इंद्रजीत सिंह ड्रग केस में SSP मोगा राजजीत सिंह का नाम सामने आने पर सरकार  सवालों के घेरे में

punjabkesari.in Thursday, Nov 30, 2017 - 09:17 AM (IST)

जालंधर  (रविंदर शर्मा): इंद्रजीत सिंह ड्रग केस में एस.एस.पी. मोगा राजजीत सिंह का नाम आने के बाद पनपा विवाद आने वाले दिनों में गंभीर रूप धारण कर सकता है। एस.एस.पी. मोगा राजजीत सिंह ने स्पैशल टास्क फोर्स के चीफ हरप्रीत सिंह सिद्धू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह जानबूझ कर निजी रंजिश के कारण उन्हें झूठे केस में फंसा रहे हैं। सीधे तौर पर एस.एस.पी. राजजीत ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा बनाई गई एस.टी.एफ. पर सवाल खड़े किए थे। जिस तरह से राजजीत सिंह ने एस.टी.एफ. चीफ पर आरोप लगाए हैं, उससे आने वाले दिनों में पी.पी.एस. व आई.पी.एस. लाबी के भी एक-दूसरे के आमने-सामने आने की संभावना है। 


अगर ऐसा होता है तो यह पंजाब सरकार के लिए गंभीर संकट होगा। 2 पुलिस अधिकारियों का इस तरह खुले तौर पर एक-दूसरे के खिलाफ आने को मुख्यमंत्री आफिस ने भी गंभीरता से लिया है और एडीशनल चीफ सैक्रेटरी (गृह) निर्मलजीत सिंह कलसी से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कांग्रेस सरकार आते ही नशे पर लगाम लगाने के लिए स्पैशल टास्क फोर्स का गठन किया था। इसका चीफ आई.पी.एस. अधिकारी हरप्रीत सिंह सिद्धू को लगाया गया था। जून, 2017 में एस.टी.एफ. टीम ने छापामारी कर इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह को गिरफ्तार किया था। इंद्रजीत सिंह के पास से भारी मात्रा में अवैध हथियार और नशा भी बरामद किया गया था। आरोप था कि इंद्रजीत सिंह न केवल ड्रग माफिया को संरक्षण देता था, बल्कि खुद भी पूरे माफिया के साथ मिलकर ड्रग की तस्करी कर रहा था। 


जांच में यह बात भी सामने आई थी कि जहां-जहां पी.पी.एस. अधिकारी राजजीत सिंह की नियुक्ति हुई, वहां-वहां उन्होंने इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह को अपने साथ रखा। आरोप यह भी था कि राजजीत सिंह की शह पर ही इंद्रजीत सिंह इतने बड़े पैमाने पर इस खेल को खेल रहा था। राजजीत सिंह को एस.टी.एफ. ने पूछताछ के लिए भी बुलाया था। कुछ दिन पहले एस.टी.एफ. ने इंद्रजीत ड्रग मामले में मोहाली की अदालत में चार्जशीट फाइल की थी। चार्जशीट में एस.टी.एफ. ने एस.एस.पी. मोगा राजजीत सिंह को भी पार्टी बनाया है। बस इसके बाद से ही एस.एस.पी. राजजीत भड़क गए थे और उन्होंने एडीशनल चीफ सैक्रेटरी (गृह) निर्मलजीत सिंह कलसी को 2 पन्नों की चिट्ठी  लिख एस.टी.एफ. चीफ पर गंभीर आरोप लगाए थे और  पूरे मामले की निष्पक्ष एजैंसी से जांच करवाने की मांग की थी।  चिट्ठी लिखने के बाद एस.एस.पी. मोगा ने छुट्टी भी ले ली है। जिस तरह से एक पी.पी.एस. अधिकारी ने खुले तौर पर आई.पी.एस. अधिकारी पर आरोप लगाए हैं, उससे दोनों लाबी में तनातनी हो गई है। पूरे मामले में पी.पी.एस. व आई.पी.एस. लाबी के आमने-सामने आने की संभावना है। पंजाब केसरी में खबर छपने के बाद पंजाब सरकार भी हरकत में आ गई है। सी.एम. आफिस ने एडीशनल चीफ सैक्रेटरी (गृह) निर्मलजीत सिंह कलसी से पूरे मामले में तुरंत प्रभाव से रिपोर्ट मांगी है। 

 

सरकार पर भी उठने लगे सवाल, अगर नाम था तो एस.एस.पी. क्यों
पूरे मामले में जिस तरह से एक पी.पी.एस. अधिकारी ने एस.टी.एफ. चीफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उससे पंजाब सरकार भी कटघरे में आ गई है। पंजाब सरकार पर भी सवाल उठने लगे हैं। पुलिस अधिकारियों की एक बड़ी लाबी का कहना है कि अगर सरकार को पता था कि इंद्रजीत सिंह ड्रग केस में पी.पी.एस. अधिकारी राजजीत सिंह का नाम आ रहा है और उनका नाम चार्जशीट में डाला जा रहा था तो सरकार ने एस.एस.पी. मोगा जैसी अहम पोस्ट पर उन्हें क्यों बिठाए रखा। आरोप तो यह भी है कि सरकार की ओर से गठित एस.टी.एफ. पर विश्वास न जताकर आखिर एस.एस.पी. राजजीत सिंह क्यों इंद्रजीत सिंह ड्रग केस की जांच एक निष्पक्ष एजैंसी से करवाने की मांग उठा रहे हैं। 


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