुत पंजाब में नहीं लगने दिया जाएगा:ज्ञानी जगतार सिंह

punjabkesari.in Wednesday, Nov 01, 2017 - 12:00 PM (IST)

अमृतसर (ममता): जून 1984 में हिन्दुस्तान की कांग्रेस सरकार के आदेश पर सेना द्वारा हमला करके श्री अकाल तख्त साहिब को गिराने वाली पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले भाई बेअंत सिंह की 33वीं बरसी अलग-अलग राजनीतिक व धार्मिक संगठनों की ओर से मनाई गई।

इस दौरान श्री हरिमन्दिर साहिब में झंडे बुंगे के नजदीक कमरे में रखे श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाला गया। इस दौरान सतवंत सिंह के भाई सुखविन्द्र सिंह को सिरोपा दिया गया जबकि भाई बेअंत सिंह के परिवार के किसी भी मैंबर के उपस्थित न होने कारण उनका सिरोपा भाई कंवरपाल सिंह बिट्टू को देकर परिवार तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए। इस दौरान श्री हरिमंदिर के हैड ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह ने कहा कि ऑप्रेशन ब्लू स्टार सिख पंथ के लिए जहां असहनीय घटना थी, वहीं कांग्रेस सरकार की सिखों प्रति नीति भी सिखों को बर्बाद करने वाली हमेशा से ही रही है।

ऑप्रेशन ब्लू स्टार का दुखान्त इंदिरा गांधी के लम्बे समय से सुरक्षा गार्डों में विशेष भूमिका निभाते आ रहे सिखों से सहन नहीं हुई और उन्होंने बदले की नीयत के साथ यह कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी का बुत पंजाब में नहीं लगने दिया जाएगा। भाई बेअंत सिंह को तो मौके पर बाकी गार्डों ने शहीद कर दिया परन्तु भाई सतवंत सिंह घायल होने कारण कई साल केस का सामना करते रहे और 6 जनवरी 1992 को फांसी पर लटका दिए गए। उन्होंने कहा कि सिख कौम का इतिहास कुर्बानियों के साथ भरा हुआ है।

जब भी किसी ने सिख पंथ को बर्बाद करने का सपना लिया तो वह खुद ही तबाह हो गया और सिखों ने उसे लोहे चने जरूर चबवाए। अब कुछ लोग पंजाब के माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं जबकि सिख अमन पसंद शहरी हैं और अमन के साथ जीवन व्यतीत करना चाहते हैं।वर्णनयोग्य है कि शिरोमणि समिति के प्रधान किरपाल सिंह बडूंगर इस समय अमृतसर में मौजूद होने के बावजूद भी इस समागम में शामिल नहीं हुए और न ही बादल दल का कोई अन्य सदस्य उपस्थित हुआ। 


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